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भगवान आदिनाथ का 18 अभिषेक आज,अक्षया तृतीया पर वर्षीतप का पारणा व शोभायात्रा कल

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बीकानेर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वीश्री प्रियरंजनाश्रीजी के सान्निध्य में शनिवार को नाहटा चौक के भगवान आदि नाथ मंदिर में सुबह 11 बजे से विभिन्न जड़ी बूटियों, द्रव्यों से भक्ति संगीत के साथ 18 अभिषेक किया जाएगा । बीकानेर में सबसे बड़ी प्रतिमा के भगवान आदिनाथ मंदिर में शुक्रवार को विशेष अंगी की गई । आदिश्वर मंदिर नाहटा पंचायती प्रन्यास के अध्यक्ष दौलत राम नाहटा ने बताया कि शनिवार व रविवार को भी अंगी की जाएगी। शनिवार को ही रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज उपासरे में दोपहर ढ़ाई बजे साझी का आयोजन होगा।
सकलश्री संघ व श्री अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक संघ की ओर से आयोजित सामूहिक वर्षीतप पारणा समारोह के तहत 23 अप्रेल रविवार को नाहटा मोहल्ले के आदिनाथ जैन मंदिर मंदिर में सुबह नौ बजे इक्क्षु रस पक्षाल किया जाएगा व सुबह सवा नौ बजे शोभायात्रा (वरघोडा) भगवान आदि नाथ मंदिर से रवाना होकर ढढ्ढा कोटड़ी पहुंचेगा। जहां सुबह दस बजे प्रवचन व सवा ग्यारह बजे वर्षीतप पारणा होगा।
निर्भिमानी का दान उपकारी
रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शुक्रवार को साध्वीश्री प्रियरंजनाश्रीजी ने प्रवचन में कहा की अक्षया तृतीया पर दिया गया अन्न-धन्न का दान, जप,तप, साधना, आराधना व प्रभु भक्ति अक्षय रहती है। उन्होंने कहा कि निर्भिभानी का दान उपकारी रहता है। अहंकार, लोभ, लालच व कामना के साथ किया गया दान देने व लेने वाले के लिए उपकारी नहीं रहता । उन्होंने कहा कि रावण ने अहंकार के कारण 1008 विद्याओं से दूर होना पड़ा, सोने की लंका को गंवानी पड़ी। दान व निष्काम सेवा के समय नम्रता, सहजता, सरलता, सादगी व निस्वार्थ भावना रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घर-परिवार में आने वाले कटु व अशोभनीय विचारों को अंतरमन में प्रतिष्ठित नहीं होने दें।

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