बीकानेर।आज के दौर में चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मगर, कई प्रतिभावान और मेधावी छात्र आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते हैं। उनकी इसी परेशानी को दूर करने के लिए फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान, बीकानेर ने हल्दीराम एजुकेशनल सोसाइटी, नई दिल्ली के सहयोग से एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। यह पहल है “बीकानेर संभाग के होनहार छात्रों के लिए नि:शुल्क नीट की कोचिंग SHANA इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में “.
फिफ्टी villagers सेवा संस्थान, बाड़मेर के फाउंडर श्री डॉक्टर भरत सरण ने बताया कि सत्र २०२३ Fifty villagers’ सेवा संस्थान के 22 बच्चों ने नीट की परीक्षा दी थी जिसमें से 19 विद्यार्थियों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में चयन हुआ | अब तक Fifty Villagers सेवा संस्थान, बाडमेर से 109 विद्यार्थियों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में चयन हो चुका है |
फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान बीकानेर के 25 विद्यार्थियों को गोद लेने वाले श्री मनोहर लाल अग्रवाल अध्यक्ष हल्दीराम एजुकेशनल सोसाइटी का मानना है कि आर्थिक पृष्ठभूमि किसी भी छात्र के सपने को पूरा करने में बाधा नहीं बननी चाहिए।
हल्दीराम एजुकेशनल सोसाइटी के प्रतिनिधि श्री रमेश कुमार अग्रवाल यह पहल बीकानेर संभाग के ऐसे ही होनहार और जरूरतमंद छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में अपना सपना पूरा करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करने के लिए की गई है 25 छात्रों का चुनाव इसके लिए हर वर्ष किया जाता है बीकानेर संभाग से अगर 25 विद्यार्थीका चयन उपरोक्त मूल्यांकन के आधार पर नहीं हो पाने की स्थिति में बीकानेर के संभाग के अतिरिक्त राजस्थान भर से विद्यार्थियों को अवसर दिया जाता है |
कार्यक्रम का उद्देश्य:
यह कार्यक्रम बीकानेर संभाग के सरकारी स्कूलों से पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को चिकित्सा प्रवेश परीक्षा NEET की नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 11 से आगे के छात्रों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही नीट परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी। अनुभवी शिक्षकों द्वारा उन्हें व्यापक अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट और नियमित मूल्यांकन की सुविधा दी जाएगी।
पात्रता मापदंड:
इस कार्यक्रम के लिए वे छात्र आवेदन करने के लिए पात्र हैं जिन्होंने राजस्थान के किसी सरकारी स्कूल से कक्षा दसवीं प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण की हो।
साथ ही, छात्र को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित होना चाहिए और वित्तीय जरूरत का प्रमाण देना होगा।
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