बैंक का टारगेट करने के लिए खोले फर्जी FD अकाउंट:ब्रांच मैनेजर के साथ मिलकर 2 करोड़ रुपए का गबन किया, पुराने ग्राहकों के खातों से निकाले रुपए
ICICI बैंक के ब्रांच मैनेजर समेत 15 कर्मचारियों ने मिलकर 2 करोड़ का गबन कर लिया। ये पूरा खेल बैंक के टारगेट को पूरा करने के लिए किया गया। सभी ने मिलकर फर्जी FD अकाउंट खोले और पुराने ग्राहकों के खातों से रुपए इनमें ट्रांसफर किए।
मामला प्रतापगढ़ जिले के धरियावाद का है। सबसे पहले 5 फरवरी को मामला सामने आया था, जिसके बाद अगले दिन यानी 6 फरवरी मंगलवार को ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा (36) को हिरासत में लिया था। पूछताछ में सामने आया कि इसमें बैंक का स्टाफ और उदयपुर का व्यापारी जालम चंद (65) भी शामिल था। पुलिस ने 9 फरवरी शुक्रवार को दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
वहीं एसपी अमित कुमार ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एक ग्राहक के अकाउंट से 32 लाख रुपए गायब होने के बाद रीजनल हेड मनोज बेहरानी की ओर से मामला दर्ज करवाया गया था। उन्होंने बताया कि बाकी स्टाफ के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
बैंक के कस्टमर भूपेत रोत ने जब अपना अकाउंट चेक किया तो उसका बैलेंस 32 लाख रुपए की बजाय 0 मिला।
पुराने ग्राहकों की बिना परमिशन के रुपए निकाल नए खातों में किए ट्रांसफर
एसपी अमित कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 6 फरवरी को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK) के रीजनल हेड मनोज बेहारानी ने धरियावद थाने में केस दर्ज करवाया। मनोज बेहरानी ने पुलिस को शिकायत दी की उनके बैंक धरियावद ब्रांच के अधिकारियों ने कुछ पुराने ग्राहकों के एफडी खाते (फिक्स डिपॉजिट अकाउंट) से बिना अनुमति पैसे निकालकर नए फर्जी खाते खोल दिए। इस पूरे मामले में बैंक मैनेजर मनोज कबरा मुख्य आरोपी है।
फाइनेंशियल फ्रॉड के मामला सामने आने पर एसपी अमित कुमार ने 7 फरवरी को एसआईटी टीम का गठन जांच शुरू की। दो दिन की जांच में सामने आया कि बैंक के ही कुछ उच्च अधिकारियों ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए, बैंक के पूराने ग्राहकों के एफडी खातों में से ऑडी (ओवर ड्राफ्ट) के जरिए पैसे निकाल कर नए फर्जी खाते खोलने लगे। ऐसा करने पर अधिकारियों का टारगेट भी पूरा होने लगा।
एसपी ने बताया कि ब्रांच मैनेजर से जब पूछताछ की तो बताया कि बैंक के अधिकारियों की ओर से रोजना सेविंग, करंट और एफडी के नए अकाउंट के साथ ही अलग-अलग लोन, इंश्योरेंस आदि को लेकर टारगेट देकर प्रेशर बनाया जा रहा था।
ब्रांच मैनेजर मनोज कबरा और व्यापारी जालम चंद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बैंक मैनेजर ने दूसरे फोन नंबर अपडेट किए
बैंक खाता धारकों के खातों से गबन हुई राशि की जांच के लिए गठित एसआईटी द्वारा संयुक्त लेनदेन वाले बैंक खातों की जांच की गई। इस जांच में सामने आया कि बैंक मैनेजर ने कई खातों में गलत मोबाइल नंबर अपडेट किए हैं। इस वजह से ग्राहकों को उनके खाते से किया जा रहे ट्रांजैक्शन की जानकारी नहीं मिल पाती थी।
धरियावद पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है, बैंक की गबन की गई राशि को जिन खातों में जमा करवाई गई थी उनमें से कुल 62 बैंक खातों को फ्रिज करवा दिया है और 62 लाख 71490 रुपए की राशि को होल्ड करवाया गया। ऐसे में अब तक कुल एक करोड़ 8 लाख 71हजार 490 की राशि जब्त की जा चुकी है।
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद बैंक के बाहर जुटी ग्राहकों की भीड़
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
बैंक के कस्टमर भूपेत रोत ने बताया- मुझे 5 फरवरी को एक परिचित से जानकारी मिली कि थी कि रविवार तक उसके केसीसी अकाउंट में 2 लाख रुपए से ज्यादा था। जब सोमवार को वह रुपए लेने पहुंचा तो खाते में रुपए नहीं थे। इसी बीच वह मुझे मिला और घटनाक्रम बताया। मुझे शक हुआ तो सोमवार शाम 7 बजे मैं बैंक पहुंचा। मुझे पता था कि मेरे केसीसी अकाउंट में 32 लाख रुपए पड़े हैं। जब मैंने अपना अकाउंट बैलेंस बैंक से पता करवाया तो पता चला कि उसमें बैलेंस जीरो है। मैंने मैनेजर प्रशांत काबरा से इस बारे में पूछा। उसने कोई जवाब नहीं दिया। भूपेत का आरोप है कि प्रशांत काबरा 5 से 7 करोड़ रुपए का गबन कर चुका है।
एक ग्राहक को पता चला, बैंक को ब्लैकमेल कर फायदा लिया
इधर, पुलिस ने इस मामले में उदयपुर के व्यापारी जालम चंद को भी गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि बैंक के इस फर्जीवाड़ा का पता ग्राहक जालम चंद को पता चल गया। उसने बैंक मैनेजर मनोज कबरा को धमकाकर अपना पैसा वापस ले लिया। इसके साथ करीब डेढ़ लाख रुपए अपना मुंह बंद करने के लिए ले लिया। इतना ही नहीं व्यापारी ने एक प्लॉट खरीदने के लिए बैंक से 62 लाख रुपए भी लिए है, जिसके बाद प्लॉट को सीज कर दिया गया है।
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