बीकानेर: डंपिंग यार्ड में भीषण आग, चार युवक गंभीर रूप से झुलसे
बीकानेर। शहर के करमीसर स्थित डंपिंग यार्ड में बुधवार देर शाम एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें चार युवक गंभीर रूप से झुलस गए। बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद अचानक हुए धमाके में ये युवक चपेट में आ गए। चारों को पीबीएम अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। इनमें से दो की हालत नाजुक बताई जा रही है।
घायलों की पहचान और स्थिति
हादसे में झुलसे युवकों की पहचान करमीसर निवासी 20 वर्षीय संजु पुत्र पप्पूराम, 20 वर्षीय राजा पुत्र रामदेव, 21 वर्षीय मनीष पुत्र गणपत राम और 21 वर्षीय नवीन पुत्र हुक्माराम के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चारों युवक यार्ड में बैठे हुए थे, जब अचानक विस्फोट हुआ और आग ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। आसपास के लोगों ने तुरंत घायलों को पीबीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दो युवकों की हालत गंभीर बताई है, जबकि अन्य दो भी काफी हद तक झुलस गए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
घटना के तुरंत बाद लोगों में दहशत फैल गई। शुरुआत में यह आशंका जताई गई कि आग सिलेंडर ब्लास्ट के कारण लगी है, लेकिन बाद में स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक डंपिंग यार्ड में बैठे सिगरेट पी रहे थे। संभवतः सिगरेट की चिंगारी वहां पड़े किसी ज्वलनशील पदार्थ या केमिकल वेस्ट पर गिर गई, जिससे विस्फोट हुआ और आग भड़क उठी। हालांकि, घटना के वास्तविक कारणों की पुष्टि पुलिस जांच के बाद ही हो सकेगी।
पुलिस जुटी जांच में
घटना की सूचना मिलते ही नयाशहर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन खबर लिखे जाने तक घटनास्थल की सटीक लोकेशन का पता नहीं चल सका था। पुलिस ने आसपास के इलाकों में छानबीन शुरू कर दी है और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही डंपिंग यार्ड में मौजूद कचरे और केमिकल वेस्ट के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है, जिससे हादसे के असल कारणों का पता लगाया जा सके।
डंपिंग यार्ड में सुरक्षा पर सवाल
बीकानेर शहर का करमीसर डंपिंग यार्ड पहले भी कई बार हादसों और आग की घटनाओं का गवाह बन चुका है। यहां अक्सर ज्वलनशील कचरा और रसायन फेंके जाने की शिकायतें मिलती रहती हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि डंपिंग यार्ड में सुरक्षा उपायों की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
घटना के बाद प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर डंपिंग यार्ड में ऐसे ज्वलनशील पदार्थ कैसे पहुंच रहे हैं और उनकी निगरानी क्यों नहीं की जा रही। यदि यहां पड़े कचरे और रसायनों की नियमित जांच की जाती, तो शायद इस तरह की दुर्घटनाएं टाली जा सकती थीं।
डॉक्टरों की अपील – झुलसे मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत
पीबीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि झुलसे हुए मरीजों को इलाज के दौरान विशेष देखभाल की जरूरत होगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे इस तरह के हादसों से बचने के लिए ज्वलनशील पदार्थों और केमिकल वेस्ट से दूर रहें। साथ ही प्रशासन से यह भी आग्रह किया गया है कि डंपिंग यार्ड में सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया जाए।
प्रशासन क्या कर रहा है?
बीकानेर प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि पुलिस जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। वहीं, स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर चिंता जताते हुए प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
फिलहाल, पुलिस इस घटना की गहराई से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही हादसे के पीछे की असली वजह सामने आ जाएगी।
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