700 करोड़ में हुआ कोटा का विकास:100 साल पुरानी रियासत कालीन इमारत रेनोवेट की, सड़क ट्रैफिक सिग्नल फ्री हुई
कोचिंग सिटी कोटा ने अब पयर्टन नगरी बनने की ओर कदम बढ़ाए है। आवागमन की सरलता, मूलभूत सुविधाओं में विस्तार के साथ यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विकास विजन से कोटा जिला देश के बड़े शहरों में शामिल होने की कतार में खड़ा हुआ है। 700 करोड़ की लागत से हुए विकास कार्यों से शहर अब ट्रैफिक लाइट फ्री सिटी बन गया है। साथ ही 100 साल पुरानी इमारत को फिर से रेनोवेट किया गया। फ्लाई ओवर,अंडरपास, चौराहे के सौन्दर्यकरण की डॉक्यूमेंट्री देख सीएम अशोक गहलोत को भी कहना पड़ा ये कोई मामूली बात नहीं।

सिटी मॉल फ्लाईओवर
.सिटी मॉल फ्लाईओवर- (लागत 47 करोड़,650 मीटर लंबाई)
फायदा– झालावाड़ रोड़ पर यातायात जाम की समस्या के स्थाई समाधान के 4 लेन का फ्लाईओवर का निर्माण किया गया।

इन्दिरा गांधी फ्लाईओवर
इन्दिरा गांधी फ्लाईओवर– (लागत 57 करोड़,1200 मीटर लंबा)
फायदा-शहर के प्रमुख व्यापारिक केंद्र गुमानपुरा में अक्सर जाम के हालात रहते थे। शाम के समय इस तिराहे पर लोगों को कई देर तक रुकना पड़ता था। जाम के स्थाई समाधान के लिए 2 लेन एलिवेटेड रोड़ का निर्माण करवाया गया है।

अनन्तपुरा फ्लाईओवर
अनन्तपुरा फ्लाईओवर– (लागत 65 करोड़)
फायदा– ये कोटा का अंतिमछोर है। यहां से भामाशाह मंडी कुछ दूरी पर स्थित है। ऐसे में यहां भारी वाहनों का आवागमन रहता है। अक्सर जाम के हालात बने रहते है। जाम की समस्या व ट्रैफिक सुगम बनाने के उद्देश्य से 530 मीटर की लम्बाई में कोटा से झालावाड़ की ओर व 1000 मीटर की लम्बाई में भामाशाह मण्डी से कोटा शहर की ओर 2 लेन फ्लाई ओवर का निर्माण करवाया गया है।

अण्टाघर चौराहे पर अण्डरपास
अण्टाघर चौराहे पर अण्डरपास-(लागत 29 करोड़)
फायदा– जेडीबी कॉलेज के पास बना चौराहा बारां रोड व झालावाड़ रोड़ को जोड़ता है। नजदीक में सम्भाग के 2 बड़े हॉस्पिटल, गवर्मेंट कॉलेज भी है। इस चौराहे पर भारी वाहनों का आवागमन रहता है। इस कारण लाल बत्ती पर रुकना पड़ता था। जाम के हालात बने रहते थे। अंडर पास बनने से ये चौराहा सिग्नल फ्री हो गया है। जाम से भी लोगों को मुक्ति मिली है।

एरोड्राम चौराहे पर अण्डरपास
एरोड्राम चौराहे पर अण्डरपास– (लागत 50 करोड़)
फायदा-ये चौराहा शहर का सबसे व्यवस्तम चौराहा है। पास में ही एयरपोर्ट है। वीआईपी मूवमेंट पर अक्सर यहां जाम लगता था। सामान्य दिनों में भी जाम के हालात रहते थे। अंडरपास के बनने से लोगों को जाम से मुक्ति मिली है। साथ ही समय की भी बचत हो रही है।

.गोबरिया बावड़ी अण्डरपास
गोबरिया बावड़ी अण्डरपास– (लागत 31.50 करोड़)
फायदा-अनंतपुरा से पहले पढ़ने वाले इस चौराहे के आसपास ट्रक यूनियन ,पत्थर मंडी व इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण हेवी ट्रैफिक रहता है। चौराहे पर चारों ओर से आने वाले वाहनों से आए दिन जाम लगता था। अंडरपास बनने से जाम से राहत मिली है। ट्रैफिक भी सुगम हुआ है।

