
REPORT BY SAHIL PATHAN
कश्मीर में सिलेक्टिव किलिंग करने वाले आतंकियों पर बड़ी और कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से इस नई चुनौती से निपटने पर चर्चा की है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का ब्योरा मांगा गया है। इन आतंकियों की मदद करने वालों की धरपकड़ भी होगी। कश्मीर में मौजूद कुछ आतंकी युवाओं से पहले सिलेक्टिव किलिंग करवाकर फिर उनको अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं। गृह मंत्रालय आतंकियों की इस नई चाल का तोड़ निकालने के लिए मंथन कर रहा है।
दरअसल, द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) लश्कर-ए-तैयबा का संगठन है। इस संगठन में सक्रिय कुछ आतंकी युवाओं को अपने साथ जोड़कर उनसे किलिंग करवा रहे हैं। युवाओं को टारगेट दिया जाता है कि उनको अपने लिए पिस्टल का इंतजाम करना है। इसके लिए उनके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता है।
जब यह लोग पैसों से पिस्टल लेकर आते हैं। फिर इनके जरिए दूसरे युवाओं को पिस्टल दी जाती है और एक टारगेट दिया जाता है। वारदात को अंजाम देने के बाद टीआरएफ उसे अपने संगठन में शामिल कर लेता है। यही कारण है कि कश्मीर में युवा आतंकियों से सिलेक्टिव कीलिंग कराई जा रही है।
जानकारी के अनुसार कश्मीरी पंडित कारोबारी, गोलगप्पे बेचने वाले श्रमिक, दो शिक्षकों की हत्या के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय भी चिंतित है। लिहाजा प्रदेश के बड़े प्रशासनिक अफसरों और पुलिस अफसरों समेत खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
इसमें कहा गया है कि एक तो स्थानीय आतंकियों की जानकारी दें। दूसरा आतंकियों की मदद करने वालों की जानकारी दें। प्रदेश सरकार के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि जल्द ही कश्मीर में इस सिलेक्टिव कीलिंग के अटैक को रोका जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ मिलकर रणनीति बनाई जा रही है। जल्द ही एक्शन होगा।
तोड़ना होगा लोकल नेटवर्क
कश्मीर में सिलेक्टिव किलिंग के लिए स्थानीय नेटवर्क बड़ी भूमिका निभा रहा है। कुछ सक्रिय आतंकी युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां मंथन कर रही हैं कि युवाओं को इन आतंकियों के संपर्क में आने से कैसा रोका जाए। घाटी में आतंकियों के सफाए के साथ ही इस स्थानीय नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।

Add Comment