मिनाक्षी को “अतुलनीय नारी शक्ति कर्तृत्व सम्मान”

प्रतिनिधी, नागपुर
एशिया के सबसे बड़े ऊर्जा केन्द्र सीएसटीपीएस (चंद्रपुर सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन) में महिला दिवस के उपलक्ष में 9 मार्च को “अतुलनीय नारी शक्ति कर्तृत्व सम्मान” समारोह आयोजित किया गया था. इस समय सीएसटीपीएस के कार्यकारी संचालक पंकज सपाटे, श्री. राठौड़, श्रीमति बोरकर आदि उपस्थित थे.
इस भव्य समारोह में “द बैंबू लेडी ऑफ महाराष्ट्र” के नाम विख्यात मिनाक्षी मुकेश वालके को “अतुलनीय नारी शक्ति कर्तृत्व सम्मान” प्रदान किया गया. बैंबू कला सीखा कर मिनाक्षी ने अब तक करीब 1100 वंचित आदीवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है. अपने 7 साल के बेटे को छोड़ कर उन्होने पश्चिम बंगाल के नेपाल और बांग्लादेश की सीमा पर बसे आदीवासी दुर्गम गांव नवापारा में 360 आदीवासी महिलाओं को सिखाया था. यह साहस करनेवाली वह पहली महिला मानी जाती है. नक्सल प्रभावित गड़चिरोली में सीखाने का साहस भी उन्होने किया था. “बैंबू राखी” को देश और दुनिया में लोकप्रियता दिलाने का काम मिनाक्षी ने किया और 5 युरोपीय देशों में एक्सपोर्ट भी किया. स्पर्धा परीक्षा के सिलेबस में शामिल की गई मिनाक्षी को कनाडा के वूमन हिरो अवॉर्ड के अलावा ओलंपिक विजेता और अभिनेताओं के साथ पुरस्कार भी मिले है. अत्यन्त गरीबी में तमाम अभावों से जूंझ कर मिनाक्षी ने अपना सामाजिक उद्यम “अभिसार इनोवेटिव” 2018 में मात्र 50 रूपयो में शूरू किया था. आदीवासी क्षेत्र में आधिकांश कार्य के चलते मिनाक्षी को “आदिवासियो की बैंबू क्वीन” भी कहा जाता है.
“अतुलनीय नारी शक्ति कर्तृत्व सम्मान” को ग्रहण करते हुए मीनाक्षी ने कहा कि यह उन सभी नारी शक्ति का सम्मान है जिन्होंने तमाम तरह के अभावों के बिच निज कर्तृत्व से अपनी सफलता के झंडे गाड़े.

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