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ISI के इशारे पर रची घोड़ासहन स्टेशन पर ट्रेन पलटाने साजिश, NIA कोर्ट में छह दोषी करार; सजा पर 5 अक्टूबर को सुनवाई

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ISI के इशारे पर रची घोड़ासहन स्टेशन पर ट्रेन पलटाने साजिश, NIA कोर्ट में छह दोषी करार; सजा पर 5 अक्टूबर को सुनवाई

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने देश में आंतक फैलाने के लिए फंडिंग कर स्थानीय लोगों को मिलाया और उनकी मदद से ट्रेन उड़ाने की साजिश रची थी। इसी साजिश के तहत 30 सितंबर 2016 को घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक नेपाली बार्डर रेलवे ट्रैक पर आईईडी प्लांट किया गया था ।

एनआईए पटना की कोर्ट ने पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन स्टेशन के नेपाली बॉर्डर रेलवे ट्रैक पर आईईडी प्रेशर कुकर बम प्लांट कर ट्रेन पलटाने की आतंकी साजिश में छह आरोपितो को दोषी करार दिया है। गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अभिजीत कुमार ने यूएपीए, रेलवे एक्ट समेत अन्य धाराओं में मोती लाल पासवान, रंजय कुमार साह, मुकेश यादव, राकेश कुमार यादव, गजेन्द्र कुमार शर्मा और उमाशंकर पटेल को दोषी करार दिया है।

विशेष कोर्ट में आरोपितों की सजा की बिंदु पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी। दोषी करार दिए गए सभी आरोपित फिलहाल बेउर जेल में बंद हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने देश में आंतक फैलाने के लिए फंडिंग कर स्थानीय लोगों को मिलाया और उनकी मदद से ट्रेन उड़ाने की साजिश रची थी। इसी साजिश के तहत 30 सितंबर 2016 को घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक नेपाली बार्डर रेलवे ट्रैक पर आईईडी प्लांट किया गया था। हालांकि विस्फोट से पहले ही बम को बरामद कर उसे नष्ट कर दिया गया। गजेंद्र शर्मा भोजपुरी गानों की रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो चलाता था और वहीं राकेश यादव एक मजदूर का बेटा है।

इन सभी को रेलवे ऐक्ट की धारा 150, सेक्शन विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 तथा UAPA की धारा 16, 17, 18, 18 B और 20 के तहत दोषी ठहराया गया है। मोती लाल पासवान और मुकेश यादव दोनों ही नेपाल के नजदीक एक गांव बखरी के रहने वाले हैं। यह दोनों 20 नवंबर, 2016 को कानपुर के नजदीक इंदौर-पटना एक्सप्रेस को भी बेपटरी करने की साजिश में संदिग्ध आरोपी हैं। 

इस मामले में NIA ने 24 जुलाई को 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इनमें उमाशंकर पटेल, गजेंद्र शर्मा, राकेश कुमार यादव, रंजय साह, मुकेश यादव, मोतिलाल पासवान, ब्रज किशोर गिरी, समसुल होडा और अरुण राम शामिल हैं। बृज किशोर गिरी और समसुल दोनों ही नेपाल के बारा (कल्याण) जिले के रहने वाले हैं और अन्य सभी आरोपी मोतिहारी के रहने वाले हैं।

छह आरोपी न्यायिक हिरासत में है। आरोपी बृज किशोर गिरी और समशुल होडा नेपाल के बारा जिले में एक हत्या के केस में गिरफ्तार हुए हैं। आरोपी अरुण राम की 25 दिसंबर, 2016 को हत्या हुई थी। नेपाली नागरिक समसुल और पाकिस्तान का रहने वाला मोहम्मद साफी मुख्य साजिशकर्ता थे। इनमें बृज किशोर गिरी भी शामिल था। समसुल नेपाल में चुनाव भी लड़ चुका है। वो गिरी का फाइनेंसर था।

साल 2016 में केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी ने मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया था। इस दौरान नेपाल में दो लोग 20 नवंबर, 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस को कानपुर के पास बेपटरी करने की बातचीत कर रहे थे। एक शख्स ने दूसरे से फोन पर बातचीत के दौरान कहा, ‘कील-कांटी निकालने से काम हुआ, बम लगाने से कुछ नहीं हुआ।’ यह ट्रेन के बेपटरी होने के दो हफ्ते के अंदर की बातचीत की रिकॉर्डिंग थी। इस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी। इस बातचीत से खुफिया विभाग को इतना तो पता लग गया कि यह एक आतंकवादी साजिश है। इसके बाद जल्द ही मोहम्मद मुहाजिर और ब्रज किशोर गिरी को गिरफ्तार कर लिया गया। इन्हीं के बयान पर पूरे गैंग का पता चला था। 

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