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रुक्टा ने दिया अलवर के कंपनी बाग पर धरना ::थानागाजी एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग

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बीकानेर 9 अक्टूबर। रीट परीक्षा में राज कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले व शिक्षको के साथ बदतमीजी करने वाले थानागाजी एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग के लिए रूक्टा ने दिया कम्पनी बाग पर धरना।

रुक्टा के अनुसारकड़ी कानूनी कार्यवाही नहीं हुई तो मुख्यमंत्री आवास पर धरना देने और आगमी प्रतियोगी परीक्षाओं का बहिष्कार करने का दिया अल्टीमेटम।

रीट परीक्षा के दौरान थानागाजी एसडीएम द्वारा परीक्षा नियमों का पालन करने वाले कॉलेज शिक्षकों के साथ बदतमीजी करने के खिलाफ राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ-रूक्टा के प्रदेशव्यापी आह्वान के तहत अलवर के कम्पनी गार्डन पर रक्टा अध्यक्ष डॉ जगतपाल सिंह की अध्यक्षता हुआ। धरने के संयोजक डॉ रमेश बैरवा रहे तथा मुख्य वक्ता महामंत्री डॉ विजय कुमार ऐरी (बीकानेर) रहे। इस अवसर पर प्रांतीय कार्यकरिणी सदस्य डॉ अरविंद वर्मा (भरतपुर), डॉ रामनारायण मीणा (जयपुर), डॉ शक्ति सिंह (जयपुर) डॉ भरत मीणा (अलवर), डॉ अनंत जोशी (बीकानेर), जयपुर संभाग के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ शैलेंद्र सिंह भाटी, जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जीवन सिंह मानवी, डॉ रामानंद यादव, डॉ नरेंद्र नाथ, डॉ, नरेंद्र लांबा, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रोफेसर सोहनलाल, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के डॉ जगदीश गिरि, राजकीय महाविद्यालय थानागाजी के पीड़ित केंद्र अधीक्षक डॉ वी.के शर्मा, सहायक केंद्र अधीक्षक डॉ कन्हैयालाल मीणा, डॉ जीपी शर्मा, डॉ सुशीला मीणा, डॉ अशोक अग्रवाल, डॉ उमेश राय, डॉ आशुतोष मीणा, डॉ मल्लूराम, डॉ हरि सिंह, डॉ मानसिंह, डॉ नरेंद्र परेवा, डॉ अशोक कुमार, डॉ सूरजभान, डॉ समीर सिंघल सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए कॉलेज शिक्षकों ने अपने संबोधन में कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से दोषी थानागाजी एसडीएम, तहसीलदार और पुलिसकर्मी के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग की।

धरने पर आयोजित आम सभा के बाद रुक्टा प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में लिखा गया है कि रीट परीक्षा की दोनों पारियों में थानागाजी एसडीएम ने तहसीलदार और पुलिसकर्मियों के साथ राजकीय महाविद्यालय थानागाजी परीक्षा केंद्र पर जाकर अभ्यार्थी को निर्धारित समयावधि पश्चात प्रवेश दिलाने के लिए केंद्राधीक्षक डॉ वी के शर्मा एवं अतिरिक्त केंद्राधीक्षक डॉ. कन्हैया लाल मीणा पर नाजायज दबाव डाला। केंद्रधीक्षक द्वारा नियमानुसार प्रवेश देने से इंकार करने पर एसडीएम ने केंद्राधीक्षक व अतिरिक्त केंद्राधीक्षक के साथ बदतमीजी की। बाद में अतिरिक्त केंद्राधीक्षक के साथ धक्का-मुक्की की तथा आग बबूला होकर पुलिसकर्मियों को निर्देशित कर डॉ कन्हैयालाल मीणा को उठाने,पटकने तथा गिरफ्तार करके थाने ले जाने को कहा। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने एसडीएम के निर्देशानुसार अतिरिक्त केंद्राधीक्षक को जबरन धक्का दिया, कॉलर पकड़कर खींचा तथा उनकी बेइज्जती की। इतना ही नहीं,परीक्षा में बिलंब से पहुंचने के कारण परीक्षा से वंचित होने वाली महिला अभ्यर्थी से अतिरिक्त केंद्राधीक्षक के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवाकर फंसाने की कुचेष्टा की है। रूक्टा पदाधिकारियों का मानना है कि एसडीएम के इस कृत्य ने परीक्षा कार्य को बाधित किया है। साथ ही उनकी नीयत पर सवाल उठते हैं।
इस पूरी घटना से न केवल थानागाजी कॉलेज के शिक्षकों की गरिमा भंग हुई है, बल्कि पूरे राजस्थान के शिक्षक समुदाय की गरीमा को भी भारी आघात लगा है। धरने के पश्चात हुई रूक्टा बैठक में निम्न प्रस्ताव पारित किए गए
1.अब तक के घटना क्रम के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिख कर संबंधित अधिकारी को बर्खास्त किए जाने की मांग की जाएगी,
2.यदि सरकार द्वारा इस दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते तो अकादमिक परीक्षाओं के अतिरिक्त अन्य सभी परीक्षाओं का बहिष्कार किया जाए,
3.प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार यदि तीन दिवस में कोई कार्यवाही नहीं होती तो आगे आंदोलन की कार्ययोजना बना जयपुर में धरना दिया जाएगा।
अत: रूक्टा की मांग है कि दोषी एसडीएम, उनके सहयोगी तहसीलदार व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाय। अन्यथा कॉलेज शिक्षकों द्वारा आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन में प्रशासन का सहयोग करना मुश्किल होगा तथा सचिवालय व मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना देने को विवश होना पड़ेगा।

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