Rajasthan News: राजस्थान के जालोर जिले में होने वाले विधानसभा चुनावों में मतदान को बढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर ने एक अनोखी पहल की है। उन्होंने जिले से बाहर रहने वाले प्रवासी व्यापारियों को कुंकुम पत्रिका भेजकर मतदान के लिए आमंत्रित किया है। इससे प्रवासी मतदाताओं को डिजिटल माध्यम से मतदान में अधिक सहभागिता करने का आह्वान किया जा रहा है।
जालोर: राजस्थान में 25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जालोर जिला कलेक्टर ने अनूठी पहल की है। जालोर कलेक्टर डॉ. निशान्त जैन ने जालोर जिले से बाहर रहने वाले प्रवासी व्यवसाइयों को मतदान को प्रेरित करने के लिए कुमकुम पत्रिका डिजाइन की गई है। यह पत्रिका प्रवासी मतदाताओं को डिजिटल माध्यम से प्रेषित कर उन्हें मतदान में अधिक से अधिक सहभागिता निभाने का आह्वान किया जा रहा है। जिस प्रकार से विवाह की पत्रिकाएं प्रकाशित की जाती है, ठीक उसी पैटर्न में यह पत्रिका डिजाइन की गई है। बता दें कि 23 नवंबर को राजस्थान में देव उठनी एकादशी 2023 को हजारों शादियां हो रही है। प्रदेश में इस मुहुर्त को अबूझ सावा माना जाता है और बड़ी संख्या में शादियां होती है। जिला कलेक्टर निशान्त जैन भी इससे वाकिफ है और इसिलिए इस मौके को वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य के औसत मतदान में पीछे रहता है जालोर जिला
जालोर जिले से करीब डेढ़ लाख मतदाता बाहर प्रवासी व्यवसायी है। विशेषकर दक्षिण भारत में व्यवसाय अधिक है। इस कारण मतदान में पूर्ण सहभागिता नहीं होने के कारण जालोर जिला औसत मतदान में राज्य से पीछे रह जाता है। पिछले दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो राजस्थान में वर्ष 2013 में औसत मतदान 74.3 प्रतिशत मतदान और 2018 में 75.1 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि जालोर जिले का औसत कम रह था। जालोर जिले का मतदान 70 प्रतिशत पार नहीं कर पाया। वर्ष 2018 में भी जालोर जिले का मतदान औसत 69.72 फीसदी रहा था। लिहाजा जिले का औसत मतदान बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन में स्वीप टीम की ओर से प्रयास किये जा रहे है। इसी के तहत डिजिटल कुमकुम पत्रिका भेजकर मतदान के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
डिजिटल पत्रिका के जरिए मतदाताओं को मतदान करने की अपील की जा रही है। बड़ी संख्या में जिलेवासी प्रवासी व्यवसायी है। उन्हें मतदान में सहभागिता निभाने के लिए डिजिटल माध्यम से कुमकुम पत्रिका भेजी जा रही है, फिजिकल रूप से पत्रिका भेजना सम्भव नहीं हो पा रहा। कोशिश रहेगी कि इस बार जिले का मतदान औसत राज्य से अधिक रहे।
डॉ. निशान्त जैन, जिला कलेक्टर, जालोर
तीन विधानसभा क्षेत्रों में अधिक फोकस की जरूरत
जालोर जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों में रानीवाड़ा और सांचौर को छोड़कर शेष तीनों क्षेत्रों में राज्य के औसत मतदान से कहीं कम मतदान हुआ था। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में सम्पूर्ण राज्य के 75.1 प्रतिशत मतदान के मुकाबले में सांचौर में 81.39 तथा रानीवाड़ा में 77.73 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो राज्य से अधिक था, लेकिन आहोर में 61.88, जालोर में 61.39 तथा भीनमाल में 66.24 प्रतिशत ही मतदान हुआ था, इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों का मतदान राज्य की तुलना में बहुत कम है। इस कारण जिले का औसत मतदान भी राज्य की तुलना में कम रहा। इसी मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अब निर्वाचन विभाग पहल करने में जुटा हुआ है।
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