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  बीकानेर में महिलाओं ने किया गणगौर का उद्यापन

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बीकानेर। राजस्थान के महान और सबसे लोकप्रिय लोकपर्व गणगौर एक प्रमुख त्यौंहार के रुप में मनाया जाता है। लेकिन बीकानेर में गणगौर की अपनी एक अलग ही पहचान है। हिंदू धर्म में गणगौर एक प्रमुख व्रत है, इस पर्व पर महिलाएं ‘गण’ यानी भगवान शंकर और ‘गौर’ यानी देवी गौरी की पूजा करती है। देवी गौरी ही संसार को सुहाग और सौभाग्य प्रदान करती है। मान्यता भी है कि गणगौर की पूजा सबसे पहले देवी पार्वती ने ही की थी। उन्होंने ही शिव की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की थी और शिव रुप में उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ था। विवाहित महिलाएं भी गणगौर का पूजन करती हैं और अपने ससुराल में उसका उद्यापन (अजूणा) करती है। जो एक बार ही होता है। सोमवार को गंगाशहर के महावीर भवन में सोनी परिवार के पुखराज सोनी-तारादेवी सोनी की पुत्र वधू भावना सोनी और राजश्री सोनी ने गणगौर का पूजन करने के बाद उद्यापन किया। साथ ही भावना सोनी व राजश्री सोनी ने 32 कन्याओं का पूजन भी किया। इस कार्यक्रम में रिश्तेदार, समाज के लोग मौजूद रहे। उपस्थित बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि गणगौर व्रत श्रद्धा, प्रेम और पारिवारिक सौहार्द का प्रतीक है। इसका पालन करके महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

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