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वन बेशकीमती धरोहर, सुरक्षा और विकास के लिए रहें प्रतिबद्ध-वन मंत्री

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बीकानेर, 11 जून। वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने शुक्रवार को मुख्यवन संरक्षक कार्यालय में संभाग के वन अधिकारियों की बैठक ली।
       इस दौरान वन मंत्री ने कहा कि वन हमारी बेशकीमती धरोहर हैं, इनकी सुरक्षा और विकास के लिए हमें प्रतिबद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संभाग के 1970 वन खण्डों में 2,19,730.460 हैक्टेयर भू-भाग वन क्षेत्र है। हमें वन और वन्य जीव विकास के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने वन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई सहित अनाधिकृत गतिविधियों, अतिक्रमण आदि पर सख्ती से अंकुश लगे और अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संभाग में वन क्षेत्र, वृक्षों, वन्य जीवों, पौधारोपण, अवैध शिकार, अतिक्रमण आदि के बारे में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
वन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कच्चे-पक्के अतिक्रमण हटाने की दिशा में भी नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए।
अधिकारी रखे समन्वय-वन मंत्री बिश्नोई ने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को वनों के संरक्षण में निरंतर अच्छा कार्य करते रहना चाहिए। इसके साथ ही संभाग में हो रहे वन अपराधों पर नियंत्रण के लिए भी ठोस कार्रवाई के लिए उन्होंने निर्देशित किया।  
वन्य जीव अपराध प्रकरणों की समीक्षा -उन्होंने वन्य जीव अपराध प्रकरणों की मण्डलवार और प्रकरणवार समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिन वन्य जीव अपराध के प्रकरणों में अन्वेषण में अनावश्यक विलम्ब हुआ है, उनमें संबंधित जांच अधिकारी को नोटिस जारी कर तद्नुसार कार्यवाही करने के निर्देश संभागीय मुख्य वन संरक्षक को दिए। इसी तरह लूणकरनसर तहसील के हापासर सोलर पावर प्लांट की स्थापना से वन्य जीवों को हुई क्षति में अब तक हुई कार्यवाही की जानकारी क्षेत्रीय वन अधिकारी लूणकरनसर से ली और जांच से असन्तुष्टि व्यक्त करते हुए जांच अधिकारी बदलते हुए जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
घर-घर औषधि योजना-वन मंत्री ने विभागीय वृक्षारोपण एवं घर-घर औषधि योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की एक लोकहितकारी व महत्त्वाकांक्षी योजना है, ऐसे में इसके सफल क्रियान्वयन हेतु सरकार की मंशा के अनुरूप हर घर तक औषधीय पौधे पहुंचाएं जाएं। संभागीय मुख्य वन संरक्षक राजेश जैन ने बताया कि संभाग के अधीन 72 नर्सरियों में 63.85 लाख पौधे तैयार किये जा रहे है। तैयार किए जाने वाले पौधों में गिलोय, तुलसी, अश्वागंधा एवं कालमेघ प्रजाति के पौधे शामिल हैं, जो प्रत्येक परिवार को वर्षा ऋतु में वितरित किए जाने है।
सीवरेज ट्रीट प्लांट से उपचारित जल का हो उपयोग– पर्यावरण मंत्री ने बीकानेर शहर सहित संभाग के औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों से निकले गंदे पानी के ट्रीट को लेकर समीक्षा की और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रेमाराम को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बीकानेर शहर में स्थित सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट से उपचारित जल के पुनः उपयोग के लिए निर्देश दिए। उन्होंने संभाग के औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी को उपचारित करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट संबंधित इकाईयों द्वारा स्थापित किए हैं या नहीं, इसकी जानकारी ली और निर्देश दिए जिन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया है,उन पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
बैठक में संभागीय मुख्य वन संरक्षक राजेश जैन, वन सरक्षक जयप्रकाश, डीएफओ बीकानेर रंगस्वामी ई, उप वन संरक्षक छत्तरगढ़ सुरेश आबुसरिया, उप वन सरंक्षक स्टेज द्वितीय वीएस जोरा, श्रीगंगानगर के उपवन संरक्षक आशुतोष ओझा, उप वन संरक्षक हनुमानगगढ़ कर्ण सिंह सहित अन्य वन अधिकारी उपस्थित थे।


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