NATIONAL NEWS

प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति की समीक्षा अभियान की मॉनिटरिंग प्रतिदिन जिला कलेक्टर स्वयं करें -मुख्यमंत्री

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

जयपुर, 21 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि गरीबों को आवासों के पट्टे देकर उन्हें राहत देने के उददेश्य से राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि शिविरों के आयोजन का मकसद जहां तक संभव हो मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण का है। ऎसे में, अभियान में शामिल विभिन्न विभागों के अधिकारी संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ कार्य करते हुए इसे कामयाब बनाएं। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर एवं स्थानीय निकायों के अधिकारी अभियान की पर्याप्त मॉनिटरिंग करें एवं प्रतिदिन आए आवेदनों के निस्तारण की प्रगति रिपोर्ट लें।

श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशासन शहरों के संग अभियान की अब तक प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने इन शिविरों में जिम्मेदार अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।

श्री गहलोत ने विभिन्न जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में हुई प्रगति की जानकारी ली और पट्टा वितरण में आ रही कठिनाईयों के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि जिलों में अभियान के दौरान पट्टा वितरण एवं इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदन स्वीकृति में आ रही समस्याओं को हल करें। उन्होंने विभिन्न जिलों में अभियान के दौरान आ रही समस्याओं एवं न्यायालयों के समय-समय पर आए निर्णयों को लेकर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक कर सभी निकायों एवं प्राधिकरणों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अभियान की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभियान की कामयाबी के आधार पर अधिकारियों की परफोर्मेन्स का आकलन किया जाएगा। सभी अधिकारी अपनी दक्षता का प्रयोग करते हुए कमिटमेंट के साथ काम कर आमजन को राहत दें। अभियान में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाए। शिविरों में प्राप्त आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अभियान की सफलता के लिए स्थानीय निकायों के सभापति, अध्यक्ष एवं पार्षदों का सहयोग लेने के निर्देश दिए।

श्री गहलोत ने बिना गारंटी 50 हजार रूपए तक के ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए शुरू की गई ‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना‘ को राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया और कहा कि इसके तहत आने वाले आवेदनों की स्वीकृति एवं निस्तारण की गति बढ़ाई जाए। उन्होंने पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स एवं लॉकडाउन के समय जिला कलेक्टर्स के माध्यम से किए गए अभावग्रस्त लोगों के सर्वे की सूची का उपयोग करने को कहा, ताकि जरूरतमंद स्ट्रीट वेंडर्स एवं अन्य लाभार्थियों की पहचान की जा सके। उन्होंने बैंकों से भी चर्चा कर इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृतियां पात्रतानुसार तय समय सीमा में पूरी करने को कहा।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिन शहरी क्षेत्रों में आबादी एक लाख से अधिक है वहां जोनल प्लान की अनिवार्यता के कारण पट्टा वितरण में कठिनाई आ रही है। जोनल प्लान बन जाने के बाद पट्टा वितरण के कार्य आसानी से हो सकेंगे।

नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि अभियान से पहले तैयारियों के रूप में संभाग स्तर पर हुई बैठकों में दिशा-निर्देशों के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी। इन बैठकों में नगरीय निकायों के जिन अधिकारियों ने भाग लिया था वे अपने मातहत अधिकारियों-कर्मचारियों को पट्टा वितरण की प्रक्रियाओं के बारे में पूरी जानकारी दें, ताकि आवेदनों के निस्तारण की गति बढ़ाई जा सके।

प्रमुख शासन सचिव यूडीएच श्री कुंजीलाल मीणा ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान में नगरीय निकायों के माध्यम से अभी तक 35570 पट्टे जारी हुए हैं।

बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनंद कुमार, शासन सचिव स्थानीय निकाय विभाग सहित विभिन्न जिलों के कलेक्टर, सीईओ, ईओ एवं नगरीय निकायों के अन्य अधिकारी शामिल हुए।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!