सेल्समैन पिता ने बेटे का मर्डर किया, फिर सुसाइड:किस्त जमा नहीं हुई तो बाइक लौटाई; पत्नी से बोला था- 10 मिनट में आता हूं
बीकानेर
जितेंद्र बेटे को सीधे स्कूल से लाया था, जयंत स्कूल यूनिफॉर्म में था।
बीकानेर में शुक्रवार को सेल्समैन पिता ने 10 साल के बेटे को कोलायत के कपिल सरोवर में फेंका, फिर खुद भी कूद गया। दिल दहलाने वाले इस मर्डर और सुसाइड में आर्थिक तंगी का कारण सामने आया है। पिता जितेंद्र ओझा का शव शुक्रवार और बेटे जयंत का शव शनिवार को मिला। जितेंद्र बीकानेर शहर के मोहता चौक का रहने वाला था।
पुलिस के अनुसार- सेल्समैन जितेंद्र ओझा (48) तीन लाख रुपए का एक सामान्य लोन नहीं चुका पा रहा था। उसने श्रीराम फाइनेंस कंपनी से करीब तीन लाख रुपए का एक लोन ले रखा था। ये लोन वो चुका नहीं पाया। वो अपनी बाइक पर ही सामान बेचकर सेल्समैन का काम करता था। इसीलिए उसने एक फाइनेंस कंपनी से बाइक ली थी। इसकी किश्त भी वो जमा नहीं करवा सका। ये बाइक उसने पिछले दिनों फाइनेंस कंपनी को लौटा दी थी। कुछ परिचितों से भी लोन लिया हुआ था, लेकिन वापस नहीं कर पाया।
घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें पिता बेटे को तालाब के किनारे लाया और अचानक हाथों से उछालकर पानी में फेंक दिया। फिर वहीं बैठकर उसके डूबने का इंतजार किया। कुछ देर बार खुद ने भी छलांग लगा दी।
बेटे से था बहुत प्यार
मृतक के पड़ोसियों का कहना है- जितेंद्र का चौक में उठना-बैठना बहुत कम था। वो कभी कभार ही क्षेत्र के लोगों से मिलता था। सामाजिक कार्यक्रमों में उसकी उपस्थिति रहती थी, लेकिन सीमित समय के लिए। वो अपने काम में ही उलझा रहता था। बेटे से बहुत प्यार था। ऐसे में संभवत: यह सोचकर बेटे को पहले मार दिया कि उसके जाने के बाद वह नहीं रह पाएगा।
सुसाइड नोट की चर्चा
बताया जा रहा है कि जयंत के स्कूल बैग में एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें आर्थिक तंगी के कारण ये कदम उठाने की बात कही गई है। हालांकि बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम ने शनिवार को सुसाइड नोट नहीं मिलने की बात कही।
अपनी बड़ी बहन के साथ जयंत। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि जितेंद्र को अपने बेटे से बहुत प्यार था।
स्कूल से सीधे ले गया
जयंत मुरलीधर व्यास कॉलोनी में स्थित एक स्कूल में पढ़ता था। वो पढ़ाई में सामान्य था और नियमित रूप से स्कूल जाता था। आमतौर पर उसकी मां ही स्कूल के संपर्क में रहती थी और वो ही पढ़ाई को लेकर स्कूल में बात करती थी। शुक्रवार को जितेंद्र स्कूल की छुट्टी होते ही उसे लेने आ गया। वो घर के बजाय मुरलीधर व्यास कॉलोनी से बस में सवार होकर कोलायत के लिए निकल गया।
बच्चे को मारने और खुद के सुसाइड करने के निर्णय पर जितेंद्र इतना अडिग था कि करीब पचास किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद भी उसके इरादों में कोई बदलाव नहीं आया। इस दौरान उसने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। पत्नी का फोन आया तो उसे भी ये बोला कि पंद्रह-बीस मिनट में घर आ रहे हैं।
जहां डूबा, वहां करीब 20 फीट पानी
जयंत को कपिल सरोवर के जिस हिस्से में पहले फेंका गया, वहां ज्यादा पानी नहीं था, क्योंकि वहां सीढ़ियां थी। इसी कारण जयंत वापस आने लगा। तब वो खुद उसे लेकर आगे बढ़ा। करीब पंद्रह से बीस फीट की दूरी तक जितेंद्र ही जयंत को लेकर गया। वहां दोनों डूब गए। यहां 18 से 20 फीट पानी था। जितेंद्र का शव तो यहां कुछ देर बाद ही मिल गया, लेकिन बेटा नीचे फंस गया। उसे करीब चौबीस घंटे बाद बाहर निकाला गया।
कोलायत का कपिल तालाब। इसी में पिता ने पहले बेटे को फेंका, फिर खुद ने सुसाइड कर लिया।
स्कूल यूनीफॉर्म में निकला शव
स्थानीय तैराक रमण शर्मा ने जयंत का शव बाहर निकाला। उसे वहीं से निकाला गया, जहां उसे डूबोया गया था। अंदर गाद और जाले होने के कारण फंस गया था। रमण ने जब उसे बाहर निकाला तो जयंत ने स्कूल यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। उसे देखकर वहां खड़े तैराक और पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए।
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