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देशभर में ईद का जश्न कल, जानें क्यों मनाया जाता है ईद-उल-फितर का त्योहार

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बीकानेर। ईद के चांद का दीदार होने के साथ रमजान का पवित्र महीना पूरा हो जाता है। मुस्लिम धर्म में रमजान के महीना का विशेष महत्व होता है। इस पाक महीने में लगातार करीब 30 दिनों तक खुदा की इबादत और रोजे रखे जाते हैं। ईद के चांद के दिखाई देने के साथ अगले दिन ईद-उल-फितर मनाई जाती है। यानी रमजान महीने के आखिरी दिन चांद नजर आने पर अगले दिन ईद मनाई जाती है। अरब देशों में ईद का चांद दिखाई देने के अगले दिन भारत में ईद मनाई जाती है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार ईद शव्वाल महीने के पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। रमजान का पाक महीना 02 मार्च से शुरू हुआ था। यह त्योहार न केवल इबादत और शुक्राने का दिन है, बल्कि भाईचारे, मोहब्बत और खुशियों को बांटने का भी मौका है।मान्यता है कि पूरे महीने रोजे रखने, इबादत करने और खुदा के करीब जाने के बाद यह दिन अल्लाह की तरफ से एक इनाम के तौर पर आता है। बाजारों में चहल-पहल बढ़ जाती है, नए कपड़े, मिठाइयां और सेवइयों की खुशबू माहौल को और खुशनुमा करती है। मस्जिदों में नमाज के बाद लोग गले मिलते हैं, एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करके इस त्योहार को और पाक बनाते हैं। ईद-उल-फितर पूरी तरह से चांद के दीदार पर निर्भर करती है, इसलिए इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है।

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