एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस जागरूकता सप्ताह में गतिविधियां आयोजित
बीकानेर, 21 नवंबर। यदि आप बिना डॉक्टर के परामर्श के एंटीबायोटिक दवाएं ले लेते हैं तो इस आदत को तत्काल छोड़ें। इससे ये जरूरी दवाएं आप पर बेअसर हो सकती है। आमजन को एंटीबायोटिक दवाओं के अनर्गल उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 नवंबर तक वर्ल्ड एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस अवेयरनेस वीक मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम के अनुसार स्वास्थ्य भवन परिसर से नीले बैलून छोड़कर सप्ताह शुरू किया गया। राज्य स्तर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वेबिनार का आयोजन कर चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व फार्मासिस्ट को जागरूक किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोधकर्ताओं के अनुमान के मुताबिक़ एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस के कारण 2019 में 1.27 मिलियन मौतें हुईं। संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार किया जाता है पर जब आप इन्हें लगातार और जरूरत से ज्यादा लेते हैं, तब आपका शरीर इनके प्रभाव के विरुद्ध काम करने लगता है जिससे दवाएं असर करना ही बंद कर देती हैं। यह खतरनाक स्थिति है।
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि सप्ताह के दौरान सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी। साथ ही आमजन को भी जागरूक किया जाएगा ताकि एंटीबायोटिक के बेजा इस्तेमाल को रोका जा सके। उद्घाटन कार्यक्रम में जिला एनसीडी सलाहकार इंद्रजीत सिंह ढाका, प्रदीप कुमार चौहान, अशोक व्यास, इमरान खान, दिनेश श्रीमाली, दाऊ लाल ओझा, दिनेश राणा सहित नर्सिंग कर्मचारी मौजूद रहे।
क्या है एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस
डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस यानी रोगाणुरोधी प्रतिरोध तब होता है, जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और दूसरे पैरासाइट समय के साथ ट्रांसफॉर्म हो जाते हैं। उन पर दवाओं का कोई असर नहीं होता है। इससे संक्रमण का इलाज करना कठिन हो जाता है। जिससे बीमारी फैलने, गंभीर बीमारियों और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
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