डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम 2025 पर प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
बीकानेर। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम 2025 पर सुझाव प्रस्तुत भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र प्रेषित करते हुए ध्यानाकर्षण करते हुए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम 2025 के मसौदे पर विशेष रूप से भारत में (ओवर-द-टॉप) प्लेटफार्मों के संचालन से संबंधित अपने सुझाव और टिप्पणियां प्रस्तुत करते हुए बताया कि डिजिटल नवाचार का स्वागत करते हुए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक अखंडता सुरक्षित रहे मंत्रालय से निवेदन करता हूं कि विदेशी ओटीटी प्लेटफार्मों पर कड़े और निर्णायक कदम उठाएं जो निम्नलिखित कार्यों से देश को प्रभावित कर रहे है बैद ने बताया कि सांस्कृतिक मूल्यों का हनन प्लेटफॉर्म अक्सर ऐसा कंटेंट प्रसारित करते हैं, जो भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का उल्लंघन करता है और अश्लीलता, अनुचित भाषा और आपत्तिजनक विषयों को बढ़ावा देता है भारतीय परंपराओं की पवित्रता बनाए रखने के लिए कंटेंट को हमारे मूल्यों के साथ संरेखित करने का न्यूनतम प्रयास किया जाता है आर्थिक योगदान के बिना संपत्ति का दोहन विदेशी प्लेटफॉर्म द्वारा अर्जित राजस्व का बड़ा हिस्सा भारत में पुनर्निवेश किए बिना विदेशों में स्थानांतरित कर दिया जाता है ये प्लेटफॉर्म कर अपवंचन की रणनीतियां अपनाते हैं जिससे देश को उसके अधिकारों से वंचित किया जाता है।पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की कमी
ये प्लेटफार्म अक्सर उपयोगकर्ताओं का अत्यधिक डेटा एकत्र करते हैं जिसमें पर्याप्त सुरक्षा नहीं होती, जिससे व्यक्तिगत गोपनीयता और राष्ट्रीय हितों को खतरा होता है।
बैद ने सुझाव देते हुए गैर-अनुपालन प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने जो प्लेटफॉर्म भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप सख्त सामग्री दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल होते हैं उन्हें स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जाए ऐसा कंटेंट जो अनैतिकता या राष्ट्र-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देता हैउसे समाप्त किया जाए अनुपालन न करने पर भारी दंड का प्रावधान करते हुए ऐसे प्लेटफॉर्म पर भारी दंड लगाया जाए जो सांस्कृतिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने वाला कंटेंट प्रसारित करते हैं ऐसे प्लेटफॉर्म पर भी दंड लगाया जाए जो अपने राजस्व स्रोतों का खुलासा नहीं करते या भारत में कर भुगतान से बचते हैं। डेटा स्थानीयकरण अनिवार्य करें प्लेटफॉर्म द्वारा एकत्र किए गए सभी उपयोगकर्ता डेटा को भारतीय क्षेत्र में ही संग्रहीत किया जाए अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी लागू की जाए।
सांस्कृतिक अनुपालन ऑडिट लागू करने के साथ कंटेंट का ऑडिट करने के लिए एक नियामक निकाय का गठन किया जाए और ऐसे कंटेंट पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाए जो भारत की संस्कृति के लिए हानिकारक है।आर्थिक योगदान सुनिश्चित करते हुए प्लेटफॉर्म पर अधिक कर लगाए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे अपनी वार्षिक आय का कम से कम 20% भारत में पुनर्निवेश करें।
भारत की सांस्कृतिक विरासत हमारा गौरव है और इसका संरक्षण बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लाभों से अधिक महत्वपूर्ण है हमें विश्वास है कि मंत्रालय हमारी संस्कृति, डेटाअर्थव्यवस्था और की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएगा इस महत्वपूर्ण विषय पर भेजे पत्र पर आवश्यक कार्यवाही का आग्रह बैद ने किया है।
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