भारत से बातचीत की भीख मांगकर शहबाज ने पाकिस्तान को किया कमजोर, अपने ही मुल्क में घिरे पाक PM
पाकिस्तान इस वक्त गंभीर आर्थिक संकट से घिरा हुआ है। देश में आटे का अकाल पड़ चुका है और लोग भूख से बेहाल हैं। ऐसे में शहबाज शरीफ के तेवर बदल गए हैं और उन्होंने भारत से बातचीत करने का अनुरोध किया है।
इस्लामाबाद : विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की नेता और पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से उन मुद्दों पर बोलना बंद करने को कहा है, ‘जिन पर उनके विचारों में स्पष्टता नहीं है’ और ‘जिन से सिर्फ देश को कम आंका जाता है’। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘आयातित पीएम के नाम पर हमारे पास जो ‘जोकर’ है, उन्हें वास्तव में उन मुद्दों पर बात करना बंद कर देना चाहिए, जहां उनके पास विचारों की स्पष्टता नहीं है और जो केवल पाकिस्तान को कमजोर करते हैं। वह भारत से भीख मांगते हुए कहते हैं कि पाकिस्तान ने ‘सबक सीख लिया है’।’
उन्होंने कहा कि ‘यह एक बेतुका बयान है।’ TIN की रिपोर्ट के मुताबिक शरीफ ने हाल ही में अबू धाबी की अपनी यात्रा के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान से भारत के साथ बातचीत शुरू कराने के लिए कहा और ईमानदारी से बात करने की ‘कसम’ खाई। शरीफ ने अल-अरबिया समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में पुष्टि की कि उन्होंने बातचीत के लिए अल-नाहयान की मदद मांगी थी।
क्या बोले शहबाज शरीफ?
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान 12 जनवरी को अबू धाबी में अल-नाहयान से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि ‘मैंने मोहम्मद बिन जायद से अनुरोध किया है कि संयुक्त अरब अमीरात पाकिस्तान का एक ‘भाई’ देश है। उसके भारत के साथ भी अच्छे संबंध हैं और वह दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने के लिए बहुत अहम भूमिका निभा सकता है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम भारतीयों से पूरी ईमानदारी के साथ बात करेंगे।’
‘हमने अपना सबक सीख लिया है’
TIN न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में पदभार ग्रहण करने के बाद से शरीफ की यह तीसरी यूएई यात्रा है, जो द्विपक्षीय आर्थिक, व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। डॉन के मुताबिक भारत के साथ तीन युद्धों और संबंधों में कड़वाहट और लोगों को होने वाली पीड़ा को याद करते हुए शरीफ ने इंटरव्यू होस्ट से कहा कि ‘हमने अपना सबक सीख लिया है’ और ‘हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं’।

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