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6 साल से फरार बंटी बबली को गुजरात से पकड़ा:42.50 लाख की धोखाधड़ी की, जोधपुर,जयपुर, गंगानगर व पूना में मामले दर्ज

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6 साल से फरार बंटी बबली को गुजरात से पकड़ा:42.50 लाख की धोखाधड़ी की, जोधपुर,जयपुर, गंगानगर व पूना में मामले दर्ज
जोधपुर, जयपुर, गंगानगर व पूना में लोगों से फ्रॉड कर गायब हुए ठग दंपती ‘ बंटी-बबली’ को जोधपुर पुलिस पकड़ कर लाई। यह शातिर दंपती अपनी पहचान छुपा कर अलग नाम से रहते थे। वहीं इस ठग दंपती ने अपने अलग-अलग आधार कार्ड भी बना रखे थे। दोनों अपने रिश्तेदारों के संपर्क में थे। पुलिस ने स्पेशल टीम बनाकर उनको पकड़ लिया।उदयमंदिर थाना पुलिस ने 42.50 लाख की धोखाधड़ी के मामले में 6 साल से फरार वांछित इनामी अपराधी दंपती को गुजरात के वड़ोदरा से गिरफ्तार किया। दोनों के खिलाफ जोधपुर सहित जयपुर, गंगानगर व पूना में भी धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। इनके खिलाफ एक हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। आरोपियों की धरपकड़ के लिए डीसीपी पूर्व भुवन भूषण यादव, एडीसीपी पूर्व नाजिम अली और एसीपी वृत के सुपरविजन में गठित टीम में उदयमंदिर थानाधिकारी अमित सिहाग, एएसआई सुरेश चंद, राकेश सिंह, हैड कांस्टेबल महेशचंद मीणा व कांस्टेबल सुरजाराम को शामिल किया गया।डीसीपी पूर्व यादव ने बताया कि टीम ने आरोपी दंपती की जगह-जगह तलाश की, लेकिन आरोपी मुकुल कोष्टि और मेघना कोष्टि ने जो अपने पुराने नंबर दिए थे, वे बंद आ रहे थे। आरोपी अपने परिवार व रिश्तेदारों के संपर्क में थे, लेकिन पकड़े जाने के डर से बार-बार जगह बदल रहे थे। मुकुल सूरत, नागपुर, बेंगलुरु और वड़ोदरा में पिंटू भाई के नाम से रह रहा था। उसकी पहचान उजागर नहीं हो, उसके लिए वह अपना अलग-अलग आधार कार्ड बनवाता। मेघना और मुकुल ने खुद की पहचान काम में नहीं ली, बल्कि जहां भी जाते अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की आईडी पर ही सिम और वाहन खरीदते। टीम ने आखिरकार दोनों आरोपियों को वड़ोदरा से गिरफ्तार किया और जोधपुर लाई।

फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगे थे 42.50 लाख
एडीसीपी पूर्व नाजिम अली ने बताया कि रातानाडा के डिफेंस लैब रोड स्थित उम्मेद हैरिटेज निवासी सन्नी चेटवानी ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया था कि 12 अप्रैल 2016 को मुकुल व मेघना दोनों ने खुद को मेल्स स्क्वायर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर बताया। उसे फ्रेंचाइजी देने की बात कही। इसमें उसे एक लाख रुपए किराया और 15 प्रतिशत बेचान राशि देने का झांसा दिया। दोनों ने 19 अगस्त 2015 को फ्रेंचाइजी शुरू की। इसके बाद ना तो स्टॉक भेजा, ना ही महीने का किराया दिया। दंपती ने युवक से 42.50 लाख रुपए की ठगी कर ली।

कोर्ट से स्थायी वारंट ले किया था मफरूर घोषित
एसीपी देरावर सिंह ने बताया कि दंपती के साथ धाेखाधड़ी में शशि किरण नाम का व्यक्ति भी शामिल था। तीनों मेल्स स्क्वायर प्रा. लि. नाम की कंपनी को बंद कर फरार हो गए थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वे पकड़ में नहीं आए। इसके बाद तीनों के विरुद्ध न्यायालय से स्थाई वारंट प्राप्त कर मफरूर घोषित कर दिया। धोखाधड़ी में शामिल तीसरे आरोपी शशि किरण को पुलिस ने दिसंबर 2021 में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।

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