बीकानेर । जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराड़ू ने राज्य बजट 2025 को औद्योगिक विकास की संभावनाओं को सुनियोजित करने वाला व युवाओं को अपने खुद के स्टार्टअप शुरू करने व रोजगारपरक बनाने वाला बताया लेकिन औद्योगिक विकास में कुछ फैसले और लिए जाते तो संभावनाएं और अधिक तीव्र हो सकती थी । राज्य बजट में राजस्थान लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025 के तहत वेयरहाउस को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाना, प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजन के साथ साथ सर्विस सेक्टर में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से ग्लोबल केपेबलिटी सेंटर पॉलिसी की प्रस्तावना, औद्योगिक निवेश के साथ साथ ट्रेडिंग सेक्टर में विकास एवं संवर्धन हेतु राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी लाना,
वैट एमनेस्टी में 50 लाख तक की मांग माफ करना तथा इससे ज्यादा होने पर ब्याज व शास्ति में छूट, नए उद्योगों के साथ साथ पुराने उद्योगों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के उन्नयन के लिए 150 करोड़ का व्यय किया जाना, युवाओं को स्किल एवं रोजगारपरक बनाने हेतु राजस्थान रोजगार नीति 2025 की घोषणा, विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना की घोषणा, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए सभी जिलों में खाद्य प्रयोगशालाओं का स्थापन जैसी घोषणाओं से औद्योगिक विकास के साथ साथ नए उद्योगों का सृजन तथा रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे । लेकिन राज्य बजट में कृषि आधारित उद्योगों को भी राहत प्रदान की जानी आवश्यक थी जिसमें कृषि आधारित उद्योगों पर लगने वाला मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क को माफ किया जाना आवश्यक था तथा साथ ही राज्य के हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों में सुप्रीम कोर्ट की रोक के कारण रुके हुए औद्योगिक विकास के लिए भी कोई रास्ता बनाना चाहिए था ।
राज्य बजट पर पचीसिया एवं किराड़ू की मिलीजुली प्रतिक्रिया
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