DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

बहनों से मिलकर लौट रहे सेना के जवान की मौत:ट्रैक्टर ने बाइक को मारी टक्कर, एक घायल; डोगरा रेजिमेंट में बेंगलुरु में थे तैनात

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बहनों से मिलकर लौट रहे सेना के जवान की मौत:ट्रैक्टर ने बाइक को मारी टक्कर, एक घायल; डोगरा रेजिमेंट में बेंगलुरु में थे तैनात

भरतपुर

भरतपुर में ट्रैक्टर ट्रॉली ने बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी। एक्सीडेंट में सेना के जवान की मौत हो गई। वहीं, एक युवक घायल हो गया। हादसा सेवर थाना इलाके में गुरुवार दोपहर एक बजे का है।

जवान उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के अकोला गांव का रहने वाला था। वह बहनों से मिलने बाइक से भरतपुर में धांधोली गांव आया था। धांधोली से आगरा लौटते समय एक्सीडेंट हो गया।

सेवर थाना इंचार्ज रणवीर सिंह ने बताया- मृतक सतेंद्र कुमार (19) बेंगलुरु में डोगरा रेजिमेंट में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात था। ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया गया है। ड्राइवर की तलाश की जा रही है। पोस्टमाॅर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

15 दिन की छुट्‌टी पर आया था सतेंद्र कुमार के जीजा सुभाष ने बताया- सतेंद्र मार्च में ट्रेनिंग पर गया था। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद नवंबर में ही उसकी जॉइनिंग हुई थी। 21 दिसंबर को छुट्टी पर अपने घर आया था। 5 जनवरी को उसे अयोध्या में रिपोर्ट करना था। सतेंद्र की चार बहनें हैं, जिनमें से दो बहनों की शादी भरतपुर के रुदावल कस्बे में हुई है। वहीं, दो बहनों की शादी सेवर थाना इलाके के धांधोली गांव में हुई है। सतेंद्र दोनों बहनों से मिलने के लिए बुधवार को धांधोली गांव आया था।

साथ जा रहा बहन का देवर हुआ घायल आज वह वापस अपने गांव अकोला जा रहा था। करीब 12 बजे धांधोली गांव से निकला था। सतेंद्र के साथ बाइक पर उसके जीजा सुभाष का भाई सोनू कुमार भी था। धांधोली गांव से 10 किलोमीटर दूर लुधावई टोल के पास करीब एक बजे पीछे से आ रहे ट्रैक्टर ट्रॉली ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद ड्राइवर ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया।

आसपास के लोगों ने दोनों को आरबीएम अस्पताल पहुंचाया। जहां सतेंद्र को मृत घोषित कर दिया। सतेंद्र के पैर, सिर, गर्दन सहित शरीर में जगह-जगह चोट आई थीं। वहीं सोनू के परिजन उसे निजी अस्पताल में ले गए। जहां उसका इलाज जारी है। सोनू भरतपुर में रहकर रीट की तैयारी कर रहा है। वह सतेंद्र के साथ घर से भरतपुर अपने किराये के कमरे पर आ रहा था। सतेंद्र का शव परिजन आगरा ले गए।

सतेंद्र के पिता की चार साल पहले, जबकि बड़े भाई की दो साल पहले मौत हो चुकी है।

कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय में रही थी भूमिका डोगरा रेजिमेंट भारतीय सेना का एक अंग है। इसका मुख्यालय अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में है। इस रेजिमेंट का इतिहास 200 साल पुराना है। इस रेजिमेंट का युद्धघोष ज्वाला माता की जय है। इनकी वर्दी खास है। डोगरा रेजिमेंट के ध्वज पर अंग्रेजी राज के दौरान ब्रिटिश हुकूमत का ताज होता था। भारत के आजाद होने के बाद भारतीय सेना का पुनर्गठन हुआ। डोगरा रेजिमेंट भारतीय सेना का हिस्सा बन गई। इसमें कुछ नए हिस्से भी शामिल किए गए।

ब्रिटिश सेना की डोगरा पलटनों के अलावा हिमाचल प्रदेश के मंडी, सुकेत, सिरमौर और चंबा के राजाओं की सेनाओं को डोगरा रेजिमेंट में मिला दिया गया। रेजिमेंट में शामिल हिमाचल के राजघरानों की फौज के झंडे आज भी डोगरा रेजिमेंट के हिस्से हैं। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन विजय के तहत टाइगर हिल मिशन पर पांचवीं डोगरा बटालियन के जवानों को ही लगाया गया था, जो पूरी तरह से सफल रहा।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!