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सीबीआई ने चलाया ऑप्रेशन चक्र 2, फाइनेंशियल साइबर मामलों पर कसी नकेल, क्रिप्टोकरेंसी और इन्वेस्टर्स समेत फाइनेंशियल एडवाइजर्स पर भी कड़ी नजर

Operation Chakra-2: साइबर अपराधियों पर शिकंजा कस रही CBI; 76 जगहों पर छापेमारी, 32 मोबाइल-48 लैपटॉप किए जब्त

अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराध नेटवर्क के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र- II शुरू किया है।
 

CBI conducts searches at 76 locations across country as part of Operation Chakra-2 targeting cyber criminals

वित्तीय अपराधों में शामिल साइबर अपराधियों के खिलाफ सीबीआई ने देशव्यापी ‘ऑपरेशन चक्र 2’ शुरू किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस अभियान के तहत कई राज्यों में 76 स्थानों पर तलाशी ली गई। इतना ही नहीं, कुल पांच मामले भी दर्ज किये गये हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रो ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने तलाशी के दौरान 32 मोबाइल फोन, 48 लैपटॉप, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव बरामद किए हैं। 

अधिकारियों ने बताया कि जो पांच मामले दर्ज किए गए हैं उनमें से एक मामला क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धोखाधड़ी का है। इसमें साइबर अपराधियों के रैकेट ने भारतीय नागरिकों के 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के आधार पर दर्ज किया गया था।

उन्होंने बताया कि अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट की शिकायत पर दो मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी कॉल सेंटर चलाते थे और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए खुद को कंपनियों के  कस्टमर केयर एजेंट बताते थे। अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौ कॉल सेंटरों की तलाशी ली।

अधिकारियों ने रेड के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में स्थानों पर तलाशी ली गई। 

सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन चक्र- II के दौरान इकट्ठा किए गए सबूतों के आधार पर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन अपराधियों को खत्म करने के लिए पीड़ितों, शेल कंपनियों और अपराध की पहचान का आय के बारे में जानकारी दी जा रही है। 

अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन के तहत सीबीआई अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय पुलिस के साथ भी सहयोग की भावना से काम कर रही है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), साइबर अपराध निदेशालय और इंटरपोल के आईएफसीएसीसी, यूनाइटेड किंगडम में राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए), सिंगापुर पुलिस शामिल हैं। इतना ही नहीं, जर्मनी की फ़ोर्स और बीकेए भी इसमें शामिल हैं। इन एजेंसियों को सुरागों की सूचना देनी है।

अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य भारत में संगठित साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों के बुनियादी ढांचे का मुकाबला करना और उन्हें नष्ट करना है। यह ऑपरेशन निजी क्षेत्र के दिग्गजों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से चलाया गया।

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