देहरादून फैशन वीक 2024: महिलाओं की गरिमा और संघर्ष की कहानी
देहरादून, 27 सितंबर 2024: “देहरादून फैशन वीक 2024” का 14वां सीजन 27 से 29 सितंबर तक आयोजित होने जा रहा है। इस साल का फोकस स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को प्रदर्शित करना है, साथ ही महिलाओं के अधिकारों और उनके प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक सशक्त संदेश देना है।
“पद्मावती” की प्रेरणा
इस फैशन वीक का मुख्य आकर्षण अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी डिजाइनर वैभव श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत “पद्मावती” कॉन्सेप्ट वॉक होगा। यह कॉन्सेप्ट रानी पद्मावती की प्रेरणादायक कहानी पर आधारित है, जिसने अपने आत्म-सम्मान के लिए अद्वितीय साहस दिखाया। श्रीवास्तव का मानना है कि आज की युवा पीढ़ी को पद्मावती के संघर्ष से सीख लेनी चाहिए और अपने हक के लिए खड़ी होनी चाहिए।
श्रीवास्तव ने कहा, “हमारी पुरानी संस्कृति में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी आवाज उठानी चाहिए।”
शोस्टॉपर और उनके संदेश
इस शो में जयपुर की प्रियंका कुमावत, जो एक प्रभावशाली शोस्टॉपर होंगी, का विशेष स्थान है। वे न केवल अपने शहर की परंपरा और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करेंगी, बल्कि लड़कियों के मूल्यों और गरिमा को बढ़ाने का भी संदेश देंगी। उनके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण से युवाओं को अपने आत्म-सम्मान की रक्षा करने की प्रेरणा मिलेगी।
प्रतिभागियों का योगदान
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिभाशाली डिजाइनरों और मॉडल्स की भागीदारी होगी। जोधपुर की महिला डिजाइनर रश्मि मधुसूदन चौहान, जो स्थानीय मारवाड़ी रजवाड़ी आउटलेट की निदेशक हैं, अपनी विशेष रचनाओं के साथ शामिल होंगी। वहीं, आगरा के न्यू राजकुमार गारमेंट्स के निदेशक अभिषेक गुप्ता पुरुष मॉडल्स के लिए अपने डिजाइन प्रस्तुत करेंगे।
स्थानीय संस्कृति और महिला सशक्तिकरण
यह फैशन वीक न केवल फैशन की दुनिया में एक नया आयाम जोड़ता है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों और उनकी गरिमा को भी उजागर करता है। इस तरह के कार्यक्रम स्थानीय कलाकारों को अपने कौशल प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं और समाज में जागरूकता फैलाते हैं।
निष्कर्ष
“देहरादून फैशन वीक 2024” एक ऐसा आयोजन है जो न केवल फैशन को बल्कि महिलाओं की शक्ति और साहस को भी मान्यता देता है। रानी पद्मावती की कहानी के माध्यम से, यह शो आज की लड़कियों को प्रेरित करने का प्रयास करेगा कि वे भी अपने हक के लिए खड़ी हों और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे बढ़ें।
इस फेस्टिवल का हिस्सा बनकर, हम सभी को उम्मीद है कि हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं, जहां महिलाएं अपनी पहचान और अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ सकें।
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