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18 साल पुराने मामले में कोर्ट पहुंचे ADG श्रीवास्तव:गवाही के लिए 29 नाेटिस भेजे थे, नहीं आए; बयान देने पहुंचे तो अदालत ने एप्लिकेशन लौटाई

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18 साल पुराने मामले में कोर्ट पहुंचे ADG श्रीवास्तव:गवाही के लिए 29 नाेटिस भेजे थे, नहीं आए; बयान देने पहुंचे तो अदालत ने एप्लिकेशन लौटाई

भरतपुर के स्पेशल कोर्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से रोचक मामला सामने आया है। मामला पुलिस महकमे से जुड़ा है। भरतपुर के तत्कालीन SP आनंद श्रीवास्तव गुरुवार को यहां 2006 के कॉन्स्टेबल ट्रैप मामले में गवाही देने पहुंचे थे। हकीकत यह है कि ना तो आज उन्हें कोर्ट ने बुलाया था ना ही कोई तारीख दी थी। मामला 10 साल से ज्यादा पुराना था तो कोर्ट ने 12 जनवरी 2024 को उनके न्यायालय में पेश होने के अवसर खत्म कर दिए थे। ऐसे में कोर्ट ने उनकी एप्लिकेशन को स्वीकार नहीं किया। श्रीवास्तव गुरुवार दोपहर 12 बजे कोर्ट पहुंचे थे।

ADG लॉ एंड आर्डर आनंद श्रीवास्तव गुरुवार को भरतपुर की स्पेशल कोर्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पहुंचे थे। कोर्ट ने उनकी गवाही की एप्लिकेशन को लौटा दिया।

ADG लॉ एंड आर्डर आनंद श्रीवास्तव गुरुवार को भरतपुर की स्पेशल कोर्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पहुंचे थे। कोर्ट ने उनकी गवाही की एप्लिकेशन को लौटा दिया।

गवाही के मामले में जारी किए थे नोटिस

एडवोकेट सुदेश शर्मा ने बताया- मामला 2006 का है। भरतपुर जिले के नदबई थाने पर धर्म सिंह नाम का एक कॉन्स्टेबल तैनात था। उसे ACB ने ट्रैप किया था। साल 2006 में आनंद श्रीवास्तव भरतपुर में एसपी के पद पर तैनात थे। उन्होंने इस मामले में जांच की स्वीकृति दी थी। शर्मा ने बताया- स्वीकृति देने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपने विवेक का इस्तेमाल करना होता है। इसके लिए उन्हें कोर्ट में गवाही के लिए भी आना होता है।

2006 में पीड़ित ने ACB चौकी भरतपुर में मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट दी थी कि कॉन्स्टेबल धर्म सिंह जेल में बंद करने की धमकी देकर पैसे मांग रहा है। उसके खिलाफ 29 अप्रैल 2006 में ACB ने कार्रवाई की और मुकदमा दर्ज हुआ। तत्कालीन SP भरतपुर आनंद श्रीवास्तव ने 10 जून 2007 को जांच की स्वीकृति दी थी।

2019 से लेकर 2021 तक कोर्ट ने उन्हें 29 नोटिस भेजे थे।

2019 से लेकर 2021 तक कोर्ट ने उन्हें 29 नोटिस भेजे थे।

गिरफ्तारी वारंट के बावजूद नहीं आए

एडवोकेट शर्मा ने बताया- ADG आनंद श्रीवास्तव इसके लिए भरतपुर कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कहा- कोर्ट ने साल 2019 से लेकर 2024 तक उन्हें 29 नोटिस भेजे थे। लेकिन वे एक बार भी कोर्ट के सामने गवाही देने नहीं आए। कोर्ट ने 2021 में ADG की गिरफ्तारी के बैलेबल वारंट भी जारी किया था। लेकिन उसके बावजूद वे नहीं आए। इसमें मुकदमा 10 साल से पुराना था और उन्हें असीमित समय दिया जा चुका था। इसलिए न्यायालय ने 12 जनवरी 2024 को न्यायालय में पेश होने के अवसर खत्म कर दिए। आज गुरुवार को वह अचानक कोर्ट पहुंचे और गवाही देने के लिए एप्लीकेशन लगाई, लेकिन कोर्ट ने उनकी एप्लिकेशन को स्वीकार नहीं किया।

बता दें कि वे ADG आनंद श्रीवास्तव जयपुर कमिश्नर रह चुके हैं। साल 2023 जुलाई में ही उन्हें ADG लॉ एंड आर्डर बनाया गया था।

यूं चला था घटनाक्रम

  • साल 2006 में नदबई थाने पर धर्म सिंह नाम के एक कॉन्स्टेबल को ट्रैप किया गया।
  • 2019 में कोर्ट ने उन्हें पहला नोटिस भेजा था।
  • इसी तरह 2021 तक 29 नोटिस भेजे जा चुके थे।
  • इसी बीच कोर्ट ने ADG आनंद श्रीवास्तव का अरेस्ट वारंट भी जारी किया था।
  • आखिर में 12 जनवरी 2024 को कोर्ट ने उनकी गवाही बंद कर दी।
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