बाबा बालकनाथ के बारे में ये 5 बातें जानते हैं आप? पढ़ें- राजस्थान के ‘योगी’ की कहानी
राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कुछ सीटो की और लोगों की बड़ी चर्चा है. उनमें से एक नाम बाबा बालकनाथ और उनकी तिजारा सीट का है. क्यों कहा जा रहा है कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री हो सकते हैं. क्या है बाबा बालकनाथ की कहानी.
राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे अब तो कम से कम नहीं ही बदलने वाले है. भारतीय जनता पार्टी सूबे की 199 सीटों में से तकरीबन 116 पर जीतती नजर आ रही है. वहीं कांग्रेस पार्टी करीब 68 सीटों पर जबकि 15 सीटें अन्य के खाते में जाते दिख रही है. इस तरह ये कहा जा सकता है कि प्रदेश में रिवाज बदलने का दस्तूर इस बार भी कायम रहा है. आने वाले दिनों में सबसे बड़ा सवाल होगा कि भारतीय जनता पार्टी क्या वसुंधरा राजे को फिर एक बार मुख्यमंत्री बनाएगी या फिर किसी और नेता को राज्य की कमान दी जाएगी.
कुछ लोगों का कहना है कि वसुंधरा को दरकिनार किए जाने की स्थिति में जिन कुछ एक नेताओं की किस्मत राजस्थान बीजेपी में खुल सकती है, उनमें सबसे एक हैं बाबा बालकनाथ. सवाल है कि क्या भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश ही की तर्ज पर जयपुर की गद्दी क्या हिंदुत्व ही के पोस्टर बॉय को ही सौंपेगी? अगर ऐसा होता है तो यह राज्य की सियासत में बहुत बड़ी घटनाक्रम होगा. राजस्थान की राजनीति में बाबा बालकनाथ को योगी कहा जाता है. इसके पीछे एक वजह है, दरअसल योगी आदित्यनाथ ही की तरह बाबा बालकनाथ भी नाथ संप्रदाय से आते हैं. आइए जानते हैं बाबा बालकनाथ के बारे में 5 बड़ी बातें.
1. बाबा बालकनाथ हरियाणा के रहने वाले हैं, लेकिन हरियाणा उनकी कर्मभूमि नहीं है. बाबा बालकनाथ की कर्मभूमि राजस्थान है. उनका जन्म 16 अप्रैल 1982 को हरियाणा के कोहराणा गांव में हुआ. बाबा बालकनाथ यादव यानी ओबीसी वर्ग से आते हैं.
2. बालकनाथ राजस्थान के मेवात इलाके में राजनीति करते हैं. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने इस इलाके में हिंदुत्त्व के जो कुछ प्रयोग किए, उसके एक अहम किरदार बाबा बालकनाथ रहें.
3. बाबा बालकनाथ, नाथ संप्रदाय के आठवें मुख्य महंत हैं. उनको महंत चांदनाथ ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और वे नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी अस्थल बोहर नाथ आश्रम के महंत हैं.
4. बाबा बालकनाथ विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले सांसद थे. वे 2019 के चुनाव में अलवर से सांसद चुनकर आए थे. तब उन्होंने भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था.
5. बाबा बालकनाथ इस चुनाव में तिजारा सीट से प्रत्याशी थे. अलवर जिले की तिजारा सीट से बाबा बालकनाथ को कांग्रेस के इमरान खान चुनौती दे रहे थे लेकिन बाबा बालकनाथ ने उन्हें करारी शिकस्त दी है.
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