बीकानेर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर व राजस्थानी विभाग की निवर्तमान प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा को राजस्थानी युवा समिति का प्रथम एल. पी. टेस्सीटोरी राजस्थानी सेवा सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. मेघना द्वारा 2018-19 से लगातार चार सत्रों में प्रभारी रहते हुए राज्य, राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 17 से अधिक आयोजन किए गए जिनसे राजस्थानी भाषा को ना सिर्फ बढ़ावा मिला अपितु नव पीढी में अपनी जड़ों व संस्कृति, अपनी भाषा के प्रति ललक पैदा हुई।
डॉ. शर्मा ने अपने कार्यकाल में केंद्रीय साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थानी परंपरा की दृष्टि और आधुनिकता व राजस्थानी नाटकों के दशक विषयक दो राष्ट्रीय संगोष्ठियों के आयोजन के साथ विद्यार्थियों हेतु विश्व पर्यटन दिवस पर जोधपुर के मेहरानगढ़ ट्रस्ट और चौपासनी शोध केंद्र के अतिरिक्त राजस्थानी भाषा एवं साहित्य अकादमी, बीकानेर और टेस्सीटोरी समाधि के शैक्षणिक भ्रमण आयोजित करवाए। इसके अतिरिक्त इनके कार्यकाल में राजस्थानी के समसामयिक विषयों को समेटे हुए अनेक प्रासंगिक मुद्दों पर राजस्थानी विद्वानों द्वारा विस्तार व्याख्यानों की श्रृंखला आयोजित कर युवा पीढ़ी में अपनी मातृभाषा के प्रति अनुराग उत्पन्न करने की महती भूमिका निभाई गई। स्वयं हिंदी भाषी होते हुए भी डॉ. मेघना ने अपने प्रयासों से राजस्थानी अध्ययन में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों हेतु कोलकाता के गंगा मिशन ट्रस्ट द्वारा छात्रवृति दिलवाना आरंभ किया।
इसके अतिरिक्त अपने संयोजन में राजस्थानी मांडणा, राजस्थानी लघुकथा लेखन प्रतियोगिता और पौधारोपण कार्यक्रमों द्वारा विद्यार्थियों को अपनी जड़ों से जोड़ने में अवदान दिया।
डॉ. मेघना द्वारा नई शिक्षा नीति और मातृ भाषा उन्नयन के तहत 2021 में राजस्थानी की अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित कर पेरिस से राजस्थानी विद्वान सरस्वती जोशी को जोड़कर रचनापाठ करवाया गया तो वहीं राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान से बाहर के विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत राजस्थान के युवाओं को जोड़ते हुए राजस्थानी काव्यपाठ प्रतियोगिताएं आयोजित कर विषय को जन जन में रोपित करने के अभियान को नई दिशा प्रदान की गई।
राजस्थानी युवा समिति के संभाग प्रभारी रामोवतार उपाध्याय ने बताया कि इन्हीं सद्प्रयासों हेतु समिति द्वारा डॉ. मेघना को प्रथम एल. पी. टेस्सीटोरी राजस्थानी सेवा सम्मान दिनांक 9 जनवरी को डूंगर कॉलेज में आयोजित होने वाले विस्तार व्याख्यान कार्यक्रम के तहत दिया जाना सुनिश्चित किया गया है क्योंकि टेस्सीटोरी भी इटली मूल के ऐसे विद्वान थे जिन्होंने गैर राजस्थानी होते हुए भी राजस्थानी भाषा के उन्नयन में उत्कृष्ट योगदान दिया। समिति के संरक्षक राजवीर सिंह चलकोई एवं सचिव अरुण प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि प्रयास रहेगा कि गैर राजस्थानी होते हुए राजस्थानी की सेवा करने वाली विभूतियों को समय समय पर सेवा सम्मान देकर विभूषित किया जाए।
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