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चर्च में महिलाओं का रेप करता था:खुद को मसीहा बोलता था साउथ कोरियाई धर्मगुरु, कोर्ट ने दूसरी बार सजा दी, 23 साल जेल में रहेगा

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चर्च में महिलाओं का रेप करता था:खुद को मसीहा बोलता था साउथ कोरियाई धर्मगुरु, कोर्ट ने दूसरी बार सजा दी, 23 साल जेल में रहेगा

साउथ कोरियाई मीडिया में 22 दिसंबर 2023 को धर्मगुरु जंग मायुंग-सेओक की गिरफ्तारी और सजा की खबर दिखाई गई। - Dainik Bhaskar

साउथ कोरियाई मीडिया में 22 दिसंबर 2023 को धर्मगुरु जंग मायुंग-सेओक की गिरफ्तारी और सजा की खबर दिखाई गई।

साउथ कोरिया का धर्मगुरु जंग मायुंग-सेओक महिलाओं को बेहोश करके उनका रेप करता था। लोकल मीडिया के मुताबिक, वो महिलाओं के घर और चर्च में ऐसा करता था। आरोप साबित होने के बाद साउथ कोरियाई सुप्रीम कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को उसे 23 साल की सजा सुनाई।

यह दूसरी बार है जब मायुंग-सेओक को जेल की सजा हुई हो। इसके पहले उसे यौन शोषण के मामले में 10 साल की सजा हुई थी। वो 2008 से 2018 तक जेल में था। हालांकि यह बात साफ नहीं है कि 2008 से पहले उसने कितनी महिलाओं के साथ रेप किया।

जेल से बाहर आने के बाद यानी 2018 से 2022 के बीच उसने 3 और महिलाओं का रेप किया। मामला सामने आने के बाद सुनवाई हुई और दूसरी बार उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया।

साउथ कोरियाई मीडिया में मायुंग-सेओक की यह तस्वीर दिखाई गई। वो पुलिस की गिरफ्त में दिख रहा है।

साउथ कोरियाई मीडिया में मायुंग-सेओक की यह तस्वीर दिखाई गई। वो पुलिस की गिरफ्त में दिख रहा है।

इस खबर में जानते हैं कि इस पूरे मामले की शुरुआत कब और कैसे हुई…
साल- 1974, जगह- साउथ कोरिया का वोल माययोंग-डोंग शहर, मायुंग-सेओक एक चर्च से जुड़ता है। 1978 तक वहां पढ़ाता है।

1980 में मायुंग-सेओक जीजस मॉर्निंग स्टार (JMS) नाम के क्रिस्चियन न्यू रिलिजस मूवमेंट की शुरुआत करता है। धीरे-धीरे यह नया धर्म-संप्रदाय ताइवान, जापान, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों तक फैल जाता है। हजारों लोग से जुड़ते चले जाते हैं। वो मायुंग-सेओक को अपना धर्मगुरु मानने लगते हैं।

लोगों की आस्था और विश्वास को देखते हुए मायुंग-सेओक खुद को मसीहा कहने लगता है। वो खुद को प्रभु यीशु (ईसा मसीह) का अवतार बताता है।

साल 1999 में पहली बार मीडिया में खबर आती है कि मायुंग-सेओक अपनी महिला अनुयायियों का यौन शोषण करता है। इसके बाद 20 मार्च को मायुंग-सेओक साउथ कोरिया से हांगकांग भाग जाता है। वहां से चीन चला जाता है। मामला बढ़ने के बाद 2008 में चीन उसे वापस साउथ कोरिया प्रत्यार्पित कर देता है। यहां उस पर केस दर्ज होता है। मामले की सुनवाई होती है और सुप्रीम कोर्ट उसे 10 साल की सजा सुनाता है।

मायुंग-सेओक खुद को मसीहा कहता था।

मायुंग-सेओक खुद को मसीहा कहता था।

जापान-हांगकांग में भी महिलाओं का यौन शोषण किया
JMS के एक मेंबर ने लोकल मीडिया को बताया था कि 1999 में मायुंग-सेओक साउथ कोरिया से भागकर जापान, ताइवान और हांगकांग गया था। यहां वो अपने अनुयायियों के घर पर रहता था। यहां वो धर्म सभाएं करता था। सभाओं में कम से कम 10 महिला अनुयायियों को बुलाता था।

हेल्थ चेक-अप के नाम पर उनका शोषण करता था। उन्हें बेहोश करके रेप करता था। मायुंग-सेओक महिलाओं से कहता था कि वो उसके आने के बारे में किसी को न बताएं। बताने पर नर्क मिलेगा।

नेटफ्लिक्स पर मायुंग-सेओक के क्राइम्स को दिखाने एक सीरीज भी बनी है।

नेटफ्लिक्स पर मायुंग-सेओक के क्राइम्स को दिखाने एक सीरीज भी बनी है।

इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया था
2003 में ताइवान, जापान, हांगकांग की सरकारें समझ गई थीं कि मायुंग-सेओक यौन शोषण और फ्रॉड जैसे आरोपों से लिप्त है। इसके बाद इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी कर दिया और सभी देशों ने उसे साउथ कोरिया प्रत्यार्पित कर दिया। लेकिन वो प्रत्यार्पण से बच गया और चीन भाग गया। 2006 में साउथ कोरिया ने चीन से आधिकारिक तौर पर मायुंग-सेओक को प्रत्यापित करने के लिए कहा। 2007 में चीन की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। 2008 में चीन ने उसे साउथ कोरिया प्रत्यार्पित कर दिया।

5 महिलाओं से रेप की पुष्टि
लोकल मीडिया के मुताबिक साउथ कोरियाई कोर्ट में उस पर 5 महिलाओं से रेप के चार्च लगाए गए। कोर्ट के बताया गया कि 2001 से 2006 के बीच उसने हांगकांग और चीन में 5 महिलआओं का रेप किया। इसके बाद उसे 6 साल की सजा हुई। यह सजा 4 साल के लिए बढ़ा दी गई। जिसके बाद मायुंग-सेओक ने कुल 10 साल जेल में काटे।

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