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फिर ठगी गई पाकिस्तानी जनता:इमरान खान ने सत्ता पाने के लिए 51 वादे किए थे, साढ़े तीन साल में सिर्फ 2 पूरे हुए

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फिर ठगी गई पाकिस्तानी जनता:इमरान खान ने सत्ता पाने के लिए 51 वादे किए थे, साढ़े तीन साल में सिर्फ 2 पूरे हुए

REPORT BY SAHIL PATHAN
3 अप्रैल, यानी रविवार को ऐसा लग रहा था कि अब पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिरने ही वाली है। तभी संसद में डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने इमरान खान सरकार के खिलाफ पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस दौरान कासिम ने सदन में इस प्रस्ताव को विदेशी साजिश का हिस्सा भी बताया है। इसके बाद वहां के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। अब पाकिस्तान में अगले 90 दिन के अंदर आम चुनाव कराए जाएंगे। विपक्ष ने इमरान खान पर जनता से किए गए वादे और भरोसे को तोड़ने का आरोप लगाया है।
ऐसे में आज जानते हैं कि इमरान खान ने आम चुनाव से पहले जनता से क्या वादे किए थे? इमरान खान ने जनता से जो वादे किए उनकी स्थिति क्या है? उन्होंने कितने वादे किए और साढ़े तीन साल के कार्यकाल में कितने पूरे हुए?

इमरान खान ने जनता से किया था ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा
25 जुलाई 2018 को पाकिस्तान में लोकसभा चुनाव हुआ। इससे कुछ दिनों पहले इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने देश की जनता से ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा किया था। फिर देखते-ही-देखते ‘नया पाकिस्तान’ शब्द आम लोगों की जुबान पर बैठ गया। 2018 में इसी वादे की ताकत पर इमरान खान की पार्टी सत्ता में आने में कामयाब हुई थी। ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के लिए इमरान खान ने अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो में कुल 51 वादे किए थे। इनमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों तरह के मुद्दे शामिल थे।

इमरान खान ने जनता से जो वादे किए उनकी स्थिति क्या है?
पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन डॉट कॉम ने अपनी रिपोर्ट में इमरान खान और उनकी पार्टी के किए गए वादों को ट्रैक किया है। वेबसाइट के मुताबिक, 51 में से सिर्फ दो वादे इमरान खान ने 3.5 साल में पूरा किए हैं। इसके अलावा, 7 वादे जो थोड़े बहुत पूरे हुए हैं। वहीं, 36 वादों पर काम शुरू हो गया है और 6 वादे ऐसे हैं, जिस पर सरकार बनने के बाद इमरान खान ने कोई फैसला नहीं लिया है।

वो 2 वादे जिन्हें इमरान खान ने सरकार बनते ही पूरा किया
इमरान खान ने वादा किया था कि चुनाव जीतने के ठीक बाद वो विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के लोगों को वोट देने का अधिकार देंगे। इमरान ने सत्ता में आने के बाद 17 नवंबर 2021 को इस वादे को पूरा कर दिया। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों को वोट देने का अधिकार दे दिया है। पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जरिए चुनाव कराने की प्रक्रिया को भी इमरान ने आगे बढ़ाया है।
इमरान खान ने विदेश में रहने वाले करीब 1.1 करोड़ पाकिस्तानी मूल के लोगों के लिए रोशन डिजिटल अकाउंट (RDA) को शुरू किया। इसके जरिए पाकिस्तान के बाहर रहने वाले लोगों को पाकिस्तानी बैंक से जोड़ा गया। इसके साथ ही सरकार ने दो योजना कार फाइनेंस और रोशन समाजी खिदमत (चैरिटी) लांच कीं। इससे विदेश में रहने वाले लोग न सिर्फ पाकिस्तानी शेयर मार्केट में पैसा लगा पाएंगे, बल्कि सामानों की खरीद-बिक्री और बिजली बिल भी तक चुका पाएंगे।

वो बड़े वादे जिसे इमरान खान पूरा करना चाहते थे पर कर नहीं पाए

साउथ पंजाब प्रोविंस: इमरान खान ने चुनाव से पहले पंजाब के लोगों से वादा किया था कि वो ‘साउथ पंजाब प्रोविंस’ की कल्पना को साकार करेंगे। सत्ता में आते ही उन्होंने इसके लिए माहौल बनाना भी शुरू कर दिया। अलग से सेक्रेटेरिएट बनाने की बात भी होने लगी, लेकिन इस मामले में पंजाब के विधानसभा में PTI दो तिहाई मतों से इस विधेयक को पास नहीं करा सकी। इसकी वजह से इमरान खान का साउथ पंजाब प्रोविंस बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

