REPORT BY DR MUDITA POPLI
कांग्रेस पार्टी की योजना अनुसार सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 150 दिनों में देश के 12 राज्यों और दो केंद्र-शासित प्रदेशों से गुज़र कर 3,570 किलोमीटर का सफर तय कर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होगी।
राहुल गांधी इस यात्रा का एकमात्र ऐसा चेहरा है जिनके कंधों पर पूरी यात्रा टिकी हुई है।
भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत से पहले राहुल गांधी ने बार-बार ये बात कही थी कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को संसद में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है और इसीलिए अब वो सीधे जनता के बीच अपनी बात रखने और जनता की बात सुनने जा रहे हैं। जिस दिन से भारत जोड़ो यात्रा प्रारंभ हुई राहुल गांधी की अलहदा छवि प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है।
अगर राजनीतिक हलकों में देखें तो भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही बीजेपी में भी कुछ खलबली सी दिखाई देने लगी है। कहीं ना कहीं यात्रा राहुल गांधी की छवि को बदलने में कारगर साबित होती दिखाई दे रही थी कि इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री का एक वक्तव्य इस पूरी यात्रा में ग्रहण की तरह छाने लगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक प्रतिष्ठित मीडिया हाउस को दिए साक्षात्कार के दौरान बेबाक बातचीत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को गद्दार करार दिया साथ ही पूरे घटनाक्रम की समीक्षा करते हुए उनके कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के घटनाक्रम में खुलेआम सचिन पायलट को दोषी करार देते हुए बार-बार कहा कि राजस्थान एक गद्दार को स्वीकार नहीं करेगा।गहलोत ने साक्षात्कार में कहा था कि पायलट एक ‘गद्दार’ हैं, जो उनकी जगह नहीं ले सकते क्योंकि उन्होंने 2020 में कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह किया था और राज्य सरकार को गिराने की कोशिश की थी।
मुख्यमंत्री के ऐसे बयान के बाद भी सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री पर पलटकर कड़ा वार नहीं किया केवल उनके वक्तव्य को तथ्यहीन एवं गलत करार देते हुए पूरी बातचीत को भारत जोड़ो यात्रा पर केंद्रित कर दिया। उम्र से छोटे परंतु व्यवहार से परिपक्वता दिखाते हुए सचिन पायलट ने जिस प्रकार मुख्यमंत्री को बिना कुछ कहे जवाब दिया है उससे उनकी परिपक्व छवि निर्मित हुई है। पांच बार सांसद, तीन बार केंद्रीय मंत्री और तीन बार सीएम जैसे पद पर रहने के बाद भी इस समय जब पूरा देश भारत जोड़ो यात्रा की ओर नजरें गड़ाए बैठा है , राजस्थान के मुख्यमंत्री का इस प्रकार का बयान कहीं पूरी भारत जोड़ो यात्रा के उद्देश्य और कांग्रेस की छवि को धूमिल न कर दे।शायद यही सोच कर राहुल गांधी ने सोमवार को इंदौर में कहा कि दोनों नेता पार्टी के लिए एसेट्स (धरोहर) हैं। यह शायद आलाकमान का ही निर्णय रहा कि राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री को ‘गद्दार’ बताने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को सचिन पायलट के साथ नजर आए और दोनों नेताओं ने 4 दिसंबर को राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राजस्थान में प्रवेश करने की बात संयुक्त रुप से उपस्थित होकर साझा की।
इस दौर में जब कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से अपने पैरों को जमाने में लगी है ऐसे में एक परिपक्व नेता की अपरिपक्व टिप्पणी कहीं पूरी भारत जोड़ो यात्रा की उपादेयता पर ही प्रश्नचिह्न न लगा दे। आने वाले समय में आलाकमान क्या निर्णय लेगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, परंतु सचिन पायलट के राजस्थान में पांवों को शायद कहीं ना कहीं अशोक गहलोत ने फिर से जमा दिया है और जादूगर की जादूगरी पर पायलट का व्यक्तित्व भारी पड़ गया है।
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