NATIONAL NEWS

घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतें और कोविड से बचने के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन करें – नए कोविड वेरिएंट पर उपराष्ट्रपति

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

उपराष्ट्रपति ने लोगों से जल्द से जल्द टीकाकरण कराने का आग्रह किया

भारत की सफलता विश्व की सफलता है; हमें प्रगति के पथ से कोई नहीं हटा सकता- उपराष्ट्रपति

श्री नायडू ने सभी हितधारकों से भारत को एक बार फिर ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए काम करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने गौतम चिंतामई की पुस्तक ‘द मिडवे बैटल: मोदीज रोलर-कोस्टर सेकेंड टर्म’ का विमोचन किया
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज लोगों से कहा कि नए कोरोना वायरस स्ट्रेन के उभरने से घबराने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने लोगों को इससे सतर्क रहने और महामारी खत्म होने तक उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से किसी भी हिचकिचाहट, यदि कोई हो, को छोड़ने और जल्द से जल्द टीका लगवाने का भी आग्रह किया।

उपराष्ट्रपति ने आज उप-राष्ट्रपति निवास में श्री गौतम चिंतामणि की पुस्तक ‘द मिडवे बैटल: मोदीज रोलर-कोस्टर सेकेंड टर्म’ का विमोचन करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर आई है। उन्होंने वर्तमान में भारत में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की सराहना की।

श्री नायडू ने हाल के वर्षों के दौरान भारत की विख्यात यात्रा पर आधारित इस सामयिक पुस्तक के लिए श्री चिंतामणि की प्रशंसा करते हुए माना कि समकालीन इतिहास लिखना कभी भी आसान काम नहीं होता है। पिछले सात वर्षों में शासन में लाए गए परिवर्तनकारी बदलावों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन 1.3 अरब लोगों को अपनी क्षमता के आधार पर काम करने के लिए सशक्त और सक्षम दोनों बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “चाहे वह जीवन प्रत्याशा हो, वित्तीय समावेशन हो, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच हो, रोजगार हो, अपना घर बनाना हो या उद्यमशीलता की क्षमता का सम्मान हो, भारत के लोगों के जीवन की गुणवत्ता हर गुजरते दिन के साथ बेहतर होती जा रही है।”

उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के तीन शब्द मंत्र – ‘रिफॉर्म (सुधार), परफॉर्म (प्रदर्शन) और ट्रांसफॉर्म (परिवर्तन)’ का हवाला देते हुए वित्तीय समावेशन, बीमा कवरेज, गरीब महिलाओं के लिए एलपीजी कनेक्शन की संख्या और घरों में नल का जल कनेक्शन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में की गई जबरदस्त प्रगति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के सिद्धांत का पालन करते हुए सरकार हर क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रही है। उन्होंने भारत के दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप प्रणाली बनने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह देश में कारोबारी माहौल में सुधार के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स 2020 में भारत की रैंकिंग 63वें स्थान पर पहुंच गई है।”

यह मानते हुए कि हमारे रास्ते में अब भी कई चुनौतियां हैं, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के बाद से भारत ने कई बाधाओं का सामना किया है लेकिन हमने सफलतापूर्वक उनपर विजय हासिल की है। उन्होंने कहा कि हमें प्रगति और मानवता के मार्ग से कोई नहीं हटा सकता। यही कारण है कि भारत की सफलता विश्व की सफलता है। भारत को एक बार फिर ‘विश्वगुरु’ बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने सभी हितधारकों से एक साथ आने और आत्मनिर्भर, समृद्ध, खुशहाल तथा मजबूत भारत बनाने के इस महा-यज्ञ में शामिल होने का आग्रह किया।

पुस्तक ‘द मिडवे बैटल’ को लेखक का एक सराहनीय प्रयास बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पाठकों को समकालीन काल और इसकी कई चुनौतियों की गहरी समझ प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, “हाल के अतीत ने सभी भारतीयों को यह विश्वास दिलाया है कि भारत को एक आत्मनिर्भर विश्व नेता के रूप में उभरना और देखना संभव है।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि भारत की रणनीतिक साझेदारी आपसी सम्मान पर आधारित है और राष्ट्र ने हमारी अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने वाली शत्रु ताकतों को एक दृढ़ प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हम अपने अटूट आत्मविश्वास और हर संभव तरीके से ‘आत्म-निर्भार’ बनने के अपने समर्पण से निर्देशित होते हैं।”

इस पुस्तक विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार श्री कंचन गुप्ता ब्लूम्सबरी इंडिया की संपादक श्रीमती प्रेरणा वोहरा सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!