रोबोटिक तकनीक से वेंट्रल हर्निया की 2 सफल सर्जरी, रिकवरी के चांस ज्यादा






प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल में नई रोबोटिक तकनीक से वेंट्रल हर्निया की सर्जरी की गई. दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉ. अरुण प्रसाद के निर्देशन में एसएमएस के डॉक्टर्स ने छोटा सा चीरा लगाते हुए सफल रोबोटिक सर्जरी की.
जयपुर.राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डॉक्टर्स एक के बाद एक सफल रोबोटिक सर्जरी कर रहे हैं. शनिवार को सर्जरी विभाग के डॉक्टर्स ने रोबोटिक सर्जरी से 2 मरीजों को नया जीवन दिया है. रोबोटिक तकनीक से सर्जरी कर मरीजों के पेट में 2 से 3 सेंटीमीटर के छेद को बंद कर वेंट्रल हर्निया का सफल ऑपरेशन किया गया.// //
दोबारा हर्निया की संभावना भी खत्म : विभागाध्यक्ष डॉ. सुमिता ए जैन ने बताया कि हर्निया एब्डोमिनल वॉल मसल्स में कहीं भी उभर सकते हैं. कुछ मामलों में इसके इलाज की जरूरत नहीं होती, लेकिन अधिकतर मामलों में सर्जरी ही इसका एकमात्र इलाज है. इसके इलाज में पहले ओपन और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी होती थी, लेकिन अब छोटा सा चीरा लगाकर रोबोट की मदद से आसानी से उस स्थान पर पहुंचा जा सकता है, जहां हर्निया है. इस रोबोटिक सर्जरी में रिकवरी भी जल्द हो जाती है और मरीज को असहनीय दर्द से भी छुटकारा मिलता है. साथ ही मरीज को दोबारा वेंट्रल हर्निया होने की संभावना भी नहीं रहती है.
25-25 करोड़ के दो रोबोट : इस सर्जरी में डॉ. अरुण प्रसाद और डॉ. सुनीता ए जैन के अलावा डॉ. योगेंद्र दाधीच, डॉ. प्रवीण, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. संदीप जांगिड़, डॉ. मनोज, डॉ. कंचन, डॉ. सुनील चौहान सहित नर्सिंग स्टाफ शामिल रहा. आपको बता दें कि एसएमएस अस्पताल में 25-25 करोड़ रुपए की लागत से मंगवाए दो रोबोट से सर्जरी की जा रही है. इसके लिए बीते दिनों डॉक्टर्स ने कोच्चि स्थित अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग भी ली थी, जिसके बाद जीआई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, कैंसर, यूरोलॉजी और जनरल सर्जरी में डॉक्टर्स ने महारत हासिल की है.
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