NATIONAL NEWS

राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में लिंग आधारित हिंसा विरुद्ध सक्रियता अभियान’ में संवाद कार्यक्रम

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर में लिंग आधारित हिंसा विरुद्ध सक्रियता अभियान’ में संवाद कार्यक्रम

बीकानेर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर में आज दिनांक 27.11.24 को महाविद्यालय पूर्व छात्रा समिति द्वारा अंतराष्ट्रीय स्तर पर दिनांक 25.11.24 से 10.12.24 तक आयोजित हो रहे 16 दिवसीय ‘लिंग आधारित हिंसा विरुद्ध सक्रियता अभियान’ के अंतर्गत एक परस्पर संवादात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य वक्ता के रुप में ‘आयरन लेडी’ और ‘सुपर मॉम’ जैसे संबोधनों से सुशोभित RPS श्रीमती सीमा हिंगोनिया,कमांडेंट तीसरी बटालियन RAC बीकानेर और महाविद्यालय की सेवानिवृत प्रो. मंजुला बारेठ पधारी। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. अभिलाषा आल्हा ने मुख्य अतिथियों व पूर्व छात्रा समिति की अध्यक्षा डॉ विभा बंसल, उपाध्यक्ष डॉ सुशीला ओझा, सचिव डॉ रीना साहा व उपसचिव डॉ नीरु गुप्ता के साथ सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की विधिवत् शुरुआत की। प्राचार्य प्रो. आल्हा ने अपने स्वागत उद्बोधन में मुख्य वक्ताओं तथा समस्त पूर्व छात्रा समिति के सदस्यों व उपस्थित सभागार का अभिवादन करते हुए लैंगिक असमानता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। अध्यक्ष महोदया डॉ विभा बंसल ने अपने भाषण में लिंग आधारित हिंसा के प्रकार व उनसे निपटने के मुख्य बिंदुओं पर सबका ध्यान केंद्रित किया तथा संपूर्ण विकसित भारत के लक्ष्य को पाने का पहला चरण बाल विवाह मुक्त भारत को माना। विशेष अतिथि प्रो. मंजुला बारेठ ने अपने वक्तव्य में महाविद्यालय को हेरिटेज विरासत मानते हुए इसके इतिहास की जानकारी और अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में शिक्षा का परिदृश्य बदलकर तकनीकी रूप ले चुका है। प्रो. बारेठ ने छात्राओं से भारतीय दर्शन,भारत की सांस्कृतिक विरासत,गुरु-शिष्य परंपरा व देश के महापुरुषों भ्रतृहरि,बुद्ध के उच्च मानदंडों को अपनाकर शिक्षा के माध्यम से देश को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने की अपील की। मुख्य वक्ता RPS श्रीमती सीमा हिंगोनिया ने अमूर्त वंदन से भारत की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश की पहली महिला अध्यापिका सावित्रीबाई फुले व अन्य महिला विदुषियों के मूर्त वंदन की महत्ता की चर्चा से आलोचनात्मक संवाद की शुरूआत की। उन्होंने लिंग आधारित हिंसा के मुख्य कारण पुरुष सतात्मक मानसिकता को परंपरागत रूप में महिलाओं द्वारा अपनाया जाना,पुत्र प्राप्ति हेतु सामाजिक दबाव,लड़कियों को कुछ भी बुरा होने पर भी चुप रहने की दी जाने वाली संस्कारी सीख को बताते हुए कन्या भ्रूण हत्या,यौन शौषण,बाल विवाह,डायन प्रथा,ऑनर किलिंग जैसी कुरीतियों पर छात्राओं से संवाद किया। छात्राओं ने अपनी जिज्ञासानुसार उनसे अलग अलग प्रश्न पूछे जिसका समुचित उत्तर देते हुए RPS ने छात्राओं के साथ महिला सुरक्षा केंद्रों और हेल्पलाइन नंबर की जानकारी सांझा की। उन्होंने बताया की महिलाओं के साथ होने वाली आर्थिक,मानसिक,शारीरिक हिंसा का एकमात्र तोड़ शिक्षा ही है,जो आपको अपने अधिकार दिला सकती है। उन्होंने छात्राओं को सोशल मीडिया से दूर रहने,गलत का विरोध करने, जिम्मेदार नागरिक होने की सीख दी। महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य प्रो. नंदिता सिंघवी ने अपने प्रश्न में महिला अपराधों में होने वाली कार्यवाही को त्वरित करने का आग्रह किया जिसका आश्वासन देते हुए RPS ने इस दिशा में सरकार द्धारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। अंत में समिति कोषाध्यक्ष प्रो. नूरजहां ने उपस्थित सभागार को धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ राधा सोलंकी तथा रिपोर्टिंग अंजू सांगवा ने की। संवाद कार्यक्रम में समिति सदस्य डॉ विनोद कुमारी,डॉ हिमांशु कांडपाल,डॉ सीमा व्यास,डॉ ऋचा मेहता,सुमन बिश्नोई,तनुजा, नीतू,सुमन तंवर,प्रियंका,रितु,पूजा व वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. मंजू मीणा,प्रो.अच्छन राठौर,प्रो. उज्ज्वल गोस्वामी,प्रो. शशि बीदावत,प्रो.कल्पना खंडेलवाल,डॉ आशा शर्मा, डॉ धनवंती,सुनीता बिश्नोई व अन्य उपस्थित रहे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!