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हर युग में नारी ने अपनी लेखनी की अमिट छाप छोड़ी है -डॉ. बसन्ती हर्ष

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बीकानेर।अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘‘नारी लेखन एवं समाज’’ कार्यक्रम के तहत आज व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं संपादक डॉ. बसन्ती हर्ष ने ‘‘नारी लेखन एवं समाज’’ विषय पर अपनी बात कहते हुए कहा कि मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सृजन में भी हर युग में नारी ने अपनी लेखनी की अमिट छाप छोड़ी है। डॉ. हर्ष ने कहा कि समाज में नारियों ने अनाचार, अत्याचार और विपरित परिस्थितियों के बीच भी अपना सृजन कार्य जारी रखा है। वर्तमान समय में भी महिलाएं साहित्य की सभी विधाओं यथा कहानी, कविता, व्यंग्य, यात्रा संस्मरण आदि में हिन्दी, राजस्थानी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अपना सृजन कार्य जारी रखा है।
व्याख्यान की अध्यक्ष्यता करते हुए हिन्दी एवं राजस्थानी की साहित्यकार डॉ. कृष्णा आचार्य ने कहा कि वैदिक काल से अब तक नारियों ने अपनी सृजनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया है। समाज ने नारी के स्वर और कलम की धार को पहचाना और स्वीकार किया है। डॉ. आचार्य ने कहा कि भाषा में सच्चाई, स्पष्टता, गेयता और विषय की विविधता नारी सृजन में सदैव रही है। महिलाओं ने समाज में बदलाव की चुनौतियों को स्वीकार किया है।
व्याख्यान के आरम्भ में वरिष्ठ साहित्यकार सरोज भाटी ने विषय प्रवतर्न करते हुए कहा कि नारी सृजन वैदिक काल से वर्तमान समय तक अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए है। नारियों ने साहित्य सृजन को एक नई दिशा प्रदान की है और उनका लेखन देश और समाज की परिस्थितियों के अनुरूप सार्थक रहा है।
इस अवसर पर व्यंग्यकार एवं संपादक डॉ. अजय जोशी ने कहा कि नारी लेखन में भाव है, संवेदना है, और समाज की विद्रुपतावों की व्याख्या है। समाज की चुनौतियां नारी की सृजनात्मक क्षमताओं को प्रभावित नहीं कर पाई है। आज के साहित्य जगत में नारियों ने साहित्य के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।
कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि संस्था द्वारा समय-समय पर अलग-अलग विषयों पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित किए जाते है, जिसके तहत आज नारी लेखन एवं समाज पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम के अंत में जुगल किशोर पुरोहित एवं राजाराम स्वर्णकार ने संवाद में सहभागिता करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में कृष्णा वर्मा, डॉ. एस.एन. हर्ष, बाबूलाल छंगाणी, गिरिराज पारीक, डॉ. फारूक चौहान, प्रेम नारायण व्यास, राम गोपाल सहित युवा विद्यार्थी एवं कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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