12वीं पास सोशल मीडिया से बांट रहा था फर्जी डिग्रियां:देश के 9 राज्यों से जुड़े गिरोह के लोग एक-दूसरे का चेहरा तक नहीं जानते थे
एक कॉल सेंटर चलाने वाले 12वीं पास ने राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में फर्जी डिग्रियों का गिरोह फैला रखा था। खास बात ये थी कि गिरोह में शामिल लोग एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे और सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से फर्जी डिग्री बांटी गई।
दरअसल, अशोक कुमार गुप्ता ने थाने में कोर्ट के जरिए रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जोधपुर के कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस ने 21 दिसंबर को नागौर के संजय कॉलोनी हाल माता का थान 80 फीट रोड गांधी नगर निवासी नरेश प्रजापत (28) को गिरफ्तार किया था। नरेश से पूछताछ के बाद पुलिस 26 दिसंबर को दिल्ली के बुराड़ी संत नगर निवासी मदनलाल को गिरफ्तार कर जोधपुर लेकर आई।
पुलिस ने सबसे पहले नरेश के ठिकानों की तलाशी ली। जहां से 15 से ज्यादा कॉलेज व यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री बरामद की गई। यहां से पूछताछ में सामने आया कि नरेश इन फर्जी डिग्री को दिल्ली में रहने वाले मदनलाल नाम के युवक से तैयार करवाता था। नरेश मदनलाल से कभी मिला नहीं था। लेकिन वह सोशल मीडिया से उससे कनेक्ट था। इसी आधार पर पुलिस मदनलाल के कॉल सेंटर तक पहुंच गई।
नरेश के ठिकानों से 15 से ज्यादा कॉलेज व यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री बरामद की गई।
दोनों मिलकर तीन साल से लोगों को ठग रहे थे
मदनलाल दिल्ली में लोगों को अलग-अलग कोर्स में एडमिशन दिलवाने का फ्रॉड करने के लिए एक कॉल सेंटर ऑपरेट करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि तीन साल से नरेश व मदनलाल मिलकर युवाओं को चूना लगा रहे है। दोनों एक दूसरे का चेहरा तक नहीं पहचानते थे। पूछताछ में इन दोनों से देशभर में इन तरह के कोर्स का झांसा देने वाले कई लोगों के नाम सामने आया है। पुलिस ने अब अलग-अलग टीमों को इन लोगों को पकड़ने के लिए भेजा है।
आरोपियों के पास से उत्तराखंड शिक्षा परिषद रूड़की के बीए और एमएस, मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार (चित्तौड़गढ़) की बीएससी, श्री कृष्णा यूनिवर्सिटी छतरपुरा एमपी की बीएड और आईईसी यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश की बीएससी की डिग्री मिली है। नरेश और मदनलाल ने बताया कि इनके दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, उतराखंड, यूपी, बिहार, जम्मू कश्मीर व उड़ीसा तक तार फैले हुए है।
दिल्ली में कॉल सेंटर, कर्मचारी को टारगेट
जोधपुर पुलिस की टीम ने पुरानी दिल्ली के बुराड़ी संत नगर निवासी मदनलाल पुत्र नरेनूराम को उसके कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया। मदनलाल ने कॉल सेंटर में 30 कर्मचारी लगा रखे थे। इन सभी को महीने के 25 युवाओं को फंसाने का टारगेट दिया हुआ था। इन लोगों के पास सभी प्रदेशों के लोगों के मोबाइल नम्बर का डाटा पड़ा था, जिससे यह लोग कॉल करते थे।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि नरेश व मदनलाल की आपस में दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। मदनलाल के पास जब भी कॉल सेंटर पर जोधपुर या आस-पास के क्षेत्रों से कोर्स की इंक्वायरी आती थी तो वह उन लोगों का नरेश से सम्पर्क करवा देता था। इन दोनों के बीच हमेशा सोशल मीडिया से ही बातचीत होती थी। दोनों एक दूसरे से कभी मिले नहीं थे।
मदनलाल ही तैयार करता था फर्जी मार्कशीट
पूछताछ में सामने आया है कि युवाओं को धोखा देने के लिए फर्जी मार्कशीट मदनलाल दिल्ली में बनाता था। नरेश उसे सोशल मीडिया पर मार्कशीट, कैंडिडेट की जानकारी भेज देता था। इसके बाद मदनलाल उन मार्कशीट को तैयार कर नरेश को भेज देता था।
पुलिस ने मदनलाल व नरेश की पढ़ाई की कुंडली निकाली है। हैरानी की बात यह है कि जिस नरेश ने युवाओं को बड़े-बड़े कोर्स का झांसा दिया है। वह खुद 12वीं पास है। वहीं मदनलाल ने एलएलबी कर रखी है और कई कोर्स भी कर रखे है। हालांकि पुलिस इन दोनों की मार्कशीट व सर्टिफिकेट की जांच करवा रही है।
ये आरोपी नरेश (ब्लू टी-शर्ट) और मदनलाल (शर्ट में) है। ये दोनों मिलकर देशभर में फर्जी डिग्रियों का गिरोह चला रहे थे।
फर्जी मार्कशीट बनवाने वालों पर भी नजर
पुलिस ने बताया कि जैसे-जैसे फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के सदस्य को पकड़ा जा रहा है। इनके द्वारा तैयार की गई फर्जी मार्कशीट बनवाने वालों के नाम भी सामने आ रहे है। पुलिस इस मामले में मार्कशीट बनवाने वालों को भी बराबर का अपराधी मान रही है। हालांकि अभी पुलिस सिर्फ इन गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर रही हैं।
कुड़ी भगतासनी थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया- फर्जी मार्कशीट मामले में पकड़े गए नरेश प्रजापत व दिल्ली के मदनलाल को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है। दोनों से पूछताछ में कई स्टेट की चेन सामने आया है। थाने से एक पुलिस दल को इस गिरोह से जुड़े हुए अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए रवाना किया है। उनके पकड़ में आने के बाद आगे की चेन सामने आएगी।
Add Comment