NATIONAL NEWS

एनआरसीसी में दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का शुभारम्भ

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare


बीकानेर। 13 मार्च, 2023 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बीकानेर के सहयोग से आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आज केन्द्र-सभागार में शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर वैज्ञानिक वार्ता एवं वैज्ञानिक प्रदर्शनी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, राजुवास, बीकानेर तथा अन्य कॉलेजों के विज्ञान संकाय से जुड़े लगभग 50 से अधिक विद्यार्थियों, अनुसंधानकर्ताओं, अध्यापकों, वैज्ञानिकों आदि ने सक्रिय सहभागिता निभाईं।
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री ओमप्रकाश, अतिरिक्त जिला कलक्टर, बीकानेर ने कहा कि विज्ञान का जीवन में विशेष महत्व है क्योंकि यह विषय वस्तु को अन्धविश्वास आदि से परे रखते हुए उसे प्रमाणिकता प्रदान कराता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में हमारे देश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, इसके फलस्वरूप आज से लगभग 92 वर्ष पूर्व हमारे देश के ‘सर‘ सी.वी.रमन को नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया साथ ही वैज्ञानिक सोच विकसित करना, हमारे देश के संविधान के मौलिक कर्त्तव्यों के रूप में भी उल्लेखित है। अतः देश की उतरोत्तर प्रगति हेतु न केवल विद्यार्थियों अपितु देश के प्रत्येक नागरिक को एक तार्किक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने दैनंदिन जीवन में विज्ञान के महत्व एवं उपलब्धियों के साथ विकसित तकनीकी के दूरगामी परिणामों आदि पहलुओं पर भी बात कहीं। उन्होंने एन.आर.सी.सी. को उष्ट्र प्रजाति संबद्ध देश का उत्कृष्ट संस्थान के रूप में इसकी अनुसंधान उपलब्धियों एवं संस्थान की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि उष्ट्र पालन व्यवसाय को लोकप्रिय, सरल एवं लाभप्रद बनाने के लिए ऊँटनी के दूध आदि उत्पादों की मार्किट मांग को बढ़ाना होगा।
इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.आर्तबन्धु साहू ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विज्ञान के साथ हमारे जीवन की प्रत्येक प्रक्रिया जुड़ी हुई हैं । डॉ.साहू ने कहा कि परिवर्तित परिदृष्य में इस धरती पर जीवन यापन के दौरान अनेक प्रकार की समस्याएं एवं चुनौतियां सामने आ रही हैं परंतु मानव जीवन की श्रेष्ठता को आधार मानते हुए यहां विचरण करने वाले सभी जीव-जंतुओं आदि को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि हमें विज्ञान एवं विकास के तहत प्रकृति प्रदत्त संसाधनों के दोहन को रोकने के बारे में विचार करना चाहिए। विज्ञान दिवस मनाए जाने के अवसर को डॉ.सी.वी.रमन की वैज्ञानिक उपलब्धियों से जोड़ते हुए उन्होंने सभी विषयों में विशेष ज्ञान रूपी विषय ‘विज्ञान‘ के विद्यमान (समाहित) होने की बात कहीं।
समारोह में अतिथि के रूप में डॉ.जी.पी.सिंह, प्राचार्य, राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर ने कहा कि महान वैज्ञानिक डॉ.सी.वी.रमन द्वारा विकसित ‘रमन प्रभाव‘ के कारण विश्व पटल पर भारत का नाम उभर कर सामने आया। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग, पश्चिमी राजस्थान में मानव सभ्यता के विकास में ऊँट की उपयोगिता एवं इसके द्वारा समाजार्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना आदि के संबंध में अपने विचार रखें।
वैज्ञानिक वार्ता के तहत निदेशक डॉ.साहू ने ‘ऊँटनी के दूध के चिकित्सीय गुण‘ तथा डॉ.राकेश रंजन, प्रधान वैज्ञानिक ने ‘दवा और निदानिकी के स्रोत के रूप में ऊँट‘ विषयक व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए इस प्रजाति की वैज्ञानिक उपादेयता को विद्यार्थियों के समक्ष रखा। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.वेद प्रकाश, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने विज्ञान दिवस समारोह मनाने के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही इस दो दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम का संचालन, कार्यक्रम सह-समन्वयक डॉ.श्याम सुंदर चौधरी, वैज्ञानिक ने किया। इस अवसर पर वैज्ञानिक वार्ता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!