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जम्मू-कश्मीर : हाईब्रिड आतंकियों का नेटवर्क तोड़ने के लिए एनआईए ने डाला घाटी में डेरा

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REPORT BY SAHIL PATHAN

100 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों की टीमें ओजी वर्करों का नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटीं।कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाओं में शामिल हाईब्रिड और पार्टटाइम आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक बड़ी टीम ने कश्मीर में डेरा डाल दिया है। कई बड़े अफसर कश्मीर में कैंप कर रहे हैं। सौ से ज्यादा अफसरों और कर्मियों का अमला स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाकर इस नेटवर्क को तोड़ने पर काम कर रही है। घाटी में 1990 के दशक में जब आतंकवाद चरम पर था, तब भी सेना और पुलिस ने स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर आतंकियों का सफाया किया गया था। आतंकी भी स्थानीय लोगों की पनाह लेकर और युवाओं को बरगला कर उनसे टारगेट किलिंग करवा रहे हैं। पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए एनआईए के अफसर निजी तौर पर पल-पल की गतिविधियों को मॉनिटर कर रहे हैं। एनआईए की टीमों ने देश के अन्य राज्यों में मौजूद ओजी वर्करों का भी पता लगाया है। इन्हें पकड़ने के लिए एनआईए की दूसरी टीमों को लगाया गया है। जानकारी के अनुसार कश्मीर में एनआईए के 100 से ज्यादा अफसर और कर्मी टारगेट किलिंग की साजिश में शामिल लोगों की पहचान और इनकी धरपकड़ के लिए लगाए गए हैं। इनमें एसएसपी स्तर के अफसर भी कश्मीर में मौजूद हैं। एनआईए का मुख्य कार्यालय जम्मू में है, लेकिन इस समय जम्मू में तैनात तमाम बड़े अफसरों, तकनीकी विशेषज्ञों की टीमों को कश्मीर में लगाया गया है। सूत्रों का कहना है कि एनआईए की टीम ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के खुफिया विंग, आईबी, रॉ और सैन्य इंटेलिजेंस की भी मदद ली है। एनआईए इन सभी खुफिया एजेंसियों की एकसाथ मदद ले रही है, ताकि टारगेट कीलिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उक्त एजेंसियों के पास कश्मीर में पुराना खुफिया तंत्र है।

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