गुमानपुरा पार्किंग
गुमानपुरा पार्किंग– (लागत 17 करोड़)
फायदा– पार्किंग बनने से एक साथ 288 कार व 428 दुपहिया वाहन खड़े करने में आसानी हो गई है। अक्सर त्यौहारों के समय इस इलाके में वाहन ले जाने के पहले सोचना पड़ता था। ये इलाका शहर का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। वाहनों की तीतर बितर पार्किंग से अक्सर जाम रहता था। मल्टीलेवल पार्किंग बनने से गाड़ी खड़ी करने की समस्या का समाधान हो गया।

सरोवर टाकिज आर्य समाज रोड़ पार्किंग
सरोवर टाकिज आर्य समाज रोड़ पार्किंग– (लागत 12 करोड़)
फायदा– रामपुरा इलाका पुराने कोटा का सबसे प्रमुख व्यवसायिक केंद्र होने से इस इलाके में होल सेल कारोबारियों की संख्या ज्यादा है। ठेले, छोटे लोडिंग वाहन की वजह से गाड़ी पार्किंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अक्सर जाम के हालात बने रहते थे। नई पार्किंग बनने से यहां एक साथ 173 कार व 132 दुपहिया वाहन पार्क किए जा सकेंगे।

अदालत चौराहा
अदालत चौराहा– (लागत 12 करोड़)
फायदा– पर्यटन की दृष्टि से इस चौराहे को हेरिटेज लुक दिया गया है। सौन्दर्यकरण के तहत चारों तरफ फसाड़ कार्य व वियतनाम मार्बल पत्थर के चार बड़े हाथी की मूर्ति लगाई गई है। उनपर नक्काशी भी की गई है। इस चौराहे पर रखी पुराने जमाने की तोपें को भी ऊंचाई पर रखा गया है।

घोड़े वाले बाबा चौराहा
घोड़े वाले बाबा चौराहा-( लागत 13 करोड़)
फायदा– पर्यटन की दृष्टि से इस चौराहे का सौन्दर्यकरण करवाया गया है। चौराहे पर बांसवाड़ा मार्बल से 23 मीटर ऊंचे मोनुमेंट का निर्माण किया गया है जिसमें पत्थर की नक्कासी से प्राचीन युद्ध का चित्रण, मार्बल के घुड़सवार, मार्बल के शेर, जालिया, फव्वारे आदि का कार्य किया गया है। इस चौराहे की डिजाइन व चौड़ाई को लेकर विपक्ष के नेता निशाना साधते रहे है।

विवेकानन्द चौराहा पर हैरिटेज स्ट्रीट
विवेकानन्द चौराहा पर हैरिटेज स्ट्रीट– ( लागत 13 करोड़)
फायदा– इस चौराहे को हैरिटेज स्ट्रीट के रूप में विकसित किया गया है। ताकि कोटा की पर्यटन के हिसाब से पहचान बने। चौराहे पर गन मेटल से बनी स्वामी विवेकानन्द की 15 फीट ऊंची मूर्ति लगाई गई है। जो चंबल पुलिया से चढ़ते समय ही नजर आ जाती है। चोराहे के चारों तरफ स्थित भवनो में स्टोन फसाड का कार्य एवं डेकोरेटिव लाइटिंग का कार्य किया गया है।

महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में नवीन ओपीडी ब्लॉक
महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में नवीन ओपीडी ब्लॉक– (लागत 40 करोड़)
फायदा-संभाग के सबसे बड़े महाराव भीमसिंह चिकित्सालय (एमबीएस हॉस्पिटल) में आसपास के जिले समेत एमपी के मरीज भी इलाज के लिए आते है। ऐसे में हॉस्पिटल में सामान्य दिनो में भी भीड़ रहती है। नई बिल्डिंग बनने से लोगों की परेशानियां कम होगी। यहां भूतल एवं तीन मंजिला राजस्थानी निर्माण शैली में ओपीडी ब्लॉक का निर्माण किया गया है। इस बिल्डिंग में समस्त विभागों की ओपीडी सभी प्रकार की जांचों, आईसीयू ऑपरेशन थियटर संचालित होंगे। बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा की गई है।

.जेके लोन अस्पताल में नवीन ओ.पी.डी. ब्लॉक
जेके लोन अस्पताल में नवीन ओपीडी ब्लॉक– (लागत 12 करोड़)
फायदा-संभाग के सबसे बड़े मातृ एंव शिशु रोग चिकित्सालय (जेके लोन हॉस्पिटल) में आसपास के जिले समेत एमपी के मरीज भी इलाज के लिए आते है। ऐसे में हॉस्पिटल में सामान्य दिनो में भी भीड़ रहती है। यहां भूतल एवं 2 मंजिला नया ओपीडी ब्लॉक बनने से पेडियाट्रिक व गायकोनोलोजी विभागो की ओपीडी, जांचें, आईसीयू, ऑपरेशन थियटर संचालित होंगे। इस बिल्डिंग का निर्माण राजस्थानी शैली में किया गया है। बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा की गई है।

