जहां सबसे पहले पहुंची नहरी सौगात, वहां अब पाताल में पेंदे बैठा पानी
केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट में खुलासा : बीकानेर संभाग के भू-जल स्तर में 60 फीसदी गिरावट, केवल चूरू में 57 प्रतिशत वृद्धि
बीकानेर. आजादी से पहले गंगनहर और उसके बाद इंदिरा गांधी कैनाल (तत्कालीन राजस्थान कैनाल) के जरिए सबसे पहले नहरी पानी की सौगात लेने वाले बीकानेर संभाग में अब पाताल में पानी पेंदे बैठ गया है। केंद्रीय भूजल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट भू-जल के अत्यधिक दोहन को लेकर अलार्म बजा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के 60 प्रतिशत कुओं में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, चूरू में जहां नहरी पानी देरी से पहुंचा, वहां भूगर्भ में पानी रिचार्ज हुआ है। यहां 57 प्रतिशत कुओं के भूजल स्तर में वृद्धि देखी गई है।
ऐसे तैयार की रिपोर्ट
केंद्रीय भूजल बोर्ड मॉनिटरिंग कुओं के नेटवर्क के जरिए देशभर में क्षेत्रीय आधार पर भूजल स्तर की आवधिक मॉनिटरिंग कर रहा है। भूजल स्तर में दीर्घावधिक उतार-चढ़ाव का आकलन करने के लिए नवम्बर 2021 के दौरान सीजीडब्ल्यूबी की ओर से एकत्रित जल स्तर डाटा की नवम्बर के दशकीय औसत के साथ तुलना की गई। वर्तमान में सीजीडब्ल्यूबी देश के 22835 कुओं की मॉनिटरिंग कर रहा है।
चूरू-जैसलमेर में कुएं रिचार्ज
चूरू के अलावा जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में भी भूजल स्तर में सुधार देखा गया है। जैसलमेर के 57 प्रतिशत कुओं में भूजल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, झीलों की नगरी उदयपुर के 57 प्रतिशत कुओं में जल स्तर गिरा है। राजसमंद में भी 59 फीसदी कुओं में गिरावट आई है। चम्बल किनारे होने के बावजूद कोटा में 65 प्रतिशत कुओं में पानी पेंदे बैठा है। वहीं झुंझुनूं और सिरोही में सर्वाधिक 92 प्रतिशत कुओं में पानी पेंदे बैठा है।
आंकड़ों में समझें संभाग के हाल
बीकानेर
विश्लेषण किए गए कुओं की संख्या : 42
भूजल स्तर में वृद्धि : 17
भूजल स्तर में गिरावट : 25
02 मीटर तक बढ़ोतरी वाले कुएं : 14
04 मीटर तक वृद्धि : 3 कुओं में
02 मीटर तक गिरावट : 18 में
04 मीटर तक गिरा भूजल : 4 कुओं में
04 मीटर से ज्यादा गिरावट वाले कुएं : 3
श्रीगंगानगर
विश्लेषण किए गए कुएं : 39
भूजल स्तर में वृद्धि : 16
भूजल स्तर में गिरावट : 23
10 कुओं में 2 मीटर तक बढ़ोतरी
05 कुएं में 2 से 4 मीटर तक की वृद्धि
01 कुएं में 4 मीटर से ज्यादा बढ़ोतरी
19 कुओं में 2 मीटर तक की गिरावट
02 कुओं में 4 मीटर तक गिरा भूजल
02 कुओं में 4 मीटर से ज्यादा गिरावट
हनुमानगढ़
विश्लेषण किए गए कुएं : 35
भूजल स्तर में वृद्धि : 14
भूजल स्तर में गिरावट : 21
11 कुओं में 2 मीटर तक बढ़ोतरी
02 कुएं में 2 से 4 मीटर तक की वृद्धि
01 कुएं में 4 मीटर से ज्यादा बढ़ोतरी
09 कुओं में 2 मीटर तक की गिरावट
07 कुओं में 4 मीटर तक गिरा भूजल
05 कुओं में 4 मीटर से ज्यादा गिरावट
चूरू
विश्लेषण किए गए कुएं : 28
भूजल स्तर में वृद्धि : 16
भूजल स्तर में गिरावट : 12
14 कुओं में 2 मीटर तक बढ़ोतरी
01 कुएं में 2 से 4 मीटर तक की वृद्धि
01 कुएं में 4 मीटर से ज्यादा बढ़ोतरी
08 कुओं में 2 मीटर तक की गिरावट
02 कुओं में 4 मीटर तक गिरा भूजल
02 कुओं में 4 मीटर से ज्यादा गिरावट
प्रदेश की स्थिति
यहां तेजी से गिर रहा भूजल
जिला – गिरावट (प्रतिशत में)
झुंझनूं – 92
सिरोही – 92
अलवर – 86
सीकर – 79
दौसा – 77
यहां भूजल स्तर में वृद्धि
जिला – वृद्धि (प्रतिशत में)
सवाईमाधोपुर – 76
टोंक – 74
प्रतापगढ़ – 69
झालावाड़ – 63
भीलवाड़ा – 58

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