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डूरंड रेखा की वजह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ी खटास, जानिए क्या है पूरा मामला

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डूरंड रेखा की वजह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ी खटास, जानिए क्या है पूरा मामला
डूरंड रेखा की असहमति के भड़कने से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच समीकरणों में बदलाव की संभावना है। बता दें कि डूरंड रेखा के मामले पूर्व राजनायिक राजीव डोगरा द्वारा लिखी गई पहली किताब डूरंड्स कर्स काफी महत्वपूर्ण है।

REPORT BY

SAHIL PATHAN

अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान शासन और पाकिस्तान का जबर्दस्त गठजोड़ रहा है। हालांकि, अब इस दोस्ती में थोड़ी दरार दिखनी शुरू हो गई है। यह हैरानी की बात है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन के एस साल पूरा होने से पहले ही दोनों पड़ोसी मुल्क आमने-सामने खड़े हो चुके हैं। दरअसल, इस तनाव के पीछे डूरंड रेखा सबसे बड़ी वजह है।
एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संदर्भ में पूर्व राजनायिक राजीव डोगरा द्वारा लिखी गई पहली किताब ‘डूरंड्स कर्स’ काफी महत्वपूर्ण है। यह किताब दुनिया में डूरंड समझौते पर लिखी गई पहली किताब है जिसमें बताया गया है किस तरह पठानों को विभाजित किया गया और तब से इस क्षेत्र में अशांति बनी रही। पाकिस्तान के कराची में भारत के महावाणिज्य दूत के रूप में सेवा करने के बाद, डोगरा के पास अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र के मामले पर अनुभव और ज्ञान का भंडार है।

डूरंड रेखा की वजह से दोनों देश के बीच बढ़ा तनाव
इस रिपोर्ट के अनुसार, डूरंड रेखा की वजह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमाओं पर संभावित शत्रुता के पाकिस्तानी खुफिया आकलन के बावजूद, अफगानिस्तान की ओर से लगातार हमले हुए हैं। हमले इतने भयंकर और तीखे थे कि 17 अप्रैल को, पाकिस्तान को औपचारिक रूप से काबुल से पाक-अफगान सीमा क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए आग्रह करना पड़ा, ताकि दो ‘भाई’ देशों की शांति और प्रगति के हित में, आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।बता दें कि इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FO) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पिछले कुछ दिनों में सीमा पर जबरदस्त तनाव है।

ब्रिटेन और पाकिस्तान दोनों ने किया है अन्याय
बता दें कि मोर्टिमर डूरंड द्वारा सन् 1893 में कागज के एक छोटे से टुकड़े पर जो मन मुताबिक रेखा खींची थी, वह अफगानिस्तान और दुनिया को अब तक लहूलुहान कर रही है। यह किताब एक गहन शोध का परिणाम है। किताब के जरिये डोगरा भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की एक बिल्कुल दिलचस्प कहानी पेश करने में सफल रहे हैं। डोगरा ने एक ऐसे विषय पर लिखा है जिसे किसी ब्रिटिश इतिहासकार ने कभी दुनिया के सामने जिक्र करने की जहमत नहीं उठाई।
बता दें कि डूरंड क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसे सबसे पहले, अंग्रेजों और फिर पाकिस्तान ने छीन लिया था जो मूल रूप से अफगानिस्तान का था। आज भी ज्याजातर पठान परिवार इस बंटवारे को मानने से इनकार करते हैं और उनके द्वारा पिछले एक सदी से भी अधिक समय से रेत पर खींची गई शापित रेखा को मिटाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है।
डा सकारिया करीम द्वारा समीक्षा की गई है कि मौजूदा समय में उनकी किताब ‘डूरंड्स कर्स: ए लाइन अक्रॉस द पठान हार्ट’, पश्तून और अफगान इतिहास के साथ-साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी सीमा तनाव के मामले पर सबसे सटीक जानकारी प्रदान करती है।
एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, यह किताब सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक को संबोधित करती है जो अब एक सदी से अधिक समय से चली आ रही है।

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