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जज्बात रूहानी द्वारा सतरंगी कार्यक्रम धनक का आयोजन

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जज़्बात रूहानी द्वारा ” धनक” सतरंगी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में कला साहित्य और संस्कृति के सात अलग-अलग रूपों को दर्शाया गया। इस कार्यक्रम में काव्य-धारा, मुशायारा,कथाकामल, पुस्तक-वाचन, गद्यात्मक काव्य, गायिकी और नई विधा रैपिंग को सम्मिलित किया गया। कार्यक्रम में कला साहित्य और लेखन से जुड़े सात अलग-अलग क्षेत्रों के बड़े ही मशहूर और सम्माननीय लोगों ने भाग लिया। जर्मनी से सृजनी की संस्थापिका डॉ शिप्रा शिल्पी , दुबई से साहित्य अर्पण की संस्थापिका नेहा शर्मा और रश्मि भल्ला ने इस कार्यक्रम में अपनी कविता और कहानिया पढ़ी। इसके अतिरिक्त मशहूर भाजपा नेता सैयद शाहजहां हुसैन की धर्मपत्नी श्रीमती रेनू हुसैन जी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और बहुत ही बेहतरीन ग़ज़लें पेश की। दिल्ली से मशहूर हास्य कवि विनोद दुबे और लेखक निर्माता निर्देशक मनिल मयंक मिश्रा ने क्रमशः हास्य व्यंग्य और ग़ज़लें पढ़ी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार में कार्यरत गणेश दत्त जी ने कार्यक्रम के शुरुआत ही “मैं मन ही होली” नामक कविता के माध्यम से मानव मन का सूक्ष्म विश्लेषण किया।बीजगुरूकुल के संस्थापक रोहित शर्मा ने अपनी कहानी और ग़ज़ल दोनों ही से सभी के मन को मोह लिया। इसके अतिरिक्त पत्रकार प्रियंका चांदनी ने भी चेन्नई से इस कार्यक्रम में भाग लिया। अरिसूदन यादव ने मधुशाला के इतिहास पर प्रकाश डाला और अमृता प्रीतम की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में अनीसा शेख ने उनकी आत्मा कथा रसीदी टिकट के महत्वपूर्ण अंश पढ़े। विवेक आदत्या, स्वेत्छा प्रसाद, रचना चौधरी और शिद्दत ने भी अपनी अपनी रचनायें पढ़ी। कार्यक्रम के सातवे पड़ाव में ड्रैगन, डेविल और अंतरिक्ष नाम के तीनो बेहतरीन रैपर्स ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से समां बांध दिया। उन लोगों ने बताया कि रैप कविता का ही एक अलग स्वरुप है हाँ कुछ लोग इसमें भाषा का इस्तेमाल करने में भूल कर जाते हैं जिस से सभ्य समाज रैप को अच्छी नज़र से नहीं देखता।
कार्यक्रम की मुख्य-अतिथि राजस्थान से ही सम्बद्ध रखने वाली मुंबई के मशहूर उद्योगपति लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती मंजू लोढ़ा थी। मंजू लोढ़ा जी ने जीवन के कई तथ्यों पर प्रकाश डाला और भारत के सभी राज्यों की खूबसूरती का वर्णन अपनी स्वरचित बहुत ही प्यारी कविता के माध्यम से किया।कार्यक्रम का संचालन जज़्बात रूहानी की संस्थापिका मनीषा कंठालिया एवं श्रुति शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर जज़्बात रूहानी के चैनल पर किया गया। इस कार्यक्रम को देश विदेश में बहुत से कला प्रेमियों ने देखा और सराहा। सात घंटे लम्बे इस कार्यक्रम की परिकल्पना जज़्बात रूहानी ने पिछले डेढ़ महीने में की और इसके करने का मुख्य उदेश्य कला के भिन्न भिन्न क्षेत्रों को करीब लाना था ।

३१ अक्टूबर २०२१ जज़्बात रूहानी llp ने धनक नाम से एक सतरंगी कार्यक्रम का आयोजन एवं सञ्चालन किया। इस कार्यक्रम का नाम धनक इसलिए रखा गया क्यूंकि इसमें कला साहित्य और संस्कृति के सात अलग-अलग रूपों को दर्शाया गया। इस कार्यक्रम में काव्य-धारा, मुशायारा,कथाकामल, पुस्तक-वाचन, गद्यात्मक काव्य, गायिकी और नई विधा रैपिंग को सम्मिलित किया गया। इस कार्यक्रम की विशेषता ये थी कि इसमें कला साहित्य और लेखन से जुड़े सात अलग-अलग क्षेत्रों के बड़े ही मशहूर और सम्माननीय लोगों ने भाग लिया। जर्मनी से सृजनी की संस्थापिका डॉ शिप्रा शिल्पी , दुबई से साहित्य अर्पण की संस्थापिका नेहा शर्मा और रश्मि भल्ला ने इस कार्यक्रम में अपनी कविता और कहानिया पढ़ी। इसके अतिरित्क मशहूर भाजपा नेता सैयद शाहजहां हुसैन की धर्मपत्नी श्रीमती रेनू हुसैन जी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और बहुत ही बेहतरीन ग़ज़लें पेश की। दिल्ली से मशहूर हास्य कवी विनोद दुबे जी और लेखक निर्माता निर्देशक मनिल मयंक मिश्रा ने क्रमशः हास्य व्यंग्य और ग़ज़लें पढ़ी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार में कार्यरत गणेश दत्त जी ने कार्यक्रम के शुरुआत ही मैं मन ही होली नामक कविता के माध्यम से मानव मन का सूक्ष्म विश्लेषण किया।बीजगुरूकुल के संस्थापक रोहित शर्मा ने अपनी कहानी और ग़ज़ल दोनों ही से सभी के मन को मोह लिया। इसके अतिरिक्त पत्रकार प्रियंका चांदनी ने भी चेन्नई से इस कार्यक्रम में भाग लिया। अरिसूदन यादव जी ने मधुशाला के इतिहास पर प्रकाश डाला और अमृता प्रीतम की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में अनीसा शेख ने उनकी आत्मा कथा रसीदी टिकट के महत्वपूर्ण अंश पढ़े। विवेक आदत्या, स्वेत्छा प्रसाद, रचना चौधरी और शिद्दत ने भी अपनी अपनी रचनायें पढ़ी। कार्यक्रम के सातवे पड़ाव में ड्रैगन, डेविल और अंतरिक्ष नाम के तीनो बेहतरीन रैपर्स ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से समां बांध दिया। उन लोगों ने बताया कि रैप कविता का ही एक अलग स्वरुप है हाँ कुछ लोग इसमें भाषा का इस्तेमाल करने में भूल कर जाते हैं जिस से सभ्य समाज रैप को अच्छी नज़र से नहीं देखता।

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