शिक्षा विभाग ने वापस लिए आदेश:कई स्कूल थी डेपुटेशन पर लगे टीचरों के भरोसे; पढ़ाई भी हो सकती थी बाधित
बीकानेर के सरकारी स्कूलों में डेपुटेशन पर चल रहे टीचर्स को वापस मूल पद पर भेजने के आदेश को शिक्षा विभाग ने चौबीस घंटे में ही वापस ले लिया। इस आदेश के कारण बीकानेर संभाग के कई स्कूल बंद हो सकते थे। दरअसल, ये स्कूल डेपुटेशन पर लगे टीचरों के हवाले चल रहे थे। ऐसे में इस आदेश को वापस ले लिया गया है। दरअसल, पिछले सत्र में खुले नए स्कूल और क्रमोन्नत स्कूल्स में टीचर्स की व्यवस्था डेपुटेशन से ही की गई थी। मंगलवार को इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था कि डेपुटेशन के कारण स्कूल बंद हो सकते हैं।
इस वजह से वापस हुए आदेश
बीकानेर संभाग के संयुक्त निदेशक राजकुमार शर्मा ने अपने ही आदेश को रद्द कर दिया है। ऐसे में अब बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और अनूपगढ़ के सरकारी स्कूल्स में डेपुटेशन पर काम कर रहे टीचर्स को नहीं हटाया जाएगा। ये टीचर्स आगामी आदेश तक इन्हीं स्कूलों में काम करते रहेंगे। बीकानेर शहर में तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला ने कई नए प्राइमरी स्कूल शुरू किए थे। इन स्कूलों में ग्रेड थर्ड के टीचर्स का डेपुटेशन किया गया था, क्योंकि इस ग्रेड के टीचर्स के ट्रांसफर नहीं हुए थे। ऐसे में मोहता सराय स्थित स्कूल सहित अनेक स्कूलों में सिर्फ डेपुटेशन के टीचर ही काम कर रहे हैं। अगर इन्हें हटा दिया जाता तो स्कूल बंद हो जाते।
इसी तरह बीकानेर के ग्रामीण विद्यालयों के सीनियर सैकंडरी स्कूलों में लेक्चरर के रिक्त पदों के कारण पढ़ाई नहीं हो रही थी। ग्रामीणों के आंदोलन के कारण शिक्षण व्यवस्था करते हुए लेक्चरर को पढ़ाने के लिए भेजा गया। संयुक्त निदेशक के आदेश की पालना होती तो ये सभी लेक्चरर भी हट जाते। ऐसे में सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में भी पढ़ाई बाधित होती। अब इन लेक्चरर को भी रिलीव नहीं किया जाएगा।
किसने दिए थे आदेश?
शिक्षा विभाग में अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि संयुक्त निदेशक ने किस अधिकारी के निर्देश पर डेपुटेशन रद्द करने के लिए आदेश जारी किए थे। दरअसल, मौखिक दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए डेपुटेशन रद्द किए गए। विभाग में अब तक शिक्षा मंत्री नहीं आया है। इसके बाद भी राजनीतिक स्तर पर फेरबदल का दौर शुरू हो गया है।
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