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बंदियों को समाज से जोड़ने की एक नई पहल के अंतर्गत बीकानेर केंद्रीय कारागार में पुरुष एवम महिला कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

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बंदियों को समाज से जोड़ने की एक नई पहल के अंतर्गत बीकानेर केंद्रीय कारागार में पुरुष एवम महिला कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
बीकानेर। बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने तथा उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से बीकानेर केंद्रीय कारागार में पुरुष एवम महिला कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
जेल प्रशासन, जिला प्रशासन तथा नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में तीस पुरुष तथा तीस महिला बंदियों को कौशल प्रशिक्षण के द्वारा आजीविका अर्जित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। नाबार्ड बीकानेर के डीडीएम रमेश तांबिया ने बताया कि बंदियों को प्रशिक्षण देने की इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उन्हें आगामी सामाजिक जीवन के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि बैंक के माध्यम से लोन तथा सरकार की योजनाओं के अंतर्गत इन्हें लाभान्वित कर इन बंदियों को आजीविका प्राप्ति हेतु तैयार किया जा रहा है ताकि जेल से बाहर निकल कर वे स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकें।
जेल अधीक्षक आर अनन्तेश्वरन ने विशेष बातचीत में बताया कि कौशल विकास एक ऐसा नवाचार है जिसके द्वारा बंदियों को सामाजिक जीवन के लिए तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य बंदियों में कौशल विकसित करना है ताकि वे जेल से बाहर निकल कर समाज का एक अभिन्न अंग बन सके।
प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण ले रहे बंदियों विजय और जुगल किशोर से इस संदर्भ में की गई बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि कौशल विकास के माध्यम से नवीन कौशलों को सीखने से उनके मनोबल में इजाफा हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि नवीन कौशल सीखने और नाबार्ड के माध्यम से लोन के द्वारा जेल से निकलकर उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

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