2700 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला, टंकी पर चढ़े लोग:बोले- अधिकारी केस को सिर्फ टाल रहे; परेशान होकर जयपुर में उठाया कदम
नेक्सा एवरग्रीन कंपनी में हुई 2700 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को 9 लोग सुबह 7.30 बजे जयपुर में सहकार मार्ग स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। टंकी पर चढ़े लोगों ने बताया- करीब 11 महीने में कई बार पुलिस के सीनियर अधिकारियों से मिल चुके हैं। इसके बावजूद आरोपियों पर कोई एक्शन नहीं हुआ। सभी आश्वासन देकर टाल रहे हैं। इससे परेशान होकर उनको मजबूरन पानी की टंकी पर चढ़ना पड़ा। हमारी मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार कर पैसा लौटाया जाए।
पानी की टंकी पर चढ़े मुकेश ने बताया- इस ठगी में लाखों एक्स सर्विस मैन को जोड़कर उनके जीवन भर की कमाई लूट ली गई। इन लोगों ने पहले बताया था कि पैसा जमीन में इन्वेस्ट किया जा रहा है। जमीनों की रेट जैसे-जैसे बढ़ेगी मुनाफा भी बढ़ता जाएगा। इसी को देखते हुए लाखों लोगों ने नेक्सा एवरग्रीन में इन्वेस्ट किया था। ये लोग रातों रात दुकान बंद कर के फरार हो गए। सैकड़ों लोगों ने जमीन, गहने गिरवी रखकर यहां पर पैसा इन्वेस्ट किया था। कुछ ने तो बैंक से लोन लेकर कम्पनी में लगाया था। कुछ माह तक तो पैसा आया, लेकिन उसके बाद एकाएक ये लोग दुकान बंद कर फरार हो गए।
सहकार मार्ग स्थित पानी की टंकी पर चढ़े लोग।
पीड़ित बुद्धिप्रकाश जोशी ने बताया कि नेक्सा एवरग्रीन ने लोगों को पीएम की फोटो दिखाकर सरकारी प्रोजेक्ट और जमीनों पर पैसा लगाने के लिए राजस्थान में 7 ऑफिस खोले थे। अधिकांश अधिकारी आर्मी से रिटायर्ड लोग थे। जिन्हें देखकर लगा की ये लोग तो फर्जीवाड़ा नहीं कर सकते। इसलिए लोगों को इन पर विश्वास हो गया।
पीड़ित ने बताया- यह कम्पनी राजस्थान में वर्ष 2018-19 में आई और करीब 70 हजार लोगों के साथ ठगी कर फरार हो गई। जनवरी 2023 से कम्पनी ने पैसा देना बंद किया। पुलिस ने करीब 10 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी और ठगी का पैसा नहीं मिला हैं। एक अनुमान के तहत 70 हजार लोगों से 2700 करोड़ रुपए की ठगी हुई है। ये लोग चाहते हैं कि इस मामले की जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराया जाए।
लोग अभी भी टंकी पर चढ़े हुए हैं, जिनसे पुलिस नीचे उतरने के लिए कह रही है। उसके बाद भी ये लोग नीचे नहीं उतर रहे। इन लोगों की डिमांड है कि आरोपियों को गिरफ्तार कर पैसा लौटाया जाए।
ये है मामला
दरअसल, नेक्सा एवरग्रीन कंपनी ने गुजरात के धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। ठगी का ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया कि चाय की थड़ी चलाने वालों तक ने बैंक से लोन उठाकर इन्वेस्टमेंट किया। पुलिसकर्मी, सरकारी कर्मचारी, सेना के जवानों से लेकर अफसर तक जाल में फंसते चले गए थे। महज 10 महीने में 70 हजार से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया गया और 2700 करोड़ ठग लिए थे। इस ठगी का एक मास्टरमाइंड सेना से रिटायर्ड है। उसने ठगी के लिए 35 से ज्यादा शहरों में दफ्तर खोल रखे थे। यह कंपनी रियल एस्टेट एक्टिविटी के लिए रजिस्टर्ड कराई गई थी। जिसके मालिक सीकर के पनलावा निवासी सुभाष बिजारणियां और रणवीर बिजारणियां है।
कंपनी ने ऐसे फंसाया
कंपनी में इन्वेस्टमेंट प्लान 50 हजार रुपए से शुरू होता था, जिसे 60 महीने के लिए जमा करवाने पर हर हफ्ते उसके ब्याज के रूप में 1352 रुपए रिटर्न मिलता था। इसी तरह 1 लाख रुपए जमा करवाने पर 2704 रुपए मिलते थे।
मान लीजिए कंपनी में आपने 50 हजार रुपए 60 महीने के लिए इन्वेस्ट किए हैं। अब आपको हर 7 दिन बाद बैंक अकाउंट में 1352 रुपए मिलना शुरू हो जाएंगे।
60 सप्ताह यानी 14 महीने तक इन्वेस्टमेंट रखने पर उसे 1352X60 = 81 हजार 120 रुपए देने का दावा कंपनी करती थी। यानी 50 हजार रुपए पर 14 महीने में 31 हजार 120 रुपए की कमाई। इसी तरह 1 लाख रुपए जमा कराने पर 14 महीने में 62 हजार से ज्यादा का रिटर्न मिलता था।
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