कर्ज उतारने के लिए कोख का 3 लाख में सौदा:महिला बोली- प्रेग्नेंट नहीं हुई तो गर्भ से ऐग निकाले; कमरे में लॉक कर रखा

महिला अगस्त 2023 में अलवर आई थी। उसका कहना है कि अब आईवीएफ सेंटर वाले उसे दूसरी लड़की और महिलाओं काे लाने की कह रहे हैं।
कर्ज उतारने के लिए तलाकशुदा महिला ने 3 लाख रुपए में अपनी कोख का सौदा किया। जब महिला प्रेग्नेंट नहीं हुई तो उसके गर्भ से ऐग निकाल लिए। मामला अलवर का है। पीड़िता ने शनिवार रात को कोतवाली थाने में प्रिबगौम बेबी सेंटर के संचालक के डॉ. पंकज गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। महिला की जुबानी कोख के दर्द की कहानी..
मैं झारखंड निवासी 32 साल की तलाकशुदा महिला हूं। मुझ पर 80 हजार रुपए का कर्ज है। बीते साल गूगल से पता चला कि अलवर में टेस्ट ट्यूब बेबी या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के लिए किराए पर कोख देने से पैसा मिल सकता है। इसके लिए सेंटर से संपर्क किया तो 3 लाख रुपए देने की बात हुई।
मुझे 18 अगस्त को 2023 को झारखंड से अलवर बेबी सेंटर लाया गया। कहा गया था कि IVF तकनीक से बच्चे को जन्म देना है। बच्चे के जन्म के बाद 3 लाख रुपए मिल जाएंगे। शुरुआत में 22 हजार 500 रुपए दिए।
सेंटर में रहने के दौरान प्रेग्नेंट नहीं हुई तो सेंटर वालों ने पैसे देने से मना कर दिया गया। अब बोल रहे हैं कि कोई दूसरी लड़की लाओ, जो बच्चे को जन्म दे सके। सेंटर वाले मुझे बिना पैसे दिए भगाना चाहते हैं।

महिला का कहना है कि वह जैसे-तैसे बचकर पुलिस तक पहुंची। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
गर्भ से ऐग निकालने का आरोप लगाया
सेंटर पर मुझे 4 महीने से दवाई और इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। पता चला कि गर्भ से मेरे ऐग निकाल लिए गए हैं। ऐग निकाले जाने के बाद खूब दर्द हुआ। हर बार दवा दी गई। एक दिन मैंने नर्सिंग स्टाफ से पूछा कि दर्द इतना क्यों होता है। तब बताया कि ऐग निकलने के बाद दर्द होता है। ऐसे काम में ऐग निकाल लिए जाते हैं।
मुझे कमरे में लॉक कर चले जाते हैं। सुबह-शाम कहीं नहीं जा सकती। दिन में थोड़ी देर बाहर जाने दिया जाता है। बराबर निगरानी रखी जाती है। इस कारण कहीं शिकायत नहीं कर सकी। अब मौका मिला तो थाने आई।
मैं झारखंड से पहली बार आई हूं। मेरे साथ कर्ज की मजबूरी रही, इसलिए आना पड़ा। मेरे आगे पीछे कोई नहीं है। मां-पिता की मौत हो चुकी है। मैं अकेली ही रहती हूं। मेरे अलावा भी कई महिलाएं हैं,जिनके साथ ऐसा किया जा रहा है। सेंटर पर दिल्ली की दो-तीन महिलाएं 50 हजार रुपए में ऐग देने आई थींं।

महिला ने अपनी टेस्ट रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी है। उसका कहना है कि पेट में दर्द होने पर जांच करवाई तो पता चला कि उसके ऐग नहीं है।
नुकसान की भरपाई हो, सही सलामत घर जाना चाहती हूं
मैं पुलिस और मुख्यमंत्री से कहना चाहती हूं कि मुझे सही सलामत घर पहुंचाया जाए। सेंटर ने जितना मुझे नुकसान पहुंचाया है, उसकी भरपाई करें। मैंने पुलिस को शिकायत कर दी है। अब मैं घर जाना चाहती हूं, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया जा रहा है।

महिला को अब सखी सेंटर शिफ्ट किया गया है।
सेंटर संचालक बोले- महिला झूठ बोल रही
सेंटर संचालक डॉ. पंकज गुप्ता से जब इस बारे में बात की तो कहा- महिला इलाज के लिए आई थी। इसके पेट में दर्द था। जांच के बाद डॉक्टर ने दवा लिख दी थी। पता नहीं इसने कहां से दवा ली थी। इलाज के बाद बोली कि गरीब हूं रहने की जगह दे दो। इसे ऊपर का कमरा दिया था। दो-चार दिन का कहकर यह यहीं रही और मदद के नाम पर पैसे लेती रही। अब इसने पैसे ऐंठने के लिए आरोप लगाए हैं। 3 लाख में डील होने की बात झूठ है। मैं सेंटर पर एमरोलॉजिस्ट भी हूं और लैब का काम भी देखता हूं।
ASP तेजपाल ने बताया कि तलाकशुदा महिला ने मामला दर्ज कराया है। वह अलवर के प्रिबगौम बेबी सेंटर में एडमिट थी। अब उसे अलवर के सखी सेंटर में शिफ्ट किया है। उसका मेडिकल कराया जाएगा।
सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 में 10 साल की सजा का प्रावधान
सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के अनुसार 35 से 45 साल की विधवा या तलाकशुदा महिला और कानूनी रूप से विवाहित महिला और पुरुष सरोगेसी अपना सकते हैं। सरोगेसी के लिए इच्छित जोड़ा कानूनी रूप से विवाहित भारतीय पुरुष और महिला का होगा, पुरुष की आयु 26-55 साल के बीच होगी। महिला की आयु 25-50 साल के बीच होगी और उनके पहले से कोई संतान, गोद लिया हुआ या सरोगेट बच्चा नहीं होगा।
यह अधिनियम व्यवसायिक सरोगेसी पर भी प्रतिबंध लगाता है। इसके लिए 10 साल की सजा और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला के बायोलॉजिकल अंडाणु नहीं निकाले जा सकते हैं।
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