पश्चिमी देशों को ललकारते हुए पुतिन ने यूक्रेन के हिस्सों पर क़ब्ज़े का किया एलान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार नए इलाक़ों को रूस में शामिल करने के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और मास्को में हुए एक समारोह में इसे लेकर भाषण भी दिया है. अगले कुछ दिनों में इन इलाक़ों को औपचारिक रूप से रूस में शामिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.
इसी तरह साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्राइमिया प्रायद्वीप को भी अपने नियंत्रण में ले लिया था. ये इलाक़ा अभी भी रूस के नियंत्रण में ही है.
पुतिन ने क्रेमलिन में जब अधिग्रहण के दस्तावेज़ों पर बारी-बारी से हस्ताक्षर किए तब रूस के सैन्य अधिकारी और नेता तालियां बजा रहे थे.
क्रेमलिन में यूक्रेन के इलाक़ों को रूस में शामिल करने की घोषणा करते हुए पुतिन ने कहा कि लोगों ने अपनी पसंद ज़ाहिर कर दी है और इन इलाक़ों को रूस का हिस्सा बनाना यहां की आबादी की इच्छा थी.
क्रेमलिन के सेंट जॉर्जेज़ हॉल में इस घोषणा के साथ ही रूस ने अधिकारिक रूप से यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहांस्क, ख़ेरसोन और ज़ोपोरिज़्ज़िया इलाक़ों को अपने साथ मिला लिया है.
रूस ने जिस जनमतसंग्रह के तहत इन क्षेत्रों को अपने अधिकार में लिया है उसे संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय जगत के अधिकतर देशों ने अवैध माना है.
उन्होंने यूक्रेन से कहा है कि वो अपना सैन्य अभियान रोक दे और रूस से बातचीत शुरू करे. पुतिन ने ये भी कहा कि अधिकार में लिए गए नए इलाक़ों को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी. वहीं यूक्रेन ने कहा है कि वह अपने इलाक़ों को मुक्त कराने के लिए संघर्ष करता रहेगा.
राष्ट्रपति पुतिन ने रूस के शीर्ष राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि रूस अपनी पूरी क्षमता के साथ इन नए इलाक़ों की रक्षा करेगा. उन्होंने कहा कि रूस इन नए इलाक़ों में सुरक्षा और मज़बूत करने की दिशा में क़दम उठाएगा.
जे़लेंस्की की प्रतिक्रिया
इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वो नेटो की जल्द से जल्द सदस्यता लेने के लिए आग्रह कर रहे हैं. पुतिन के यूक्रेन के चार क्षेत्रों का विलय करने के बाद उन्होंने ये घोषणा की है.
टेलीग्राम पर जारी एक संदेश में ज़ेलेंस्की ने कहा है, “हम पहले ही गठबंधन के मानकों पर अपनी अनुकूलता साबित कर चुके हैं. हम नेटो की सदस्यता तेज़ी से हासिल करने की याचिका पर हस्ताक्षर करके निर्णायक क़दम उठा रहे हैं.”
ज़ेलेंस्की के बयान का वीडियो भी यूक्रेन ने सोशल मीडिया पर जारी किया है.
फ़रवरी में जब रूस ने अपनी सेना यूक्रेन के भीतर भेजी थी तब उससे पहले रूस ने ये मांग की थी कि क़ानूनी रूप से यूक्रेन के नेटो में शामिल होने पर रोक का प्रावधान होना चाहिए.
नेटो अमेरिका के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन है जिसमें यूरोप के देश भी शामिल हैं.
हमेशा के लिए रूस के नागरिक
पुतिन ने कहा कि इन क्षेत्रों में रह रहे लोग हमेशा के लिए रूस के ही नागरिक रहेंगे.
पुतिन ने कहा कि वो चाहते हैं कि कीएफ़ और पश्चिमी देशों के लोग ये बात सुन लें कि डोनबास क्षेत्र में रह रहे लोग हमेशा के लिए रूस के नागरिक बनने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सरकार को लोगों की इस अच्छा का पूरा सम्मान करना चाहिए. रूस इस क्षेत्र में रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा और बर्बाद हुए क़स्बों और गांवों को फिर से बसाएगा और यहां शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं विकसित करेगा.
पुतिन ने कहा कि यहां सुरक्षा मज़बूत की जाएगी ताकि यहां रह सभी लोगों को अहसास हो सके कि वो एक महान मातृभूमि का हिस्सा हैं.
पश्चिमी देशों पर आरोप
अपने भाषण में पुतिन ने पश्चिमी देशों पर समझौते तोड़ने और रूस के ख़िलाफ़ होने के आरोप लगाए और कहा कि पश्चिमी देश रूस की संस्कृति को ख़तरे के रूप में देखते हैं.
पुतिन ने ये भी कहा कि इसी सप्ताह पश्चिमी देशों ने रूस से यूरोप गैस ले जाने वाली नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन पर भी हमला किया है.
ब्रितानी लोगों को एंग्लो-सैक्सन संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि ‘उन्होंने बाल्कन समंदर में पाइपलाइनों में धमाके करने में मदद की है.’
नेटो के विस्तार की आलोचना करते हुए पुतिन ने अमेरिकी सेना को ‘बर्बर’ भी कहा.
पुतिन ने कहा कि यूरोप के ऊर्जा संकट का कारण रूस नहीं है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा संकट कई सालों से चली आ रही ग़लत नीतियों की वजह से पैदा हुआ है.
