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समाज और युवाओं के लिए जीवन में कुछ करना चाहते हैं, 12 वीं सीबीएसई आर्ट्स में बीकानेर में सर्वाधिक अंक लाने वाले ल्यॉल पब्लिक स्कूल के नौनिहाल प्रद्युमन सिंह

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समाज और युवाओं के लिए जीवन में कुछ करना चाहते हैं, 12 वीं सीबीएसई आर्ट्स में बीकानेर में सर्वाधिक अंक लाने वाले ल्यॉल पब्लिक स्कूल के नौनिहाल प्रद्युमन सिंह
बीकानेर। ल्यॉल पब्लिक स्कूल बीकानेर के विद्यार्थी प्रद्युम्न सिंह ने 12 वीं कला के क्षेत्र में 98.80 प्रतिशत अंक लाकर बीकानेर में इतिहास रचा है। बीकानेर में सर्वाधिक अंक लाने वाले प्रद्युमन ने बातचीत के दौरान कहा कि कक्षा दसवीं में 95% अंक लाने के बाद भी कला के क्षेत्र में अपनी पढ़ाई जारी रखने को लेकर कई सवाल उठे।परिजनों ने भी इतने अच्छे प्रतिशत के बाद विज्ञान विषय की ओर जाने की इच्छा जताई परंतु आज वे अपने निर्णय से संतुष्ट नजर आते हैं। द इंटरनल न्यूज़ से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वे गांधी,टैगोर और कार्ल मार्क्स से बहुत हद तक प्रभावित हैं तथा इन्हीं की तर्ज पर समाज के लिए कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिससे समाज में बदलाव ला सकें। इसी के साथ एलपीएस में पढ़ा चुके अपने पूर्व अध्यापक सब्यसाची लाहिरी को अपना प्रेरणा स्त्रोत बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके प्रेरक विचार और मार्गदर्शन उनकी सफलता का आधार हैं। उनका मार्गदर्शन आज भी उन्हें अपने निर्णय लेने में मदद करता है।
युवा पीढ़ी द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग के विषय में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह सोशल मीडिया को किस प्रकार उपयोग में लेता है।उन्होंने कहा कि वे सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करते हैं तथा इसके द्वारा उन्हें अपनी विचारों के आदान प्रदान में भी बहुत हद तक मदद मिली है। पेशे से व्यवसायी पिता और गृहणी माता के पुत्र प्रद्युमन का मानना है कि व्यक्ति को अपने मन की करनी चाहिए परंतु इसके साथ ही सफलता प्राप्त करने की ज़िद भी उसका ही दायित्व है। प्रद्युमन आगे किस क्षेत्र जाना चाहते हैं के विषय में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि वे आगे चलकर एक प्रोफेसर बनना चाहते हैं ताकि जिस प्रकार उनके अध्यापकों ने उनकी सहायता की वे भी बच्चों की सहायता कर सकें। प्रदुमन ने बताया कि उनके द्वारा किसी भी विषय की अलग से कोचिंग नहीं की गई ल्यॉल पब्लिक स्कूल के वातावरण और उनके अध्यापकों के निर्देशन में ही उन्होंने सफलता अर्जित की है।विद्यालय की प्राचार्य डॉ अंजू पोपली को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए उन्होंने कहा कि एक मां की तरह वह सभी बच्चों का ध्यान रखती है तथा विद्यालय के पारिवारिक वातावरण ने ही उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की है।

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