बीकानेर में 1400 रेमेडिसिविर इंजेक्शन की खेप में 510 इंजेक्शन की अनियमितता सामने आई है. इतना ही नहीं, बीकानेर के कोटे के इंजेक्शन बीकानेर में जरूरतमंद कोरोना मरीजों को देने की बजाय प्रदेश के अन्य शहरों और देश के दूसरे शहरों बहुत अधिक कीमतों में बेचे गए. साथ ही बीकानेर में भी अनाधिकृत रूप से निजी अस्पताल के डॉक्टरों और निजी अस्पतालों को भी इन इंजेक्शनों की काला बाजारी कर बेचा गया. बताया जा रहा है कि बीकानेर से श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भिवानी और कोलकाता तक इन इंजेक्शन को बेच गया. ना सिर्फ स्टॉकिस्ट, बल्कि प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टर्स भी इस कालाबाजारी में लिप्त बताये जा रहे है बीकानेर में लगातार चली 4 दिन से जांच के बाद एसओजी ने इस मामले में पहले 5 लोगों को गिरफ्तार किया था लेकिन कोरोना काल के चलते दो उम्र दराज होने की के कारण उनकी पूछताछ बीकानेर में ही की जाएगी बाकी बचे तीन लोगों को एसओजी टीम गिरफ्तार कर जयपुर लेकर गई है । इस सम्बंध में एसओजी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल ने बताया कि मित्तल फार्मा और मित्तल ड्रग के विनय अग्रवाल, अनुज अग्रवाल व प्रदीप अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलबहै कि , बीकानेर के पांच स्टॉकिस्ट पर आरोप है कि करीब पांच सौ दस इंजेक्शन की हेराफेरी की गई है। इन लोगों ने जिनके नाम से इंजेक्शन बताये हैं, उन्होंने इंजेक्शन खरीद से इनकार कर दिया। बीकानेर के अलावा राजस्थान से बाहर भी दो अस्पतालों को ये इंजेक्शन बेचे गए हैं। एसओजी टीम तफ्तीश में जुटी है ।
साहिल पठानकी विशेष रिपोर्ट
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