रेपिस्ट आसाराम की एम्स में एंजियोग्राफी:हार्ट की दो नसों में 80 प्रतिशत ब्लॉकेज, आजीवन कारावास की काट रहा सजा
जोधपुर1

आसाराम को 9 जनवरी को एम्स में भर्ती करवाया गया था।
आजीवन कारावास की सजा काट रहे रेपिस्ट आसाराम की रविवार को जोधपुर एम्स में एंजियोग्राफी की गई। उसकी हार्ट की दो नसों में 80 प्रतिशत ब्लॉकेज बताया गया। इसके बाद रेपिस्ट को एम्स में भर्ती किया गया। आसाराम को इलाज के बाद जेल में शिफ्ट किया जाएगा। उधर, एम्स प्रबंधन इस पूरे मामले में गोपनीयता बरत रहा है।
9 जनवरी को आसाराम की तबीयत खराब होने के चलते एम्स में भर्ती करवाया गया था। यह पहली बार है, जब आसाराम का एलोपैथी पद्धति से इलाज किया जा रहा है। इससे पहले आसाराम ने एलोपैथी पद्धति से इलाज कराने से इनकार कर दिया था। काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे आसाराम को आखिर एलोपैथी पद्धति से इलाज कराना ही पड़ा।
पिछले 10 साल से जेल में
आसाराम पिछले 10 साल से जेल में बंद है। अपनी नाबालिग शिष्या से रेप करने के बाद 2013 में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। 2018 में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
चौथी याचिका हो चुकी है खारिज
चार दिन पहले ही सजा निलंबन की चौथी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। उससे पहले लोअर कोर्ट में पैरोल याचिका भी खारिज हो चुकी हैं। जेल से बाहर आने के लिए छटपटा रहे आसाराम ने अब पैरोल के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है, जिस पर फैसले का इंतजार है।
आसाराम के वकील ने 29 नवंबर को जोधपुर हाईकोर्ट में इलाज के लिए चौथी बार SOS लगाई। इसमें अपनी बीमारी का इलाज महाराष्ट्र के आयुर्वेद अस्पताल से कराने के लिए सजा निलंबन करते हुए 14 दिनों की जमानत मांगी। आसाराम की SOS पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 9 जनवरी को इसका एफिडेविट पेश करने को कहा।
14 दिन की जमानत मांगी थी
9 जनवरी को नया एफिडेविट फाइल हुआ, जिसमें आसाराम ने बताया कि जब वह जेल से बाहर था, तब उसे महज दो बीमारियां थीं- त्रिनाड़ी शूल और पीठ का दर्द। लेकिन, जेल के वातावरण और पुलिस हिरासत में तनाव के कारण स्वास्थ्य इतना बिगड़ गया है कि वह अब अपने शरीर की बीमारियां अंगुलियों पर गिन भी नहीं पाता, इसलिए उपचार के लिए 14 दिन की जमानत दी जाए।
कोर्ट ने आसाराम को इलाज का खर्च स्वयं उठाने के लिए कहा। लेकिन, आसाराम ने पुलिस कस्टडी में इलाज कराने से मना कर दिया। ऐसे में हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को उसकी चौथी SOS को भी खारिज कर दिया। इससे पहले 7 जुलाई 2022 को भी उसकी SOS खारिज हुई थी।
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पिछले 11 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम सलाखों से बाहर आने के लिए 15 से ज्यादा बीमारियों की दलीलें दे चुका है। कभी त्रिनाड़ी शूल जैसी अनोखी बीमारी के लिए जेल में महिला वैद्य की डिमांड की, तो कभी हरिद्वार से हार्ट के इलाज का बहाना बनाया। हालांकि, कोर्ट के आगे सारे हथकंडे फेल साबित हुए हैं।










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