सुभाष लाईब्रेरी
सुभाष लाईब्रेरी– (लागत 4 करोड़)
फायदा-पर्यटनक की दृष्टि से रियासत कालीन सुभाष लाईब्रेरी के भवन का जीर्णोद्वार किया गया है। ताकि रेल्वे स्टेशन से निकलते ही पर्यटकों शहर के ऐतिहासिक स्वरूप को देख सकें।

राजकीय महाविद्यालय भवन का नवीनीकरण
राजकीय महाविद्यालय भवन का नवीनीकरण– (लागत 4 करोड़)
फायदा– करीब 100 साल पुरानी रियासत कालीन इमारत को रेनोवेट की गई। लाइटिंग के कार्य किए गए। इसे जयपुर के अल्बर्ट हॉल की तर्ज पर पर्यटकों का आकर्षण का केन्द्र बनाया गया है।

महाराणा प्रताप फ्लाईओवर
महाराणा प्रताप फ्लाईओवर– लागत 42 करोड़,लंबाई 467 मीटर)
फायदा-जयपुर,बूंदी की ओर जाने वाले रास्ते पर कुन्हाड़ी पेट्रोल पंप के पास अक्सर जाम के हालात रहते थे। बूदी रोड़ पर महाराणा प्रताप चौराहे पर ट्रैफिक जाम की समस्या के स्थाई समाधान के लिए 2 लेन फ्लाई ओवर का निर्माण करवाया गया है।

गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक रोड़ का नवीनीकरण
गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक रोड़ का नवीनीकरण– (लागत 31.50 करोड़)
फायदा– गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक खराब सड़क के कारण आने जाने में वक्त लगता था। रेल्वे स्टेशन से झालावाड रोड़ पर यातायात को सुगम करने की उद्देश्य से मुख्य सड़क गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक का विस्तार किया गया है। जो पूरी तरह से ट्रैफिक सिग्नल फ्री है।

ग्रेड सेपरेटर कोटड़ी रोड़
ग्रेड सेपरेटर कोटड़ी रोड़– (लागत 10 करोड़)
फायदा-इसके बनने से कोटड़ी से गुमानपुरा की तरफ जाने की राह आसान हुई है। पहले कोटड़ी से गुमानपुरा की तरफ जाने में वाहनों को दिक्कत रहती थी। यहां ट्रैफिक भी जाम रहता था। ग्रेड सेपरेटर बनने से अब ये रोड सिग्नल फ्री हो गया है। छोटे बड़े वाहन सरपट दौड़ते है।
जेके लोन अस्पताल में नया आईपीडी ब्लॉक– (लागत 18 करोड़)
फायदा-नवजात बच्चों की मौत के बाद सुर्ख़ियों में जेके लोन हॉस्पिटल की सुविधाओं में विस्तार किया गया। यहां भूतल व 3 मंजिला नया आईपीडी का निर्माण किया गया। नवजात बच्चों के बेहतर इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं युक्त नीकु-पीकु एवं सामान्य वार्ड बनाए गए।

महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति
महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति– (लागत 4.6 करोड़)
फायदा-स्वतंत्रता आंदोलन की याद ताजा करने के उद्देश्य से जेडीबी कॉलेज के सामने महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई । युवाओं को स्वतन्त्रता आन्दोलन का संदेश देने व स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान किए गए विचार विमर्श को दर्शाते हुए महात्मा गांधी, पं.जवाहर लाल नेहरू व सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्तिया स्थापित की गई है।
एसटीपी बालिता (30 एमएलडी)- (लागत 62करोड़)
फायदा– चम्बल शुद्धिकरण के लिए नदी में गिर रहे नालों के गंदे पानी के शुद्धिकरण करने के उद्देश्य से 62 करोड़ की लागत से 30 एमएलडी क्षमता का एसटीपी प्लाट बालिता में निर्मित किया गया।
शिलान्यास
एमबीएस अस्पताल में डिलक्स कोटेज वार्ड का निर्माण– (लागत 68 करोड़)
फायदा– इसके बन जाने से 160 बेड की एक्स्ट्रा सुविधा मिल सकेगी। हॉस्पिटल में सुविधाओं का विस्तार करते हुए बेसमेंट एवं 5 मंजीला डिलक्स कोटेज वार्ड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसमें लगभग 160 बेडो की सुविधा उपलब्ध होगी।

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