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से यूरोप जाने वाली गैस की आपूर्ति प्रभावित हुई है और पश्चिमी देश इस समय गंभीर ऊर्जा संकट से गुज़र रहे हैं जिसकी वजह से ब्रिटेन समेत कई देशों में महंगई भी बढ़ रही है.
पुतिन ने पूंजीवाद की भी आलोचना की और कहा कि ये लोगों की ज़रूरतें पूरी करने का सही रास्ता नहीं है.
पुतिन ने पश्चिमी देशों को लालची बताते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि रूस उनका उपनिवेश बनकर रह जाए. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस के ख़िलाफ़ एक हाइब्रिड युद्ध लड़ रहे हैं.
पुतिन ने कहा, “वो हमें एक स्वतंत्र समाज के रूप में नहीं देखना चाहते हैं. वो हमें ग़ुलामों की एक भीड़ के रूप में देखना चाहते हैं. उन्हें रूस की ज़रूरत नहीं है, हमें रूस की ज़रूरत है.”
पुतिन ने कहा कि जब से सोवियत संघ का पतन हुआ है, पश्चिमी देश रूस को घुटनों पर लाने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश अपनी नई करेंसी और तकनीकी विकास के दम पर रूस पर क़ब्ज़ा करना और रूस की संस्कृति को मिटाना चाहते हैं.
रूस के खनिजों और अन्य संसाधनों की तरफ़ इशारा करते हुए पुतिन ने कहा, “वो इस बात को लेकर बेचैन हैं कि इतना समृद्ध देश मौजूद है.”
सैनिकों के परिवारों के लिए संदेश
पुतिन ने अपने भाषण से पहले यूक्रेन युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के सम्मान में मौन भी रखा.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान में बहादुर सैनिकों ने अपनी जानें गंवाई हैं और वो रूस के हीरो हैं.
पुतिन ने अपने भाषण में यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे रूस के सैनिकों के परिवारों के लिए भी संदेश दिया.
पुतिन ने कहा, “मैं आज विशेष सैन्य अभियान में हिस्सा ले रहे सैनिकों से एक अपील करना चाहता हूं. मैं उनकी पत्नियों और बच्चों से अपील करना चाहता हूं कि वो इस बात को ज़रूर समझें कि हम किसके लिए और क्यों लड़ रहे हैं.”
पुतिन ने बीते सप्ताह तीन लाख नए सैनिक भर्ती करने की घोषणा की थी जिसके बाद दागेस्तान समेत रूस के कई प्रांतों में ज़बर्दस्त विरोध हुआ था. रूस में युद्ध के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हज़ारों लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.
पुतिन के भाषण पर प्रतिक्रिया
पुतिन के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए यूरोपीय संघ के राष्ट्रों ने कहा है कि वो यूक्रेन के और अधिक हिस्से पर रूस के क़ब्ज़े की एक सुर में भर्त्सना करते हैं. यूरोपीय देशों ने इसे अवैध भी क़रार दिया है.
एक साझा बयान में यूरोपीय देशों ने कहा है कि वो इन क्षेत्रों पर रूस के अधिकार को कभी मान्यता नहीं देंगे और रूस ऐसा करके पूरी दुनिया की सुरक्षा को ख़तरे में डाल रहा है.
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन और प्रतिबद्धता को भी ज़ाहिर किया है और कहा है कि रूस की परमाणु हमले की धमकी से उनका यूक्रेन की मदद करने का इरादा नहीं डिगेगा.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि पुतिन के इस क़दम से ज़मीन पर कुछ भी नहीं बदलेगा.
अमेरिका ने लगाए नए प्रतिबंध
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के चार इलाकों के रूस में विलय की घोषणा की कड़ी आलोचना की है. राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, “यूक्रेन के संप्रभु इलाकों को रूस में मिलाने की धोखे भरी कोशिश की अमेरिका निंदा करता है.
रूस अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन कर रहा है, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर को कुचल रहा है और शांतिपूर्ण देशों का अनादर कर रहा है.”
उन्होंने कहा, “ऐसे कामों की कोई वैधता नहीं है. अमेरिका हमेशा यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान करता रहेगा. हम इन इलाकों को वापस हासिल करने की यूक्रेन की कोशिशों को अपना समर्थन देते रहेंगे. इसके लिए कूटनीतिक और सैनिक रूप से हम यूक्रेन के हाथ मजबूत करते रहेंगे.”
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिका ने इस हफ़्ते यूक्रेन को अतिरिक्त सुरक्षा मदद के लिए 1.1 अरब डॉलर की मदद का एलान किया है. रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, “यूक्रेन के इलाकों पर कब्ज़े के दावों के जवाब में अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ आज नए प्रतिबंधों की घोषणा करता है. ये प्रतिबंध रूस के अंदर और बाहर यूक्रेन की सीमाओं की स्थिति बदलने की अवैध कोशिशों को राजनीतिक और आर्थिक समर्थन देने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर लागू होंगे.”
“हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए एकजुट करने की कोशिश करेंगे. मुझे उम्मीद है कि यूक्रेन की मदद के लिए 12 अरब डॉलर अतिरिक्त देने के प्रस्ताव वाले क़ानून को कांग्रेस से मंज़ूरी मिल जाएगी.”
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