कराची में पीने के पानी की आफत:
इमरान खान ने कराची के लोगों से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वो इस शहर को पाकिस्तान का गहना बना देंगे। इसके लिए उन्होंने शहरी यातायात और पीने के स्वच्छ पानी की समस्या को दूर करने की बात कही थी। 5 सितंबर 2020 को कराची को बेहतर बनाने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया। इसके बाद भी पीने के पानी की समस्या अभी जस की तस बनी हुई है।

गरीबी मिटाओ: इमरान खान ने सत्ता में आने से पहले गरीबी मिटाने की भी बात की थी। सत्ता में आने के बाद उन्होंने गरीबों के लिए बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (BISP) के तहत गरीब परिवार को मिलने वाले 2 हजार रुपए को बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह किया। इसके अलावा सेहत कार्ड से इलाज की सुविधा दी जाने लगी। बाद में BISP का नाम बदलकर एहसास कर दिया गया। हालांकि, डॉन डॉट कॉम का मानना है कि सरकार को गरीबी मिटाने में सफलता नहीं मिली है बल्कि और गरीबी बढ़ी है।

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज: 4 फरवरी 2019 को इमरान खान ने देशभर में सेहत इंसाफ कार्ड जारी किया। इसके तहत फ्री में 8 करोड़ लोगों को इलाज देने का लक्ष्य रखा गया। धीरे-धीरे इस योजना का दायरा पाकिस्तान के अलग-अलग प्रोविंस में बढ़ाकर लोगों को इससे जोड़ा जा रहा है। योजना शुरू होने के दो साल बाद भी इससे पूरे पाकिस्तान के लोगों को नहीं जोड़ा जा सका है।

एजुकेशन: इमरान खान ने वादा किया था कि सरकारी स्कूल और मदरसों को बेहतर करने के साथ ही बेहतर शिक्षा और बिजनेस के लिए युवाओं को लोन देंगे। सत्ता में आने के बाद इमरान खान ने 28 मई 2020 को सिंगल नेशनल एजुकेशन करिकुलम लागू किया। इसके बाद सभी धार्मिक शैक्षणिक मदरसों को एक जगह पर रजिस्टर्ड कराना शुरू किया, जिससे देश भर में एक जैसी शिक्षा व्यवस्था लागू की जा सके। हालांकि, अभी इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है।ये सारे वो मुद्दे हैं, जिन पर भले ही इमरान सरकार ने काम शुरू कर दिए हों, लेकिन अभी पूरे नहीं हो पाए हैं। साथ ही इसका असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है। इसी वजह से इन मुद्दों के अधार पर विपक्ष इमरान सरकार पर वादे तोड़ने का आरोप लगा रही है।

इमरान खान की पार्टी के मेनिफेस्टो में ये 5 खास पॉइंट थे, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया-

1. शिक्षा: इमरान खान ने गरीब और अमीर लोगों के बच्चों को एक समान शिक्षा देने की बात कही थी। इसके तहत वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार पाकिस्तान के 2.5 करोड़ बच्चे जो स्कूली शिक्षा से दूर हैं, उनके लिए सरकारी स्कूल तैयार कर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएंगी।

2. स्वास्थ्य: इमरान खान ने अपने मेनिफेस्टो में आम लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस सिस्टम ‘सेहत सहूलत’ देने का वादा किया था। इसके तहत सरकार ने आम लोगों को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस देने का वादा किया था।

3. रेवेन्यू: इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से वादा किया था कि वह ऐसा रेवेन्यू मॉडल तैयार करेंगे, जिससे पाकिस्तान आत्मनिर्भर बन सकेगा। 2018 में पाकिस्तान पर 17.28 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए का कर्ज था, जिसे इमरान खान ने कम करने का वादा किया था। हालांकि, 2022 में घटने के बजाय पब्लिक डेब्ट या सार्वजनिक कर्ज बढ़कर पाकिस्तानी रुपए में 42.40 लाख करोड़ हो गया।

4. भ्रष्टाचार: इमरान खान ने लोगों से वादा किया था कि उनकी सरकार आती है तो देश को करप्शन मुक्त करने के लिए काम किया जाएगा। नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB), नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) को मजबूत किया जाएगा।

5. रोजगार: इमरान खान ने वादा किया था कि सरकार आते ही वह पर्यटन इंडस्ट्री को बढ़ावा देकर देश में नौजवानों के लिए रोजगार पैदा करेंगे। हालांकि, इमरान का ये दावा भी खोखला ही साबित हुआ। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट में मार्च 2022 में पाकिस्तान के 31% युवा बेरोजगार हैं। सरकार इनके लिए कुछ खास नहीं कर पाई है।
इसी तरह इमरान खान ने कृषि, महिला, पर्यावरण, जम्मू-कश्मीर जैसे मुद्दों का भी अपने मेनिफेस्टो में जिक्र किया था। जिसकी वजह से लोगों का विश्वास जीतकर वह सत्ता में आने में सफल रहे।

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