
बीकानेर।कॉलेज विद्यार्थियों की फीस वापसी की मांग को लेकर जेएनवीयू के छात्र संघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटी के बीकानेर पहुंचते ही छात्र नेता हजारों की संख्या में समर्थन में नजर आए।
भाटी के निलंबन का मामला अब प्रदेश का मामला बनता जा रहा है। आज बीकानेर में रविन्द्र सिंह भाटी के समर्थन में हजारों छात्र खड़े दिखे। बीकानेर पहुंचते ही रविन्द्र सिंह ने पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी के मधुबन स्थित आवास पहुंचकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। भाटी के नेतृत्व में कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन दिया गया। भाटी ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो मानसून सत्र में जयपुर कूच किया जाएगा। एक लाख छात्र विधानसभा का घेराव करेंगे। वहां भी बात ना बनी तो दिल्ली कूच किया जाएगा।
भाटी का कहना है कि दो साल से कोरोना की वजह से कॉलेजों में पढ़ाई नहीं करवाई गई। अधिकतर विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किया गया। जब ना शिक्षा दी गई, ना परीक्षा करवाई गई और ना ही अन्य गतिविधियां हुई तो फीस किस बात की ली गई। जेएनवीयू के छात्र छात्राओं की पीड़ा के लिए आवाज उठाई तो उनके सहित चार छात्रों को निलंबित कर दिया गया।
भाटी का कहना है कि दो साल से कोरोना की वजह से कॉलेजों में पढ़ाई नहीं करवाई गई। अधिकतर विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किया गया। जब ना शिक्षा दी गई, ना परीक्षा करवाई गई और ना ही अन्य गतिविधियां हुई तो फीस किस बात की ली गई। जेएनवीयू के छात्र छात्राओं की पीड़ा के लिए आवाज उठाई तो उनके सहित चार छात्रों को निलंबित कर दिया गया।
छात्रों ने मांग की है कि फीस वापिस दी जाए अथवा अगले शैक्षणिक सत्र में समायोजित की जाए। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम को मजबूत किया जाए। वहीं निलंबन रद्द कर भविष्य में इस तरह से लोकतंत्र को ना दबाने का आश्वासन दिया जाए। भाटी ने दावा किया है कि बांटने की राजनीति में अब छात्र नहीं फंसने वाले। वे किसी दल से नहीं हैं, बस छात्रों के लड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रविन्द्र सिंह भाटी एबीवीपी में थे बाद में विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में बागी होकर अध्यक्ष पद पर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए। उनके निलंबन की बाद से ही जोधपुर, बीकानेर सहित प्रदेश के छात्र संगठन को दरकिनार कर उनके समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। एबीवीपी व एनएसयूआई ने भी उनके समर्थन में प्रदर्शन किए हैं।










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