NATIONAL NEWS

शैक्षिक महासंघ ने केंद्रीय बजट 2025 का किया स्वागत, शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने की माँग दोहराई…

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 में शिक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 6.65% की वृद्धि के साथ ₹1,28,650 करोड़ के आवंटन का स्वागत किया है।

महासंघ ने इस बजट को शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विस्तार, डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। हालाँकि, महासंघ ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को शिक्षा क्षेत्र पर जीडीपी का कम से कम 6% खर्च करने की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए ताकि नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों को पूर्ण रूप से हासिल किया जा सके।

महासंघ ने बजट में पीएम श्री योजना के लिए ₹7,500 करोड़, पीएम पोषण योजना के लिए ₹12,500 करोड़ और उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए ₹50,077.95 करोड़ के आवंटन को सकारात्मक बताया है। इसके साथ ही, देश के 5 IITs में 6,500 नई सीटों, मेडिकल कॉलेजों में अगले 5 वर्षों में 75,000 नई सीटों, 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना जैसी घोषणाओं को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है।
महासंघ ने कहा कि सरकार द्वारा शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 नई पीएम रिसर्च फेलोशिप (PMRF Scheme), ग्लोबल एक्सपर्ट्स की साझेदारी में 5 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग और प्राइवेट सेक्टर-ड्रिवन रिसर्च, डेवलपमेंट व इनोवेशन के लिए ₹20,000 करोड़ का प्रावधान सराहनीय है। पीएम इंटर्नशिप योजना में वृद्धि से युवाओं को कार्य-अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी और भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

महासंघ ने सरकार से माँग की है कि शिक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ाकर जीडीपी का कम से कम 6% किया जाए ताकि सभी विद्यार्थियों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। महासंघ ने कहा कि उच्च शिक्षा और अनुसंधान को और अधिक समर्थन देने, शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार और डिजिटल शिक्षा का विस्तार करने के लिए शिक्षा बजट को और बढ़ाने की आवश्यकता है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!