जयपुर में संक्रांति पर तेज रफ्तार से हवा चलेगी:पतंगबाजों को परेशान कर सकती है धूप, जानिए- किस दिशा में ऊंची उड़ेगी पतंग

राजधानी जयपुर में कल से दो दिन होने वाली पंतगबाजी के लिए इस बार मौसम अनुकूल रहेगा। 14 और 15 जनवरी को छुट्टी होने के कारण चारदीवारी समेत जयपुर शहर में पतंगबाजी के दौरान मौसम बिल्कुल साफ रहेगा और दिन में अच्छी धूप रहेगी। इसके साथ ही इस बार हवा की दिशा पूर्वी या दक्षिण-पूर्वी रहने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो जयपुर में 14 और 15 जनवरी को हवा की स्पीड 8 से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा रह सकती है, जो पतंगबाजी के लिए अनुकूल है। विशेषज्ञों के मुताबिक सुबह-शाम हवा की स्पीड थोड़ी ज्यादा रह सकती है, जबकि दोपहर में ये स्पीड कम होकर 3-4 किलोमीटर तक रह सकती है। इसके साथ ही अधिकांश समय हवा की दिशा पूर्वी रह सकती है, लेकिन हवा की दिशा दक्षिण-पूर्वी भी होने की संभावना है।
धूप के कारण हो सकती है परेशानी
अगर हवा की दिशा दक्षिण-पूर्वी रही तो दिन में तेज धूप रहने के दौरान पतंगबाजी में थोड़ी परेशानी हो सकती है। क्योंकि सूरज की दिशा दिन में दक्षिण रहती है, इस कारण आंखों में तेज चमक रोशनी आने से पतंगबाजों को थोड़ा परेशान रहना पड़ सकता है।
इस बार 2 दिन रहेगी छुट्टी
जयपुर में मकर संक्रांति हमेशा 14 जनवरी को मनाई जाती है। स्थानीय प्रशासन की तरफ से इस दिन जयपुर जिले में छुट्टी घोषित की जाती है। लेकिन इस बार तिथि के अनुसार मंकर संक्रांति 15 जनवरी की आ रही है, जिसे देखते हुए जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने छुट्टी 15 जनवरी की घोषित है। इस कारण दो दिन लगातार छुट्टी रहेगी।

जयपुर में मकर संक्रांति के लिए सजे बाजार। अनोखी चरखियां और पतंग भी मिल रहीं।
4 घंटे पतंगबाजी पर रोक
मकर संक्रांति पर सुबह और शाम 4 घंटे पतंगबाजी पर रोक रहेगी। पतंगबाज सुबह 6 बजे से 8 बजे और शाम को 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पतंगबाजी में चाइनीज मांझा, प्लास्टिक, सिंथेटिक मांझा और जहरीले मेटल से बने मांझे पर पूरी तरह रोक रहेगी। गृह विभाग ने इसके लिए सभी कलेक्टरों को एडवाइजरी जारी की है।
गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को सुबह शाम पतंगबाजी पर रोक लगाने और चाइनीज, प्लास्टिक और मेटल से बने मांझे पर रोक लगाने को कहा है। इसके लिए धारा 144 के प्रावधानों के तहत सुबह शाम पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। चाइनीज मांझे और प्लास्टिक या मेटल से बने मांझे को बनाने, बेचने से लेकर स्टोरेज करने तक पूरी तरह पाबंदी है।

नेताओं की पतंगों से भी बाजार सजा नजर आ रहा है।
हाईकोर्ट ने 2012 में दिए थे आदेश, उसके बाद हर साल एडवाइजरी
हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुबह-शाम पतंगबाजी पर रोक लगाने के साथ चाइनीज मांझे पर रोक के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेशों की पालना में पर्यावरण विभाग ने भी 2012 में आदेश जारी कर चाइनीज, सिंथेटिक मांझे और मेटल से बने मांझे पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हर साल गृह विभाग एडवाइजरी जारी करता है।
मकर संक्रांति के मौके पर प्रदेश भर में पतंगबाजी होती है। चाइनीज मांझे के इस्तेमाल से पक्षियों के अलावा बाइक सवारों के जीवन को भी कई बार गंभीर खतरा होता है। चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से कई बाइक सवारों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में पक्षी भी घायल होते हैं।










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